CollegeDekho

Frequently Search

Couldn’t find the answer? Post your query here

  • अन्य आर्टिकल्स
  • होली पर निबंध (Essay on Holi in Hindi): इतिहास, महत्व, 200 से 500 शब्दों में होली पर हिंदी में निबंध लिखना सीखें

Updated On: September 02, 2024 06:24 pm IST

  • होली पर निबंध 200 शब्दो में (Essay on Holi in …
  • होली पर निबंद 500 शब्दो में (Essay on Holi in …
  • होली पर निबंद 750 शब्दो में (Essay on Holi in …

होली पर निबंध 10 लाइन (Holi Par Nibandh 10 Lines)

होली पर निबंध (Essay on Holi in Hindi)

होली पर निबंध (Essay on Holi in Hindi): होली एक ऐसा रंगबिरंगा त्योहार है, जिसे हिन्दू धर्म के लोग पूरे उत्साह और सौहार्द के साथ मनाते हैं। प्यार भरे रंगों से सजा यह पर्व हिन्दू धर्म के लोगो के बीच भाई-चारे का संदेश देता है। इस दिन सभी लोग अपने पुराने गिले-शिकवे भूल कर गले लगते हैं और एक दूजे को गुलाल लगाते हैं। बच्चे और युवा रंगों से खेलते हैं। होली रंगो और खुशियों का त्योहार है। होली का त्यौहार विश्व भर में प्रसिद्ध है। होली का त्यौहार (Holi Festival) हिंदू धर्म में मनाया जाने वाला दूसरा सबसे बड़ा त्यौहार है। इस त्यौहार को रंगो के त्यौहार के नाम से भी जाना जाता है। होली का त्यौहार भारत के साथ-साथ नेपाल, बांग्लादेश, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा जैसे कई देशों में भी प्रसिद्ध है। इस त्यौहार को सभी वर्गों के लोग मनाते हैं। वर्तमान में तो अन्य धर्मों को मानने वाले लोग भी इस त्यौहार को बड़ी धूमधाम से मनाने लगे हैं। इस त्यौहार में ऐसी शक्ति है कि वर्षों पुरानी दुश्मनी भी इस दिन दोस्ती में बदल जाती है। इसीलिए होली को सौहार्द का त्यौहार भी कहा गया है। ऐसा माना जाता है कि होली का त्योहार (Festival of Holi) हजारों वर्षों से मनाया जा रहा है। होली का त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। ये भी पढ़ें - अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर भाषण होली पर निबंध (Holi Par Nibandh) लिखने के इच्छुक छात्र इस लेख के माध्यम से 200 से 500 शब्दों तक हिंदी में होली पर निबंध (Essay on Holi in Hindi) लिखना सीख सकते हैं।

होली पर निबंध 200 शब्दो में (Essay on Holi in 200 words)

होली पर निबंध (holi par nibandh) - होली का महत्व.

होली पर निबंध (Essay on Holi in Hindi) - होली कब और क्यों मनाई जाती है?

होली पर निबंध (Essay on Holi in Hindi) - होली के पर्व को हिन्दू कैलेंडर के मुताबिक फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। होली अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार अधिकतर फरवरी और मार्च के महीने में पड़ता है। इस त्योहार को बसंतोत्सव के रुप में भी मनाया जाता है। हर त्योहार के पीछे कोई न कोई कहानी या किस्सा प्रचलित होता है। ‘होली’ मनाए जाने के पीछे भी कहानी है। वैसे तो होली पर कई कहानियां सुनाई व बताई जाती है लेकिन कुछ कहानियां हैं जो गहराई से हमारी संस्कृति एंव भाव से जुड़ी है। तो आईये जानते है होली मनाने के पीछे का कारण और संस्कृति एंव भाव।

इसी तरह भगवान कृष्ण पर आधारित कहानी होली का पर्व किस खुशी में मनाया जाता है, इसके विषय में अनेक कथाएँ प्रचलित हैं। एक कथा के अनुसार भगवान कृष्ण ने दुष्टों का वध कर गोप व गोपियों के साथ रास रचाई तब से होली का प्रचलन हुआ। वृंदावन में श्री कृष्ण ने राधा और गोप गोपियों के साथ रंगभरी होली खेली थी इसी कारण वृंदावन की होली सबसे अच्छी और विश्व की सबसे प्रसिद्ध होली मानी जाती है। इस मान्यता के अनुसार जब श्री कृष्ण दुष्टों का संहार करके वृंदावन लौटे थे तब से होली का प्रचलन हुआ और तब से हर्षोल्लास के साथ होली मनाई जाती है।

होली पर निबंद 500 शब्दो में (Essay on Holi in 500 words)

होली पर निबंध (Essay on Holi in Hindi): होली भारतीय संस्कृति का एक प्रमुख धार्मिक पर्व है। यह पर्व फागुन मास के शुक्ल पक्ष में मनाया जाता है और भारत वर्ष में खुशी, आनंद, प्रेम और एकता का प्रतीक है। होली एक सांस्कृतिक महोत्सव है जिसमें लोग अपनी पूर्वाग्रहों और विभिन्न सामाजिक प्रतिष्ठानों को छोड़कर आपसी भाईचारा और प्रेम का आनंद लेते हैं। यह पर्व विभिन्न आदतों, परंपराओं और धार्मिक आराधनाओं के साथ मनाया जाता है और भारतीय समाज के लिए एक महत्वपूर्ण और आनंदमय अवसर है।

होली का त्यौहार कैसे मनाया जाता है?

विश्व के अलग-अलग कोने में अलग-अलग तरह से होली खेली जाती है कहीं फूल भरी होली खेली जाती है तो कहीं लठमार होली तो कहीं होली का नाम ही अलग होता है। होली खेलने का तरीका भले ही सबका अलग अलग हो लेकिन होली हर जगह रंगों के साथ ज़रूर खेली जाती है। होलिका दहन के लिए बड़कुल्ले बनाना, होली की पूजा करना, पकवान बनाना, होलिका का दहन करना इत्यादि किया जाता है।

होली पर निबंध (Holi Par Nibandh) - होली की तैयारी कैसे करें?

पकवान बनाने के बाद घर के सभी लोग उसे एक थाली में सजाकर होलिका दहन वाली जगह जाते हैं। इसके अलावा वे अपने साथ बड़कुल्ले और पूजा का अन्य सामान भी लेकर जाते हैं जिसमें कच्चा कुकड़ा (सूती धागा), लौटे में जल, चंदन इत्यादि सम्मिलित हैं। फिर उस जगह पहुंचकर होली की पूजा की जाती हैं, पकवान का भोग लगाया जाता हैं और बड़कुल्लों को उस ढेर में रख दिया जाता हैं। उसके बाद सभी लोग कच्चे कुकड़े को उस गोल घेरे के चारों और बांधते हैं और भगवान से प्रह्लाद की रक्षा की प्रार्थना करते हैं। पूजा करने के पश्चात सभी अपने घर आ जाते हैं।

रात में सूर्यास्त होने के बाद पंडित जी वहां की पूजा करते हैं। सभी लोग उस स्थल पर एकत्रित हो जाते हैं। उसके बाद उन लकड़ियों में अग्नि लगा दी जाती हैं। अग्नि लगाते ही, उस ढेर के बीच में रखे मोटे बांस (प्रह्लाद) को बाहर निकाल लिया जाता हैं। होलिका दहन को देखने के लिए लोग अपने घर से पानी का लौटा, कच्चा कुकड़ा, हल्दी की गांठ व कनक के बाल लेकर जाते हैं। पानी से होली को अर्घ्य दिया जाता है। दूर से उस अग्नि को कच्चा कुकड़ा, हल्दी की गांठ और कनक के बाल दिखाए जाते हैं। कुछ लोग होलिका दहन के पश्चात उसकी राख को घर पर ले जाते हैं।

होली पर निबंध (Holi Par Nibandh in Hindi) - होली कैसे खेलते है?

इन सब के बाद शुरू होता हैं असली रंगों का त्यौहार। सभी लोग अपने मित्रों, रिश्तेदारों, जान-पहचान वालों के साथ होली का त्यौहार खेलते हैं। पहले के समय में केवल प्राकृतिक रंगों से ही होली खेलने का विधान था लेकिन आजकल कई प्रकार के रंगों से होली खेली जाती हैं।

इसी के साथ लोग फूलों, पानी, गुब्बारों से भी होली खेलते हैं। कई जगह लट्ठमार होली खेली जाती हैं तो कहीं पुष्प वर्षा की जाती हैं। कई जगह कपड़ा-फाड़ होली खेलते हैं तो कई लड्डुओं की होली भी खेलते है। यह राज्य व लोगों के अनुसार भिन्न-भिन्न प्रकार की होती हैं। बस रंग हर जगह उड़ाए जाते हैं।

यह उत्सव लगभग दोपहर तक चलता हैं और उसके बाद सभी अपने घर आ जाते हैं। इसके बाद होली का रंग उतार लिया जाता हैं, घर की सफाई कर ली जाती हैं और नए कपड़े पहनकर तैयार हुआ जाता हैं। भाषण पर हिंदी में लेख पढ़ें-

होली पर निबंध (Holi Par Nibandh) -  होली के हानिकारक प्रभाव

होली का इन्तजार लोगो को पुरे साल भर रहता है। लेकिन कई बार होली पर बहुत सी दुर्घटनाएं भी हो जाती है जिसका ध्यान रखना चाहिए। लोगों द्वारा होली के दिन गुलाल का प्रयोग न कर के केमिकल और कांच मिले रंगों का प्रयोग किया जाता है। जिससे चेहरा खराब हो जाता है कई लोग मादक पदार्थों का सेवन व भाग मिला कर नशा करते हैं जिससे कई लोग दुर्घटना का शिकार भी हो जाते हैं। ऐसे ही होली के दिन बच्चे गुब्बारों में पानी भर कर गाड़ियों के ऊपर फेंकते हैं या पिचकारी और रंगो को आँखों में फेंक के मरते हैं होली में ऐसे रंगों व हरकतों को न करें जिससे किसी व्यक्ति के जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ें इसलिए होली के दिन सावधानीपूर्वक रंगो को खेलिये जिससे किसी के लिए हानिकारक न हो।

सुरक्षित तरीके से होली खेलने के सुझाव

होली का त्योहार (Holi Festival) ऐसा त्योहार है, जिसमें सभी लोग इसके रंग में डूबे नजर आते हैं, लेकिन इसकी मौज-मस्ती आपको इन बातों का भी विशेष ख्याल रखना चाहिए ताकि इस प्यार भरे उत्सव का मजा किरकिरा न हो।

  • होली खेलने से पहले अपने पूरे शरीर और बालों पर अच्छी तरह तेल और मॉइश्चराइजर लगा लें। ताकि रंग आसानी से छूट जाएं।
  • होली खेलने के लिए नैचुरल और ऑर्गेनिक रंगों का इस्तेमाल करें, कैमिकल भरे रंगों के इस्तेमाल से बचें। क्योंकि कैमिकल वाले रंगों की वजह से कई बार स्किन एलर्जी तक हो जाती है।
  • होली में ज्यादा पानी को बर्बाद न करें।
  • होली पर फुल कपड़े पहनने की कोशिश करें, ताकि कलर ज्यादा स्किन पर न आए।
  • होली में किसी पर जबरदस्ती कलर नहीं डालें और ध्यान रखें कि मौज-मस्ती में किसी को चोट न आए।
  • होली की मौज-मस्ती में बच्चों का विशेष ख्याल रखें, कई बार ज्यादा समय तक पानी में गीले रहने से बच्चे बीमार भी पड़ जाते हैं

होली रंग का त्योहार है, जिसे मस्ती और आनंद के साथ मनाया जाता है। होली में पानी और रंग में भीगने के लिए तैयार रहें, लेकिन खुद को और दूसरों को नुकसान न पहुंचाने के लिए भी सावधान रहें। अपने दिमाग को खोलें, अपने अवरोधों को बहाएं, नए दोस्त बनाएं, दुखी लोगों को शांत करें और टूटे हुए रिश्तों को जोड़ें। चंचल बनें लेकिन दूसरों के प्रति भी संवेदनशील रहें। किसी को भी अनावश्यक रूप से परेशान न करें और हमेशा अपने आचरण की देखरेख करें। इस होली में केवल प्राकृतिक रंगों से खेलने का संकल्प लें।

होली पर निबंध (Essay on Holi in Hindi) - होली से जुड़ी सामाजिक कुरीतियां

होली जैसे धार्मिक महत्व वाले पर्व को भी कुछ असामाजिक तत्व अपने गलत आचरण से प्रभावित करने की कोशिश करते हैं। कुछ असामाजिक तत्व मादक पदार्थों का सेवन कर आपे से बाहर हो जाते हैं और हंगामा करते नजर आते हैं। कुछ लोग होलिका में टायर जलाते हैं, उनको इस बात का अंदाजा नहीं होता कि इससे वातावरण को बहुत अधिक नुकसान पहुँचता है। कुछ लोग रंग और गुलाल की जगह पर पेंट और ग्रीस लगाने का गंदा काम करते हैं जिससे लोगों को शारीरिक क्षति होने की आशंका रहती है। अगर में होली से इन कुरीतियों को दूर रखा जाए तो होली का पर्व वास्तव में हैप्पी होली बन जाएगा। इसलिए होली में कुरीतियों से बचें और खुशुयों से होली मनाये यह लोगो के बीच एकता और प्यार लाता है।

होली पर निबंद 750 शब्दो में (Essay on Holi in 750 words in Hindi)

रंगों का त्योहार: होली होली भारत का एक प्रमुख और रंगारंग त्योहार है जिसे हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। यह त्योहार रंगों, मिठाइयों और खुशियों का प्रतीक है। होली का प्रारंभिक उद्देश्य बुराई पर अच्छाई की विजय और प्रेम एवं भाईचारे का संदेश देना है। यह त्योहार हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, लेकिन यह अब पूरे भारत और दुनिया भर में विभिन्न समुदायों द्वारा मनाया जाता है। होली का धार्मिक और पौराणिक महत्व: होली का पर्व पौराणिक कथाओं से जुड़ा हुआ है। इस त्योहार का संबंध प्रह्लाद, हिरण्यकश्यप और होलिका की कथा से है। कथा के अनुसार, हिरण्यकश्यप एक अत्याचारी राजा था जिसने अपने पुत्र प्रह्लाद को भगवान विष्णु की भक्ति करने से रोकने का प्रयास किया। हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका, जिसे अग्नि से अजेयता का वरदान प्राप्त था, की मदद ली। होलिका ने प्रह्लाद को गोद में लेकर अग्नि में बैठ गई, लेकिन भगवान विष्णु की कृपा से प्रह्लाद सुरक्षित रहा और होलिका जल गई। इस प्रकार, होली का पर्व बुराई पर अच्छाई की विजय के रूप में मनाया जाता है। होली के त्योहार की तैयारी: होली के त्योहार की तैयारी कई दिन पहले से शुरू हो जाती है। लोग घरों की साफ-सफाई करते हैं, नए कपड़े खरीदते हैं और विशेष पकवान जैसे गुजिया, पापड़ी, ठंडाई आदि बनाते हैं। होली के दिन से एक दिन पहले होलिका दहन होता है, जिसमें लकड़ियों का ढेर बनाकर होलिका की प्रतिमा का दहन किया जाता है। इस दहन के माध्यम से बुराई का नाश और अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। होली का दिन: होली के दिन सभी लोग सुबह से ही रंग खेलने की तैयारी में लग जाते हैं। लोग रंग, गुलाल और पानी के रंगों से एक-दूसरे को रंगते हैं। बच्चे पिचकारियों और पानी के गुब्बारों से खेलते हैं। लोग अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के घर जाते हैं और रंग-गुलाल से उनका स्वागत करते हैं। इस दिन सभी भेदभाव मिट जाते हैं और हर कोई एक दूसरे के गले लगकर बधाई देता है। होली का सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व: होली का त्योहार सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण है। यह त्योहार समाज में एकता, प्रेम और भाईचारे को बढ़ावा देता है। इस दिन सभी लोग अपने आपसी मतभेद भूलकर एक-दूसरे के साथ मिलकर खुशियां मनाते हैं। होली का पर्व न केवल भारत में बल्कि नेपाल, पाकिस्तान, बांग्लादेश और अन्य देशों में भी बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इसके अलावा, यह त्योहार भारतीय संस्कृति और परंपराओं का जीवंत उदाहरण है जो पूरी दुनिया में प्रचलित है। होली के गीत और नृत्य: होली के मौके पर लोग फागुन के गीत गाते हैं और नृत्य करते हैं। होली के गीतों में राधा-कृष्ण की लीलाओं का वर्णन होता है। विशेषकर ब्रज क्षेत्र में होली का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। यहां के लोग फागुन के महीने में रंगों से खेलते हैं और राधा-कृष्ण की होली की झांकी प्रस्तुत करते हैं। इसके अलावा, बॉलीवुड में भी होली पर आधारित कई प्रसिद्ध गीत हैं जो इस त्योहार की खुशी को और बढ़ा देते हैं। होली के रंगों का महत्व: होली के रंगों का विशेष महत्व होता है। यह रंग जीवन में खुशियां, समृद्धि और ऊर्जा का प्रतीक हैं। हर रंग का अपना एक विशेष अर्थ होता है। लाल रंग प्रेम और शक्ति का प्रतीक है, हरा रंग समृद्धि और नई शुरुआत का प्रतीक है, पीला रंग ज्ञान और बुद्धि का प्रतीक है और नीला रंग शांति और विश्वास का प्रतीक है। होली के रंग न केवल हमारे जीवन को रंगीन बनाते हैं, बल्कि यह हमें जीवन की विभिन्न रंगीन पहलुओं को भी सिखाते हैं। निष्कर्ष: होली का त्योहार हमारे जीवन में रंगों, खुशियों और प्रेम की महत्ता को दर्शाता है। यह त्योहार हमें बुराई पर अच्छाई की विजय का संदेश देता है और हमें एक-दूसरे के प्रति प्रेम और सम्मान का भाव रखने की प्रेरणा देता है। होली का पर्व सामाजिक एकता और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है जो हमारे समाज को और भी मजबूत और खुशहाल बनाता है। इसलिए, हमें इस त्योहार को पूरे उत्साह और उल्लास के साथ मनाना चाहिए और इसके संदेश को अपने जीवन में अपनाना चाहिए। होली पर निबंध (Holi Par Nibandh) कुछ लाइनों में लिखने के इच्छुक छात्र इस लेख के माध्यम से होली पर निबंध 10 लाइनों (Holi Par Nibandh 10 Lines) में लिखना सीखें।

Are you feeling lost and unsure about what career path to take after completing 12th standard?

Say goodbye to confusion and hello to a bright future!

क्या यह लेख सहायक था ?

Related questions, what type off entrance and which syllables is required for bsc biotechnology entrance of collge.

Hi there, to apply at LPU for BSc Biotechnology you need to qualify LPUNEST. All the info pertaining to LPUNEST is on the website. LPU is one of the top ranking university with NAAC A ++ accreditaiton. GOod Luck

I was born in Telangana, permanent residence here. I studied up to grade 4 in Telangana then moved to Tirupathi , Andhra Pradesh for grades 5-9. Now in grade 10. Will I be considered local of Telangana for EAMCET if I finish 10th grade in Telangana?

Hi there, LPU is one of the top ranking university with NAAC A ++ accreditation. LPU offers over 150 programs in various disciplines. For more info you can either visit LPU website or reach out to LPU officials. GOod LUck

What are the TS EDCET 2024 web options in counselling process phase 2?

I want to attempt special phase

क्या आपके कोई सवाल हैं? हमसे पूछें.

24-48 घंटों के बीच सामान्य प्रतिक्रिया

व्यक्तिगत प्रतिक्रिया प्राप्त करें

बिना किसी मूल्य के

समुदाय तक पहुंचे

समरूप आर्टिकल्स

  • दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi): दशहरा पर 10, 100, 200, 500 शब्दों में निबंध
  • जेएनवीएसटी रिजल्ट 2025 (JNVST Result 2025): नवोदय विद्यालय कक्षा 6वीं और 9वीं का रिजल्‍ट
  • KVS एडमिशन लिस्ट 2025 (प्रथम, द्वितीय, तृतीय) की जांच कैसे चेक करें (How to Check KVS Admission List 2025): डायरेक्ट लिंक, लेटेस्ट अपडेट, स्टेप्स
  • गार्गी पुरस्कार छात्रवृत्ति 2024 योजना (Gargi Puraskar Scholarship 2024 Scheme)
  • डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध (Essay on Dr. APJ Abdul Kalam in Hindi) - सभी क्लास के लिए हिंदी में 100, 200 और 500 शब्दों में निबंध लिखें
  • बीपीएससी 69वीं प्रीलिम्स रिजल्ट 2024 (BPSC 69th Prelims Result 2024 in Hindi): रिजल्ट तारीख और डॉयरेक्ट लिंक

नवीनतम आर्टिकल्स

  • एफकैट शारीरिक और चिकित्सा मानक 2024 (AFCAT Physical and Medical Standards 2024)
  • विज्ञान के चमत्कार पर निबंध (Essay on Miracle of Science in Hindi): 200 से 500 शब्दों में निबंध लिखना सीखें
  • हिंदी दिवस पर निबंध (Essay on Hindi Diwas in Hindi): हिंदी दिवस पर 100, 250 और 500 शब्दों में निबंध
  • सैनिक स्कूल एडमिशन 2025 (Sainik School Admission 2025 in Hindi): परीक्षा तारीख, पात्रता और स्कूल
  • सैनिक स्कूल सिलेबस 2025 (Sainik School Syllabus 2025): विषयवार सिलेबस यहां देखें
  • अग्निपथ स्कीम (Agneepath Scheme in Hindi) - अग्निपथ योजना अग्निवीर योग्यता, आयु सीमा, रिक्तियां, अप्लाई लिंक, सैलरी, डायरेक्ट लिंक जानें
  • शिक्षा का महत्त्व पर हिंदी में निबंध (Essay on Importance of Education in Hindi): 100 से 500 शब्दों में देखें
  • महिलाओं के लिए ग्रेजुएशन के बाद टॉप 10 हाई सैलेरी वाली सरकारी नौकरियां (High Salary Government Jobs after Graduation for Females)
  • शिक्षक दिवस पर निबंध (Essay on Teachers Day in Hindi): टीचर्स डे पर 200, 500 और 1000 शब्दों में हिंदी में निबंध लिखें
  • बसंत पंचमी 2024: सरस्वती पूजा पर हिंदी में निबंध
  • हिंदी दिवस पर कविता (Poem on Hindi Diwas in Hindi)
  • अब्राहम लिंकन पर हिंदी में निबंध (Essay on Abraham Lincoln in Hindi): 250 शब्दों से 500 में निबंध लिखना सीखें
  • कोरोना वायरस पर निबंध (Essay on Coronavirus in Hindi): Covid-19 महामारी पर हिंदी में निबंध
  • दहेज़ प्रथा पर हिंदी में निबंध (Essay on Dowry System in Hindi): 100 से 500 शब्दों में कक्षा 7 से 10 के लिए
  • 26 जनवरी : गणतंत्र दिवस पर हिन्दी निबंध (Essay on Republic Day) - 100 से 500 शब्दों तक निबंध लिखना सीखें
  • क्रिसमस पर निबंध (Essay on Christmas in Hindi): 200 से 500 शब्दों में निबंध लिखना सीखें
  • सरदार वल्लभभाई पटेल पर हिंदी में निबंध (Essay on Sardar Vallabhbhai Patel in Hindi)
  • गाय पर हिंदी में निबंध (Essay on Cow in Hindi) - गाय पर निबंध 100, 200, 500 शब्दों में यहाँ देखें
  • मेरा प्रिय मित्र पर हिंदी में निबंध (Essay on My Best Friend in Hindi)
  • मेरा प्रिय खेल पर निबंध (Essay on my favourite Game in Hindi) - कक्षा 6 से 12 के लिए निबंध लिखना सीखें
  • मदर्स डे पर निबंध (Mothers Day Essay in Hindi): मातृ दिवस पर हिंदी में निबंध
  • पर्यावरण दिवस पर निबंध (Essay on Environment Day in Hindi) - विश्व पर्यावरण दिवस पर हिंदी में निबंध कैसे लिखें
  • हिंदी में निबंध (Essay in Hindi/ Hindi me Nibandh) - परिभाषा, प्रकार, टॉपिक्स और निबंध लिखने का तरीका जानें

ट्रेंडिंग न्यूज़

दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi): हिंदी में दीपावली पर निबंध कक्षा 1 से 8 तक के लिए 100, 200, 500 शब्दों में यहां देखें

Subscribe to CollegeDekho News

  • Select Stream Engineering Management Medical Commerce and Banking Information Technology Arts and Humanities Design Hotel Management Physical Education Science Media and Mass Communication Vocational Law Others Education Paramedical Agriculture Nursing Pharmacy Dental Performing Arts
  • Select Program Type UG PG Diploma Ph.D Certificate

कॉलेजदेखो के विशेषज्ञ आपकी सभी शंकाओं में आपकी मदद कर सकते हैं

  • Enter a Valid Name
  • Enter a Valid Mobile
  • Enter a Valid Email
  • Select Level UG PG Diploma Ph.D Certificate
  • By proceeding ahead you expressly agree to the CollegeDekho terms of use and privacy policy

शामिल हों और विशेष शिक्षा अपडेट प्राप्त करें !

Details Saved

HindiKiDuniyacom

होली पर निबंध (Holi Essay in Hindi)

होली

अपडेट किया गया: 20 फरवरी 2023

होली भारत का एक प्रसिद्ध त्योहार है, जो विश्वभर मेंबड़े धूमधाम सेमनायाजाता है। यहमुख्य रूप से भारत तथा नेपाल में मनाया जाता है।नेपाल की तराई होलीविश्वप्रसिद्ध है। मंजीरा, ढोलकवमृदंग की ध्वनि से गूंजताऔर रंगों से भरा होली का त्योहार, फाल्गुन माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। मार्च का महीना जैसे होली कीउत्साह कोऔरभी बढ़ा देता है। इस त्यौहार में सभी की ऊर्जा देखतेही बनती है। होली के अवसर पर बच्चोंमें अलग ही उमंग देखने को मिलता है,वे रंग-बिरंगी पिचकारी को अपने सीने से लगाए, सब पर रंग डालते हैं और जोर-जोर से “होली है..” कहते हुए पूरे मोहल्ले में भागते फिरते हैं।

होली पर छोटे-बड़े निबंध (Short and Long Essay on Holi in Hindi, Holi par Nibandh Hindi mein)

अक्सर, बच्चों को विद्यालयमें होलीपर निबंध लिखने को दिया जाता है। यहाँ हमने आपकी आसानी के लिए होली पर कई निबंध दिए है, उम्मीद करते है की ये सभी निबंध आपको पसंद आयेंगे-

होली पर निबंध – 1 (100 -150 शब्द )

होली भारत में मनाया जाने वाला एक विशेष पर्व है।यह त्यौहार मार्च महीने की पूर्णिमा को मनाई जाती है।होली का त्यौहार भक्त प्रह्लाद की ईश्वर के प्रति अनन्य भक्ति और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।इस त्यौहार के पहले दिन होलिका रूपी बुराई का सत्य रूपी अग्नि में दहन किया जाता है फिर अगले दिन जीत की ख़ुशी को रंग और गुलाल की होली खेलकर मनाया जाताहै।

होली पर हमें अप्राकृतिक रंगो से त्यौहार को नहीं मनाना चाहिए बल्कि प्राकृतिक फूलों के रंग से और अबीर से होली खेलनी चाहिए। होली पर सभी अपने पुराने बैर भुलाकर एक दूसरे को गले लगाते है और साथ बैठकर गुझिया, पापड़, और अन्य पकवान खाते है।

होली पर निबंध 2: (250 – 300 शब्द)

होली का उत्सव अपने साथ सकारात्मक ऊर्जा लेकर आता है और आसमान में बिखरे गुलाल की तरह ऊर्जा को चारों ओर बिखेर देता है। इस पर्व की ख़ास तैयारी में लोगों के अंदर बहुत अधिक उत्साह को देखा जा सकता है।

होली की तैयारी

होली की विशेष तैयारी में एक दिन से ज्यादा का समय लगता है। इस पर्व पर सबके घरों में अनेक पकवान बनाएं जाते हैं जिसमें गुजिया, दही भल्ले, गुलाब जामुनआदि प्रमुख हैं। लोग महीनो पहले से अपने घर के छतों पर विभिन्न तरह के पापड़ और चिप्स आदि को सुखाने में लग जाते हैं। मध्यमवर्गीय परिवार भी इस त्यौहार पर अपने बच्चों के लिए कपड़े अवश्य खरीदता है।

होली कैसे मनाई जाती है

होली पर सभी बहुत अधिक उत्साहित होते हैं। बड़े भी बच्चे बन जाते हैं,हम, लोगों का चेहरा रंगों से ऐसे रंगते हैं की पहचानना मुश्किल हो जाता है वहीं बड़ों को गुलाल लगाकर उनका आशीर्वाद लेते हैं। अमीर-गरीब, ऊँच- नीच का भेद भुलकर सभी आनंद के साथ होली में झूमते नज़र आते हैं। झूमने का एक अन्य कारण भांग और ठंडाई भी है यह होली पर विशेषतौर पर पीया जाता है। घर की महिलाएं सारे पकवान बना कर जहां दोपहर से होली खेलना प्रारंभ करती है वहीं बच्चे सुबह उठने के साथ ही उत्साह के साथ मैदान में आ जाते हैं।

होली के एक दिन पहले होलिका दहन

होली के एक दिन पहले गांवों  व शहरों के खुले क्षेत्र में होलिका दहन की परंपरा निभाई जाती है। यह भगवान की असीम शक्ति का प्रमाण तथा बुराई पर अच्छाई की जीत का बोध कराती है।

होली आनंद से भरा रंगों का त्यौहार है, यह भारत भूमि पर प्राचीन समय से मनाया जाता है। त्योहारों की ख़ास बात यह है, की इसकी मस्ती में लोग आपसी बैर तक भूल जाते हैं एवं होली त्योहारों में विशेष स्थान रखता है।

यूट्यूब पर देखें: Holi par nibandh

होली पर निबंध– 3  (300 शब्द)

होली रंगो का त्यौहार है, जो भारतवर्ष में ही नहीं अपितु पुरे विश्व में बड़े धूम धाम से मनाई जाती है।यह त्यौहार शरद ऋतू के अंत और वसंत ऋतू के आरम्भ का प्रतिक भीमाना जाता है।होली का त्यौहार भारत में मनाये जाने वाले प्रमुख त्योहारों में से एक है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का उत्तम और भावपूर्ण उदाहरण हमारे समक्ष प्रस्तुत करता है।

होली का त्यौहार क्यों और कैसे मनाया जाता है ?

होली के इस पावन त्यौहार को मनाने के पीछे कई कथाये प्रचलित है, परन्तु सबसे मान्य कथा भक्त प्रह्लाद की है। प्रह्लाद का पिता हिरण्यकश्यप था, जो की क्रूर और आततायी था।  उसने स्वयं को ही भगवान मान लिया था और चाहता था की उसकी प्रजा भगवन की जगह उसकी पूजा करे , परन्तु उसका पुत्र प्रह्लाद जो की विष्णु का अनन्य भक्त था उसने अपने पिता को पूजने से इंकार कर दिया। इससे क्रुद्ध होकर हिरण्यकश्यप ने उसे तरह तरह की नीति अपनाकर वश में करने का प्रयत्न किया, परन्तु प्रह्लाद अडिग रहा ।

  अतः उसने अपनी बहन होलिका का सहारा लेकर एक षड़यंत्र रचा, परन्तु आग की होली में होलिका के प्रह्लाद को गोंद में लेकर बैठने पर भगवन के चमत्कार से होलिका जल गई और प्रह्लाद बच गया । तब से ही होली का पर्व मनाया जाता है, होली के एक दिन पूर्व होलिका दहन किया जाता है। फिर दूसरे दिन रंग और गुलाल से बुराई पर अच्छाई की जीत की ख़ुशी मनाई जाती है।

होली का हमारे जीवन में महत्व

होली के त्यौहार का हमारे जीवन में बहुत महत्व है। होली का त्यौहार हमें हर वर्ष एक प्रतिक के रूप में यह सन्देश देता है की हमें सदा सत्य के मार्ग पर चलना चाहिए। फिर चाहे हमारे पथ में हिरण्यकश्यप या होलिका जैसी विपत्तियां क्यों न आये ,जीत सदा सत्य की ही होती है। यह कथा और त्यौहार हमारे जीवन का मार्गदर्शन करती है।

अतः हमें यह त्यौहार बड़े ही हर्षोल्लाष के साथ मनाना चाहिए और अपने से छोटो को इस त्यौहार के महत्व को बताना चाहिए, जिससे की होली के त्यौहार की तरह उनके जीवन में भी खुशियों के विभिन्न रंग और गुलाल भर जाये।

यूट्यूब पर देखें : Holi par nibandh

होली पर निबंध 4: 400 शब्द

प्राचीन समय में होली के अवसर पर जहां मंदिरों में कृष्ण और राम के भजन गूंजते थे, वहीं नगरों में लोगों द्वारा ढोलकव मंजिरों के ताल पर लोकगीत गाए जाते थे। पर बदलते समय के साथ इस त्योहार का स्वरूप भी बदलता नज़र आ रहा है।

कार्यस्थलों तथा विभिन्न संस्थानोंमें होली

होली पर सभी संस्थान, संस्था व कार्यस्थल में छुट्टी दी जाती है मगर छुट्टी से पहले स्कूलों में बच्चे तथा कार्यस्थल पर सभी कार्मचारी एक दूसरे को गुलाल लगाकर होली की शुभकामनाएं देते हैं।

होली की संध्या में मित्रों से मेल-मिलाप

दिन भर रंगों से खेलने व नाच गाने के पश्चात सभी संध्या में नये वस्त्र पहनते हैं और अपने पड़ोसी व मित्रों के घरों में उनसे मिलने और होली की शुभकामना देने जाते हैं।

होली की हलचल का सभी टीवी चैनलों पर प्रसारण

होली पर सभी टीवी चैनलों में होली के गीत, विशेष कार्यक्रम तथा न्यूज चैनलों के माध्यम से विभिन्न स्थानों की होली प्रसारित की जाती है।

बाजारों की रौनक में, होली की परंपरागत रीति कहीं खो न जाए

होली पर सभी छोटे-बड़े दुकानदार अपने दुकानों के आगे स्टैंड आदि लगा कर विभिन्न प्रकार के चटकीले रंग, गुलाल, पिचकारी व होली के अन्य आकर्षक सामग्री जैसे रंग बिरंगे विग से अपने स्टॉल को भर देते हैं। राशन तथा कपड़ों की दुकानों पर खरीदारी के लिए विशेष भीड़ देखने को मिलती है। पर समय बितने के साथ ज्यादातर लोग अब स्वयं से कोई पकवान नहीं बनाते वे हर प्रकार की मिठाइयां बाजार से ही खरीद लेते हैं। इससे त्योहार की धूम का बाजारीकरण में खो जाने का भय है।

समय के साथ होली का बदलता स्वरूप

परंपरागत विधि से आज इस त्यौहार का स्वरूप बहुत अधिक बदल गया है। पहले लोग होली की मस्ती में अपनी मर्यादा को नहीं भूलते थे। लेकिन आज के समय में त्योहार के नाम पर लोग अनैतिक कार्य कर रहें हैं। जैसे एक-दूसरे के कपड़े-फाड़ देना, जबरदस्ती किसी पर रंग डालना आदि।

होली पर हुड़दंग

होली पर वह भी रंगों से भीग जाते हैं जो अपने घरों से नहीं निकलना चाहते और जैसे की भिगोने वालों का तकिया कलाम बन चुका होता है “बुरा ना मानो होली है”। कुछ लोग त्यौहार का गलत फायदा उठा कर बहुत अधिक मादक पदार्थों का सेवन करते हैं और सड़क पर चल रहीं महिलाओं को परेशान करते हैं। यह सरासर गलत व्यवहार है।

होली पर सभी मस्ती में डूबे नज़र आते हैं। जहां सामान्य व्यक्ति अनेकों प्रकार के स्वादिष्ट भोजन तथा ठंडाई का सेवन करते हैं। वहीं मनचलों को नशे में धुत्त होकर अपनी मनमानी करने का एक अवसर प्राप्त हो जाता है। होली रंगों का त्योहार है इसे प्रेम पूर्वक खेलना चाहिए।

Holi Essay

होली पर निबंध 5: 500 शब्द

अपना घर चलाने के लिए जो पेशेवर घरों से दूर रहते हैं, वह भी होली के समय पर अपने परिवार के पास लौट आते हैं। यह त्योहार हमें हमारे संस्कृति से जोड़ने का कार्य करता है, अतः इस दृष्टी से यह हमारे लिए बहुत अधिक महत्वपूर्ण है।

होली का इतिहास व मनाए जाने का कारण

पुराणों के अनुसार, विष्णु भक्त प्रह्लाद से क्रोधित होकर प्रह्लाद के पिता हिरण्यकश्यप ने, पुत्र प्रह्लाद को ब्रह्मा द्वारा वरदान में प्राप्त वस्त्र धारण किए बहन होलिका के गोद में आग से जला देने की मंशा से बैठा दिया। किन्तु प्रभु की महिमा से वह वस्त्र प्रह्लाद को ढ़क लेता है और होलिका जल कर भस्म हो जाती है। इस खुशी में नगरवासियों द्वारा दूसरे दिन होली मनाया गया। तब से होलिका दहन और होली मनाया जाने लगा।

होली के पर्व से जुड़े होलिका दहन के दिन, परिवार के सभी सदस्य को उबटन (हल्दी, सरसों व दही का लेप) लगाया जाता है। ऐसी मान्यता है की उस दिन उबटन लगाने से व्यक्ति के सभी रोग दूर हो जाते हैं व गांव के सभी घरों से एक-एक लकड़ी होलिका में जलाने के लिए दी जाती है। आग में लकड़ी जलने के साथ लोगों के सभी विकार भी जल कर नष्ट हो जाते हैं। होली के कोलाहल (शोर) में, शत्रु के भी गले से लग जाने पर सभी अपना बड़ा दिल कर के आपसी रंजिश भूल जाते हैं।

भारत के विभिन्न राज्यों की होली

ब्रजभूमि की लठमार होली

“सब जग होरी या ब्रज होरा” अर्थात सारे जग से अनूठी ब्रज की होली है। ब्रज के गांव बरसाना में होली प्रेम का प्रतीक माना जाता है। इस होली में नंदगांव के पुरुष और बरसाना की महिलाएं भाग लेती हैं क्योंकि श्री कृष्ण नंदगांव से थे और राधा बरसाना से। जहां पुरुषों का ध्यान भरी पिचकारी से महिलाओं को भिगोने में रहता है वहीं महिलाएं खुद का बचाव और उनके रंगों का उत्तर उन्हें लाठियों से मार कर देती है। सच में यह अद्भुत दृश्य होता है।

मथुरा और वृंदावन की होली

मथुरा और वृंदावन में होली की अलग छटा नज़र आती है। यहां होली की धूम 16 दिन तक छाई रहती है। लोग “फाग खेलन आए नंद किशोर” और “उड़त गुलाल लाल भए बदरा” आदि अन्य लोक गीत का गायन कर इस पावन पर्व में डूब जाते हैं।

महाराष्ट्र और गुजरात की मटकी फोड़ होली

महाराष्ट्र और गुजरात में होली पर श्री कृष्ण की बाल लीला का स्मरण करते हुए होली का पर्व मनाया जाता है। महिलाएं मक्खन से भरी मटकी को ऊँचाई पर टांगती हैं इन्हें पुरुष फोड़ने का प्रयास करते हैं और नांच गाने के साथ होली खेलते हैं।

पंजाब का “ होला मोहल्ला”

पंजाब में होली का यह पर्व पुरुषों की शक्ति के रूप में देखा जाता है। होली के दूसरे दिन से सिक्खों के पवित्र धर्मस्थान “आनंदपुर साहेब” में छः दिवसीय मेला लगता है। इस मेले में पुरुष भाग लेते हैं तथाघुड़सवारी,तीरंदाजी जैसे करतब दिखाते हैं।

बंगाल की “ डोल पूर्णिमा” होली

बंगाल और उड़ीसा में डोल पूर्णिमा के नाम से होली प्रचलित है। इस दिन पर राधा कृष्ण की प्रतिमा को डोल में बैठा कर पूरे गांव में भजन कीर्तन करते हुए यात्रा निकाली जाती है और रंगों से होली खेली जाती है।

मणिपुर की होली

होली पर मणिपुर में “थबल चैंगबा” नृत्य का आयोजन किया जाता है। यहां यह पर्व पूरे छः दिवस तक नाच-गाने व अनेक तरह के प्रतियोगिता के साथ चलता रहता है।

फाल्गुन की पूर्णिमा से उड़ते गुलाल व ढोलक की ताल से शुरू हुई होली भारत के कोने- कोने में विभिन्न प्रकार से हर्षोंल्लास के साथ मनाई जाती है। इस पर्व के आनंद में सभी आपसी मन-मुटाव को भूल कर एक-दूसरे के गले लग जाते हैं।

उम्मीद करते हैं कि ये सभी होली के निबंध आपको पढ़कर अच्छा लगा होगा, आप अपनी आवश्यकता के अनुसार इनमे से कोई भी निबंध इस्तेमाल कर सकते हैं। धन्यवाद!

Frequently asked questions (FAQS) होली से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

उत्तर- प्रह्लाद की बुआ होलिका के नाम पर इस त्यौहार का नाम होली पड़ा।

उत्तर- लठमार होली श्री कृष्ण और राधा के प्रेम का प्रतिक होने के कारण विशेष है।

उत्तर- प्रह्लाद विष्णु भगवान ( नरसिंह अवतार ) का उपासक था।

उत्तर- होली त्यौहार के प्रमुख व्यंजन गुजिया , गुलाब जामुन , ठंडाई आदि हैं।

सम्बंधित जानकारी

होली पर कविता

संबंधित पोस्ट

मेरी रुचि

मेरी रुचि पर निबंध (My Hobby Essay in Hindi)

धन

धन पर निबंध (Money Essay in Hindi)

समाचार पत्र

समाचार पत्र पर निबंध (Newspaper Essay in Hindi)

मेरा स्कूल

मेरा स्कूल पर निबंध (My School Essay in Hindi)

शिक्षा का महत्व

शिक्षा का महत्व पर निबंध (Importance of Education Essay in Hindi)

बाघ

बाघ पर निबंध (Tiger Essay in Hindi)

hindi essay topic holi

45,000+ students realised their study abroad dream with us. Take the first step today

Here’s your new year gift, one app for all your, study abroad needs, start your journey, track your progress, grow with the community and so much more.

hindi essay topic holi

Verification Code

An OTP has been sent to your registered mobile no. Please verify

hindi essay topic holi

Thanks for your comment !

Our team will review it before it's shown to our readers.

hindi essay topic holi

  • Essays in Hindi /

Holi 2024 : होली पर निबंध (Holi Essay in Hindi)

hindi essay topic holi

  • Updated on  
  • मार्च 21, 2024

Holi Essay in Hindi

Holi Essay in Hindi : भारत में सभी त्योहारों की अलग प्रसिद्धि है और ये अलग-अलग राज्यों में अलग रूप में दिखाई देते हैं। भारतीय संस्कृति हमेशा से विविधता में एकता का पर्याय रही है। इनमें रंगों का त्योहार होली भी शामिल है। होली का त्योहार विविधता में एकता और भाईचारे का प्रतीक है। इस दिन लोग गिले-शिकवे भूलकर एक-दूसरे को रंग-गुलाल लगा कर प्रेम और भाईचारे का संदेश देते हैं। एक-दूसरे के साथ खुशियां बांटते हैं। होली के बारे में या होली पर निबंध अक्सर परीक्षाओं में पूछा जाता है और इसलिए यहां हम 100, 250, 500 शब्दों में होली पर निबंध लिखना सीखेंगे।

This Blog Includes:

होली के बारे में, होली पर निबंध हिंदी में (holi essay in hindi) 10 लाइन, होली पर निबंध 150 शब्दों में, holi essay in hindi 200 शब्दों में, प्रस्तावना , होली मनाए जाने के पीछे कहानी , होली का वर्णन, हिंदुओं का पवित्र धार्मिक पर्व होली, होली से जुड़ी कथाएं, वृंदावन की होली विश्व प्रसिद्ध, आज होली का रूप विकृत होना, holi essay in hindi for class 2, essay on holi in hindi class 4, बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक, मन में भाईचारे की भावना पैदा करती है होली, समृद्ध फसल का सम्मान करने के लिए है होली, होली का इतिहास क्या है.

रंगों का त्यौहार  होली , खुशी और उमंग का प्रतीक है। भारत के सबसे प्राचीन और लोकप्रिय त्यौहारों में से एक होली सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में 50 से अधिक देशों में बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है। होली, भारतीय संस्कृति में आस्था रखने वालों या मानवता के पक्षधरों द्वारा मनाये जाने वाला ऐसा पर्व है, जिसका उद्देश्य केवल बेरंग उदासी या मायूसी को खुशियों और सकारात्मक रंग से भरना होता है।

मुख्य रूप से होली का त्योहार रंगों का त्योहार होता है। हिन्दू धर्म में विशेष महत्व रखने वाला होली का त्यौहार जो सबसे प्राचीन त्योहारों में से भी एक है जिसे दो दिन बड़ी धूम-धाम, रंगों और ठंडाई के साथ मनाया जाता है। इसमें पहले दिन होलिका दहन होता है जिसे छोटी होली के नाम से जाता है और दूसरे दिन रंगों का त्योहार होता है, जिसे धुलेंडी कहा जाता है। इस दौरान लोग मिल जुलकर रंग खेलते हैं और खुशियां मनाते हैं। 

  • होली का त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व है।
  • हर साल होली फागुन (मार्च) के महीने में मनाई जाती है।
  • हर साल होली के पहले दिन पूर्णिमा की रात को होलिका दहन की जाती है।
  • होली के दिन सभी लोग अपने घरो में पकवान बनाते है और रिश्तेदारों के घर जाकर एक दूसरे को रंग लगाते है।
  • होली सामाजिक मतभेद को मिटाकर उत्साह बिखेरने का पर्व माना जाता है।
  • होली के दिन सभी बिना किसी हीनभावना के एक-दूसरे को रंग लगाकर इस पर्व को मनाते है।
  • पौराणिक कथाओं और मान्यताओं के अनुसार, हिरण्यकश्यप एक घमंडी राजा था जिसने अपनी बहन होलिका को अपने पुत्र प्रह्लाद कि हत्या करवाने के लिए प्रह्लाद सहित आग में बैठजाने को कहा था जिसके परिणाम हेतु होलिका वरदान होने के बाद भी जल गयी। इसलिए हर साल होलिका जलाई जाती है।
  • होली पर गुलाल रंग घमंड पर भक्ति की, अन्याय पर न्याय की जीत का प्रतीक है। इसलिए इस पर्व पर सभी रंगो से खेल कर खुशियां होली मनाते है।
  • इस पर्व पर हमें अपने भीतर कि सभी बुराई को ख़त्म कर प्रेम भाव से सभी का आदर सत्कार करने का प्रण लेना चाहिए।
  • भक्त प्रहलाद ने भी भगवान विष्णु जी को रंग लगाकर अपनी भक्ति को पहले से ज्यादा मज़बूत किया और सभी में प्रेम का सन्देश दिया।

Holi Essay in Hindi

150 शब्दों में Holi Essay in Hindi इस प्रकार हैः

होली बुराई पर अच्छाई की जीत को उत्साह से मनाने का त्योहार है लेकिन हर त्यौहार कि तरह अब माइने बदल गए है। जहां अब भी कुछ जगहों पर होली को तरीके से खुशियां मनाने और बांटने के लिए होली के त्यौहार का स्वागत किया जाता है। होली का त्यौहार दो दिन तक मनाए जाने वाला त्यौहार है। जिसमें एक दिन होलिका जलाई जाती है और दूसरे दिन रंगो कि होली खेली जाती है। होलिका जो हरिण्यकश्यप कि बहन थी उसे वरदान था कि अग्नि उसका बाल भी बाक़ा नहीं कर सकती। जिसका फायदा उठाते हुए राजा ने प्रह्लाद को मारने कि साज़िश रची जिसमे उसने होलिका कि गोद में प्रह्लाद को बिठाकर उसे अग्नि में बैठ जाने को कहा। उसे लगा कि होलिका नहीं जलेगी और प्रह्लाद कि मृत्यु हो जाएगी लेकिन प्रह्लाद का बाल भी बांका न हुआ और होलिका कि मृत्यु होगी। इसी ख़ुशी में होली खेलकर मानाने से एक रात पहले महूरत अनुसार होलिका जलाई जाती है। फिर अगले दिन खेली जाती है।

200 शब्दों में Holi Essay in Hindi इस प्रकार हैः

होली को रंगो के त्यौहार के रूप में जाना जाता है। यह त्यौहार भारतीय संस्कृति में आने वाले महत्वपूर्ण त्यौहारों में से एक माना जाता है। प्रत्येक वर्ष मार्च के महीने में इस त्यौहार का आगमन होता है। इस त्यौहार को पसंद करने वाले लोग हर साल होली के आने का बेसब्री से इंतज़ार करते है। होली एक प्रेम से भरा त्यौहार है जो पूरा परिवार व सभी दोस्त मिलकर मनाते है।

होली के इतिहास कि बात करें तो माना जाता है कि हरिण्यकश्यप नाम का एक शैतान राजा था। जिसे अपनी ताकत का बेहद घमंड था। उनका एक बेटा था जिसका नाम प्रह्लाद था और एक बहन थी जिसका नाम होलिका था। प्रह्लाद विष्णु भगवान का भक्त था। शैतान राजा को ब्रह्मा का आशीर्वाद था कि कोई भी आदमी , जानवर या हथियार उसे मार नहीं सकता था। लेकिन ये आशीर्वाद उसके लिए अभिशाप बन गया। घमंड के कारण हरिण्यकश्यप ने अपनी प्रजा को ये आदेश दिया कि राज्य में भगवान कि नहीं राजा कि पूजा कि जाए और इसी आदेश के चलते राजा ने अपने पुत्र को मार डालने का भी प्रयास किया क्योकि वे विष्णु भगवान कि पूजा में विश्वास रखता था। लेकिन उसकी ये चाल कामयाब न हो पाई।

होली पर निबंध 300 शब्दों में

होली: रंगों का त्योहार





I

होली का त्यौहार रंगों का त्योहार है, जो बसंत ऋतु में मनाया जाता है । प्रकृति में रंग-बिरंगे फूल बसंत के आगमन का  मानो हृदय से स्वागत करते हैं। बसंत के रंगों का प्रतीक बनकर यह त्योहार हर साल फागुन मास की पूर्णिमा के दिन बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इसीलिए फागुन का महीना मौज-मस्ती का महीना कहा जाता है। 

भारतीय संस्कृति में हर त्यौहार के पीछे कोई ना कोई कहानी या किस्सा प्रच्वलित होता है। होली मनाए जाने के पीछे भी एक कहानी है। कहते हैं कि हिरण्यकश्यप नामक राजा बड़ा ही अत्याचारी था, जो ख़ुदको भगवान समझता था। उसने सारी प्रजा को आदेश दिया था कि सब लोग ईश्वर की आराधना छोड़कर केवल उसी की आराधना किया करें, पर उसका बेटा प्रहलाद ईश्वर का अनन्य भक्त था। उसने अपने पिता की बात ना मानी। उसने ईश्वर की भक्ति में ही अपने को लगाए रहा। पिता की क्रोध की सीमा न रही हिरण्यकश्यप प्रहलाद को मरवाने के बहुत उपाय किए लेकिन ईश्वर की कृपा से कोई भी उपाय सफल ना हो सका।  हिरण्यकश्यप की एक बहन थी जिसका नाम था होलिका। उसे यह वरदान प्राप्त था कि आग उसे जला नहीं सकती। हिरण्यकश्यप की आज्ञा से प्रहलाद को होलिका की गोदी में बिठा कर आग लगा दी गई पर ईश्वर की महिमा अपरंपार होती है। प्रह्लाद तो बच गया पर होलिका जल गई।इसी घटना की याद में हर साल रात को होली जलाई जाती है और अगले दिन रंगों का त्यौहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है।

होली का त्यौहार होली की रात्रि से एक दिन पूर्व आरंभ हो जाता है। लोग अपने अपने गांव,मोहल्ले में उपलो,लकड़ियों का ढेर इकट्ठा करते हैं । फिर शुभ घड़ी में इस ढेर यानी होलिका में अग्नि प्रज्वलित की जाती है। इसी अग्नि में लोग नए अनाज की बाली भूनकर अपने आराध्य को अर्पित करते हैं।

होलिका दहन अगला दिन रंग-भरी होली का होता है। इसे धुलैंडी भी कहते हैं। इस दिन सभी धर्म और जाति के छोटे-बड़े बच्चे-बूढ़े, स्त्री-पुरुष एक दूसरे को गुलाल लगाते हैं और रंग डालते हैं।सड़कों पर मस्त युवकों की टोली गाती बजाती निकलती है। एक-दूसरे को मिठाईयां खिलाते हैं और अपने मधुर संबंधों को और भी प्रगाढ़ बनाते हैं।

इसी प्रकार होली एक ऐसा पवित्र त्यौहार है। जिसमें छोटे-बड़े ,अमीर-गरीब आदि सभी प्रकार के भेदभाव समाप्त हो जाते हैं।प्रत्येक व्यक्ति एक-दूसरे को गले लगा लेता है। लोग पुरानी से पुरानी शत्रुता भी होली के दिन भुला देते हैं। 

Holi Essay in Hindi

होली पर निबंध 500 शब्दों में

500 शब्दों में होली पर निबंध इस प्रकार हैः

मुख्य रूप से होली का त्योहार रंगों का त्योहार होता है। हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखने वाला होली का त्योहार जो सबसे प्राचीन त्योहारों में से भी एक है जिसे दो दिन बड़ी धूम-धाम और रंगों के साथ मनाया जाता है। इसमें पहले दिन होलिका दहन होता है जिसे छोटी होली के नाम से जाता है और दूसरे दिन रंगों का त्योहार होता है, जिसे धुलेंडी कहा जाता है। इस दौरान लोग मिल जुलकर रंग खेलते हैं और खुशियां मनाते हैं।

राग-रंग का पर्व होली हिंदुओं का लोकप्रिय पर्व है। होली आनंद उत्साह का, मौज, मस्ती और रंगों से सराबोर महोत्सव है। वास्तव में होलिका दहन और होलिकोत्सव, नास्तिकता पर आस्तिकता का, बुराई पर भलाई का, पाप पर पुण्य का तथा दानवता पर देवत्व की विजय का मांगलिक पर्व है ।

होली का त्यौहार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है यह पर्व बसंत के आगमन का संदेशवाहक है। यह त्यौहार पूर्णिमा से पूर्व बसंत पंचमी से ही शुरू हो जाता है। होली का पर्व किस खुशी में मनाया जाता है, इसके विषय में अनेक कथाएं प्रचलित है। एक कथा के अनुसार भगवान कृष्ण ने दुष्टों का वध कर गोपियों के साथ रास रचाया तब से होली का प्रचलन हुआ, परंतु होली के विषय में सबसे प्रसिद्ध कथा इस प्रकार है

प्राचीन काल में हिरण्यकश्यप नामक अत्यंत बलशाली राजा था। अपनी शक्ति के घमंड में चूर होकर वह स्वयं को भगवान मानने लगा। वो चाहता था कि उसकी प्रजा भगवान के स्थान पर उसकी पूजा करे, परंतु उसका अपना पुत्र प्रहलाद ईश्वर भक्त था । हिरण्यकश्यप ने प्रहलाद का वध करने के अनेक उपाय किए, परंतु वह सफल ना हो सका। फिर उसने प्रहलाद को आग में जलाकर मार डालना चाहा। हिरण्यकश्यप की एक बहन थी जिसका नाम होलिका था।होलिका को यह वरदान प्राप्त था कि वह आग में नहीं  जल सकती। हिरण्यकश्यप के आदेश पर होलिका प्रहलाद को गोद में लेकर लकड़ियों के ढेर में बैठ गई। उस ढेर में आग लगा दी गई परंतु भगवान की लीला तो अद्भुत है ।जिस होलिका को आग में न जलने का वरदान प्राप्त था, वह तो जल गई और प्रहलाद का बाल बांका भी नहीं हुआ।

फाल्गुन की पूर्णिमा के दिन स्त्रियां व्रत रखती है और होली पूजने जाती है। किसी चौक में अथवा खुले स्थान पर लकड़ियों के ढेर या उपलो से होली बनाई जाती है। रात्रि के समय निश्चित समय पर होलिका जलाई जाती है और होली की आग में गेहूं तथा चने की बालियां डाली जाने की परंपरा है।  इसे होलिका दहन कहते हैं।

होली से अगला दिन अर्थात चैत्र की प्रतिपदा को लोग रंग खेलते हैं। इसे धुलैंडी कहते हैं । लोग एक दूसरे से मिलने के लिए उनके घर जाते हैं जहां गुलाल और रंग से उनका स्वागत किया जाता है इस दिन लोग अपनी शत्रुता भूलकर शत्रु को भी गले लगाते हैं। होली के रंग में रंगकर धनी-निर्धन, काले-गोरे, ऊंच-नीच, बालक-वृद्ध के बीच  की सीमा टूट जाती है, और सभी खुले भाव से एक दूसरे का सत्कार ,आदर करते हुए इस पर्व का आनंद लेते है।

वृंदावन की होली विश्व प्रसिद्ध है। सूरदास, नंददास आदि कृष्ण भक्त कवियों ने श्री कृष्ण और राधा के होली खेलने का बड़ा ही मनोहर वर्णन अनेक पदों में किया है। आज भी वृंदावन की कुंज गलियों में जब सुनहरी पिचकारियों  से  रंग बिरंगे  फव्वारे छूटते है  तथा गुलाल बिखरता है तो स्वयं देवता भी भारत भूमि में जन्म लेना चाहने लगते हैं। देश विदेश से अनेक लोग वृंदावन की होली देखने आते हैं।

 बड़े दुर्भाग्य की बात है कि आजकल होली का रूप बिगड़ गया है। लोग रासायनिक रंगों का प्रयोग करने लगे हैं, बच्चे गुब्बारे मारते हैं। कुछ लोग कीचड़ आदि भी डालते हैं। अनेक व्यक्ति शराब,गांजा,भांग,चरस आदि का सेवन करते हैं, गंदे गाने गाते हैं तथा गाली-गलौज करते हैं। हमें शीघ्र-अतिशीघ्र इस त्यौहार से इन बुराइयों को दूर करना चाहिए तभी हम होली जैसे पवित्र त्यौहार कि पवित्रता को संजो के रख सकते है।

 होली प्रेम व भाईचारे का त्यौहार है, रंगों का त्यौहार है, हर्षोल्लास का त्यौहार है। होली का गुलाबी रंग प्रेम का प्रतीक है। होली मनुष्यों को आपस में जोड़ने का त्यौहार है कवि मैथिलीशरण गुप्त होली का सजीव चित्रण इन पंक्तियों में प्रकट करते हैं:

काली- काली कोयल बोली, होली, होली, होली । फूटा यौवन फाड़ प्रकृति की पीली, पीली, चोली। । 

होली का त्योहार भारत ही बल्कि कई देशों में काफी महत्व रखता है। भारत में मथुरा की होली को विश्व प्रसिद्ध होली माना जाता है। होली के त्योहार पर हम सब एक-दूसरे के साथ खुशियां बांटते हैं और एक-दूसरे को बधाई देकर बुराई पर अच्छाई की विजयी याद करते हैं।

Holi Essay in Hindi for Class 2 इस प्रकार हैः

होली भारत और नेपाल में एक व्यापक रूप से मनाया जाने वाला कार्यक्रम है । रंगों का त्योहार, जो मार्च में होता है, रंगों के त्योहार के रूप में जाना जाता है। होली तीन दिनों तक मनाई जाती है, जिसमें होली पूर्णिमा (पूर्णिमा का दिन) सबसे पहले होती है। पुनो का दूसरा दिन, या छोटी होली। पर्व, या होली दिवस, त्योहार का तीसरा दिन है। लोग इस दिन सफेद कपड़े पहनते थे और जमीन पर इकट्ठा होते थे। इस त्योहार के लिए वे प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल करते हैं और पेंटिंग गन से खेलते हैं। वे मीठी लस्सी पीते हैं और तरह-तरह के खोया, मावा और पिस्ता से बनी मिठाइयां खाते हैं।

Essay on Holi in Hindi Class 4 यहां बताया जा रहा हैः

भारत, कई अलग-अलग भाषाओं, जातियों, परंपराओं, विचारधाराओं, संस्कृतियों, विश्वासों, धर्मों आदि के साथ एक राष्ट्र के रूप में साल भर त्योहारों की अधिकता रखता है। यह वास्तव में भूमि और विविधता की एक इकाई है। होली भारत में सबसे प्रसिद्ध त्योहारों में से एक है जो न केवल यहां बल्कि अन्य देशों में भी मनाया जाता है और वास्तव में भारत की संस्कृति और मान्यताओं से प्रेरित और प्रभावित है। मूल रूप से यह रंगों, उल्लास और खुशियों का त्योहार है। इतना ही नहीं, त्योहार हमारे चारों ओर बसंत के मौसम की शुरुआत की टिप्पणी करता है और इसीलिए लोग रंगों या गुलाल से होली खेलते हैं, चंदन लगाते हैं, पारंपरिक और स्वादिष्ट व्यंजन खाते हैं जो केवल होली के अवसर पर बनाए जाते हैं और निश्चित रूप से, भूलने के लिए नहीं ठंडाई का प्रसिद्ध पेय। लेकिन जैसा कि हम इस होली निबंध में गहराई से उतरते हैं, ऐसा लगता है कि इसमें असंख्य अर्थ और ऐतिहासिक हैं।

भारत के हर राज्य में होली खेलने या मनाने का अपना अलग तरीका है। साथ ही रंगों और खुशियों के इस त्योहार को मनाने के पीछे हर किसी या हर समुदाय के लिए मायने बदल जाते हैं. आइए अब इस होली निबंध में होली मनाने के कुछ कारणों के बारे में जानें। कुछ लोगों और समुदायों के लिए, होली और कुछ नहीं बल्कि राधा और कृष्ण द्वारा मनाया जाने वाला प्रेम और रंगों का एक शुद्ध त्योहार है – एक ऐसा प्रेम जिसका कोई नाम, आकार या रूप नहीं है। अन्य इसे एक कहानी के रूप में देखते हैं कि कैसे हम में अच्छाई अभी भी बुराई पर विजय प्राप्त करती है। दूसरों के लिए, होली फुरसत, खिलवाड़, क्षमा और करुणा का भी समय है। होली के अनुष्ठान तीन दिनों तक चलते हैं, पहले दिन अलाव द्वारा प्रतीक बुराई के विनाश के साथ शुरू होता है और दूसरे और तीसरे दिन रंग, प्रार्थना, संगीत, नृत्य, भोजन और आशीर्वाद के त्योहार के साथ समाप्त होता है। 

Essay on Holi in Hindi Class 5

Essay on Holi in Hindi Class 5 यहां दिया जा रहा हैः

होली का त्योहार रंगों का त्योहार होता है। हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखने वाला होली का त्योहार जो सबसे प्राचीन त्योहारों में से भी एक है जिसे दो दिन बड़ी धूम-धाम और रंगों के साथ मनाया जाता है। इसमें पहले दिन होलिका दहन होता है जिसे छोटी होली के नाम से जाता है और दूसरे दिन रंगों का त्योहार होता है, जिसे धुलेंडी कहा जाता है। इस दौरान लोग मिल जुलकर रंग खेलते हैं और खुशियां मनाते हैं।

होली की कहानी और किंवदंती दानव राजा हिरण्यकश्यप के समय की है। उसने अपनी बहन होलिका को प्रह्लाद के साथ जलती हुई आग में जाने के लिए कहा ताकि उसका पुत्र भगवान विष्णु के बजाय उसकी पूजा करे। होलिका लपटों और आग के लिए प्रतिरोधी हो सकती है। होलिका तब राख में बदल गई जब वह प्रह्लाद के साथ जलती हुई आग में आगे बढ़ी, लेकिन भगवान विष्णु ने प्रह्लाद को बचा लिया क्योंकि होलिका का श्राप तभी काम करता जब वह अकेले यानी अकेले आग में शामिल होती। तब से, इस दिन को भारत में होली के रूप में जाना जाता है, और यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इस त्योहार के दौरान, लोगों ने होलिका की मृत्यु के उपलक्ष्य में अलाव जलाया।

दिन भर के उत्साह के बाद लोग शाम को दोस्तों और परिवार के साथ खान-पान और शुभकामनाएं साझा करते हुए बिताते हैं। कहा जाता है कि होली सभी के मन में भाईचारे की भावना पैदा करती है। त्योहार के दिन की शुरुआत तरह-तरह के व्यंजनों की तैयारी के साथ होती है। लोग एक-दूसरे को गुलाल, पानी के रंग और गुब्बारों से रंगते हैं। इस दिन की सबसे अच्छी बात यह है कि हर कोई अपनी शर्म को छोड़कर मस्ती में शामिल होने का फैसला करता है। वे एक-दूसरे को गले लगाते हैं और एक-दूसरे को ‘हैप्पी होली’ की शुभकामनाएं देते हैं। कई हाउसिंग सोसाइटी अपने लॉन में होली का आयोजन करती हैं। पूरे लॉन को ढकने के लिए पीले, हरे, लाल, गुलाबी, ग्रे और बैंगनी जैसे चमकीले और सुंदर रंगों का उपयोग किया जाता है। यह बताना मुश्किल है कि कौन कौन है क्योंकि हर कोई अलग-अलग रंगों के कपड़े पहने हुए है।

होली फाल्गुन के महीने में मनाया जाने वाला प्यार और खुशी का एक हिंदू त्योहार है जो गेंहू की फसल से भी मेल खाता है और धन और खुशी का प्रतिनिधित्व करता है। वसंत का मौसम सर्दियों के अंत और गर्मियों की शुरुआत का प्रतीक है; नतीजतन, वसंत जलवायु विशेष रूप से सुखद होती है, खासकर जब फूल प्रचुर मात्रा में होते हैं। नतीजतन, होली को प्रकृति की वसंत सुंदरता और समृद्ध फसल का सम्मान करने के लिए रंगों के त्योहार के रूप में मनाया जाता है।

होली रंगों का त्योहार है। यह बुराई पर अच्छाई और अंधकार पर प्रकाश की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। होली को न केवल हिंदू बल्कि अन्य धर्मों के लोग भी बड़े उत्साह के साथ मनाते हैं। इस त्योहार से जुड़ी कई किंवदंतियां हैं जो इसे और भी रोचक और महत्वपूर्ण बनाती हैं। सबसे लोकप्रिय किंवदंती कहती है कि राजा हिरण्यकशिपु का अपने पुत्र प्रह्लाद के साथ विवाद हो गया था क्योंकि प्रह्लाद ने भगवान विष्णु की पूजा करने पर जोर दिया था। इससे राजा नाराज हो गया और उसने अपने बेटे को मारने का फैसला किया।

हिरण्यकश्यप ने अपने भतीजों को प्रह्लाद को आग में फेंकने के लिए कहा क्योंकि वह उसके राज्य के लिए खतरा था। उनके भतीजे उनके प्रति वफादार थे, इसलिए उन्होंने प्रह्लाद को लकड़ी के एक टुकड़े से बांधकर आग में फेंक दिया। हालांकि, हिरण्यकश्यप की बहन होलिका ने उसके साथ जलती चिता पर बैठकर उसे बचा लिया।

होली पर निबंध

 होली पर आधारित अन्य ब्लॉग्स

हरिण्यकश्यप की बहन होलिका को वरदान प्राप्त था की वह आग में भस्म नहीं हो सकती। हरिण्यकश्यप ने आदेश दिया की होलिका प्रह्लाद को गोद में लेकर आग में बैठे। आग में बैठने पर होलिका तो जल गई , पर प्रह्लाद बच गया। ईश्वर भक्त प्रह्लाद की याद में इस दिन होली जलाई जाती है।

जो कीटाणुओं को प्रसार करने के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करता है। ऐसे में रंगों का प्रयोग रोग फैलाने वाले कीटाणुओं के प्रभाव को कम करने में सहायक होता है। दूसरी ओर रंग लगने पर शरीर की सफाई अच्छे से हो पाती है जो स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है।

भूमिका : होली बसंत का एक उल्लासमय पर्व है। … हमारे पूर्वजों में भी होली त्यौहार को आपसी प्रेम का प्रतीक माना जाता है। इसमें सभी छोटे-बड़े लोग मिलकर पुराने भेदभावों को भुला देते हैं। होली रंग का त्यौहार होता है और रंग आनन्द पर्याय होते हैं।

होली का उत्सव होलिका दहन अनुष्ठान के साथ शुरू होता है जो कि होलिका, दुष्ट दानव, और उस अग्नि से भगवान विष्णु द्वारा प्रह्लाद की रक्षा के सम्मान में मनाया जाता है। लोग लकड़ी इकट्ठा करके अलाव जलाते हैं और उसके चारों ओर गीत गाकर खुशियां मनाते हैं। यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।

होली से एक दिन पहले, लोग ‘होलिका दहन’ नामक एक अनुष्ठान करते हैं। होली के दूसरे दिन को छोटी होली या नंदी होली के रूप में जाना जाता है, जिसका अर्थ है “रंगों से खेलना”। लोग समूहों में इकट्ठा होते हैं और एक दूसरे पर रंगों से खेलते हैं। परंपरागत रूप से, महिलाएं पुरुषों पर सुगंधित रंग डालती हैं और बच्चे एक-दूसरे पर रंगीन पाउडर फेंकते हैं। होली के तीसरे दिन लोग सुबह जल्दी स्नान करते हैं और फिर दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलने जाते हैं। वे प्यार के प्रतीक के रूप में मिठाइयों और नमकीन का आदान-प्रदान करते हैं। यह दिन होली समारोह के अंत का प्रतीक है। होली पूरे भारत और दुनिया भर में अलग-अलग तरह से मनाई जाती है। त्योहार में आम तौर पर गायन, नृत्य, रंगों और पिचकारी (पानी की बंदूकें) के साथ खेलना और गुजिया और लड्डू जैसे व्यंजनों का आनंद लेना शामिल होता है।

आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको Holi Essay in Hindi के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य  निबंध के ब्लॉग्स  पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

' src=

रश्मि पटेल विविध एजुकेशनल बैकग्राउंड रखने वाली एक पैशनेट राइटर और एडिटर हैं। उनके पास Diploma in Computer Science और BA in Public Administration and Sociology की डिग्री है, जिसका ज्ञान उन्हें UPSC व अन्य ब्लॉग लिखने और एडिट करने में मदद करता है। वर्तमान में, वह हिंदी साहित्य में अपनी दूसरी बैचलर की डिग्री हासिल कर रही हैं, जो भाषा और इसकी समृद्ध साहित्यिक परंपरा के प्रति उनके प्रेम से प्रेरित है। लीवरेज एडु में एडिटर के रूप में 2 साल से ज़्यादा अनुभव के साथ, रश्मि ने छात्रों को मूल्यवान मार्गदर्शन प्रदान करने में अपनी स्किल्स को निखारा है। उन्होंने छात्रों के प्रश्नों को संबोधित करते हुए 1000 से अधिक ब्लॉग लिखे हैं और 2000 से अधिक ब्लॉग को एडिट किया है। रश्मि ने कक्षा 1 से ले कर PhD विद्यार्थियों तक के लिए ब्लॉग लिखे हैं जिन में उन्होंने कोर्स चयन से ले कर एग्जाम प्रिपरेशन, कॉलेज सिलेक्शन, छात्र जीवन से जुड़े मुद्दे, एजुकेशन लोन्स और अन्य कई मुद्दों पर बात की है। Leverage Edu पर उनके ब्लॉग 50 लाख से भी ज़्यादा बार पढ़े जा चुके हैं। रश्मि को नए SEO टूल की खोज व उनका उपयोग करने और लेटेस्ट ट्रेंड्स के साथ अपडेट रहने में गहरी रुचि है। लेखन और संगठन के अलावा, रश्मि पटेल की प्राथमिक रुचि किताबें पढ़ना, कविता लिखना, शब्दों की सुंदरता की सराहना करना है।

प्रातिक्रिया दे जवाब रद्द करें

अगली बार जब मैं टिप्पणी करूँ, तो इस ब्राउज़र में मेरा नाम, ईमेल और वेबसाइट सहेजें।

Contact no. *

Amazing it was so helpful thank you go ahead

आपका धन्यवाद, ऐसे ही आप https://leverageedu.com/ पर बने रहिये।

दिव्यांशी जी, आपका धन्यवाद, ऐसे ही अन्य ज्ञानवर्धक लेख पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट पर बनें रहे।

browse success stories

Leaving already?

8 Universities with higher ROI than IITs and IIMs

Grab this one-time opportunity to download this ebook

Connect With Us

45,000+ students realised their study abroad dream with us. take the first step today..

hindi essay topic holi

Resend OTP in

hindi essay topic holi

Need help with?

Study abroad.

UK, Canada, US & More

IELTS, GRE, GMAT & More

Scholarship, Loans & Forex

Country Preference

New Zealand

Which English test are you planning to take?

Which academic test are you planning to take.

Not Sure yet

When are you planning to take the exam?

Already booked my exam slot

Within 2 Months

Want to learn about the test

Which Degree do you wish to pursue?

When do you want to start studying abroad.

January 2025

September 2025

What is your budget to study abroad?

hindi essay topic holi

How would you describe this article ?

Please rate this article

We would like to hear more.

होली पर निबंध

Essay on Holi in Hindi: होली भारत में मनाए जाने वाला एक ऐसा पर्व है, जिसे भारत के संपूर्ण राज्यों में बड़ी ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। होली को एक अन्य नाम रंगीला त्यौहार से भी जाना जाता है।

होली के दिन सभी लोग अपनी दुश्मनी को भूल कर के एक दूसरे को रंग लगाते हैं और उनसे गले मिलते हैं। आज किस दिन दुश्मन लोग भी एक मित्र की तरह रहना पसंद करते हैं।

essay on holi in hindi

यहां पर अलग अलग शब्द सीमा में होली पर निबंध (Essay on Holi in Hindi) शेयर कर रहे हैं, जो हर कक्षा के विद्यार्थियों के लिए लाभदायक है।

Read Also:  हिंदी के महत्वपूर्ण निबंध

होली पर निबंध 150 शब्दों में

होली हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जिसे भारत समेत दुनिया के कई देशों में मनाया जाता है। होली का त्योहार बसंत पंचमी के आगमन का प्रतीक होता है। यह त्योहार हर साल फागुन महीने के बसंत पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है।

रंगों का यह त्यौहार चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा से शुरू होता है और पंचमी तक रहता है, इसलिए पांचवें दिन को रंग पंचमी के नाम से जाना जाता है।

होली के 1 दिन पहले संध्या को होलिका दहन होता है, जिसमें सभी लोग लकड़ियों को इकट्ठा करके उसका ढेर बनाते हैं और होलिका दहन करके बुराई का अंत करते हैं। दूसरे ही दिन सुबह लोग एक दूसरे को रंग अबीर लगाते हैं और होली की बधाई देते हैं।

होली के दिन सभी के घर पर स्वादिष्ट व्यंजन भी बनते हैं। लोग एक दूसरे के घर पर जाते हैं, अबीर का टीका लगाकर एक दूसरे को मिठाई खिलाते हैं। इस दिन गाना बजाना भी होता है।

होली का त्योहार आपसी मनमुटाव को दूर करके एकजुट होने का त्यौहार है। इस दिन लोग अपने जात-धर्म, रंग, अमीरी-गरीबी सब कुछ भूल करके एक सामान्य मनुष्य की तरह रंगों के इस त्यौहार में डूब जाते हैं।

होली पर निबंध 200 शब्दों में

होली का त्योहार भारत में मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह हिंदुओं का प्रमुख त्यौहार है। लेकिन अन्य धर्म के लोग भी इस त्यौहार को मना कर आनंद बटोरते हैं।

होली का त्योहार हर साल फागुन महीने के पूर्णिमा को मनाया जाता है। होली का त्योहार दो दिन का होता है। होली के 1 दिन पहले संध्या में होलिका दहन होता है और उसके दूसरे ही दिन धूलैंडी का त्यौहार मनाया जाता है।

धुलैंडी के दिन लोग सुबह उठकर सफेद कपड़े पहनते हैं और एक दूसरे को रंग लगाते हैं। गाना बजाना होता है, मौज मस्ती होती है। लोग भांग मिलाकर ठंडी छाछ पीते हैं। मीठे के रूप में इस दिन गुजिया व्यंजन काफी ज्यादा प्रसिद्ध है, जो सबके घर पर बनता है।

शाम के समय नहा धोकर नए कपड़े पहन कर लोग एक दूसरे के घर जाते हैं और अभी को टिका लगाकर एक दूसरे को मिठाई खिलाते हैं।

हर एक हिंदू त्योहारों की तरह होली त्यौहार को मनाने के पीछे भी एक प्रचलित पौरानीक कथा है और यह कथा राक्षस हिरणकश्यप से जुड़ा हुआ है।

कहा जाता है इसी दिन भगवान विष्णु ने नरसिंह अवतार लेकर राक्षस हिरणकश्यप का वध करके असत्य पर सत्य और अधर्म पर धर्म का विजय प्राप्त की थी। होली का त्योहार देश के अलग-अलग कोने में अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है।

हालांकि इस त्यौहार को मनाने का तरीका भले ही अलग हो लेकिन हर जगह इस त्यौहार को रंगों से ही मनाया जाता है। होली का त्योहार प्रेम और भाईचारा को फैलाने का त्यौहार है। यह त्यौहार सद्भाव और खुशहाली लाता है। आपसी शत्रुता को भुलाकर मित्रता स्थापित करता है।

होली पर निबंध 250 शब्दों में

होली रंग बिरंगा त्यौहार है क्योंकि यह रंगों का त्यौहार है, इस दिन रंगों से खेला जाता है। एक दूसरे को रंग लगाया जाता है, इसीलिए इसे रंगोत्सव भी कहा जाता है। होली का त्यौहार फागुन महीने के पूर्णिमा को मनाया जाता है।

इससे सर्दियों का अंत हो जाता है और ऋतुराज बसंत का आगमन होता है। होली के त्यौहार के बाद चारों ओर खेतों में सरसों के पीले फूल दिखने लगते हैं, पेड़ों में नए पत्ते आने लगते हैं, प्रकृति का रंगीन वातावरण लोगों में नई उमंग ले आता है।

प्यार भरे रंगों से सजाया यह त्यौहार सामाजिक महत्व रखता है। क्योंकि यह त्यौहार सभी लोगों के बीच भाई चारा का संदेश देता है। लोग अपने पुराने गिले शिकवे भूल जाते हैं और एक दूसरे को गले लगा कर फिर से दोस्त बन जाते हैं।

इसलिए यह त्यौहार दोस्ती का त्यौहार है। यह त्योहार न केवल हिंदू धर्म के लोग बल्कि अन्य धर्म के लोग भी मनाते हैं।

होली के पूर्व संध्या पर होलिका दहन विशेष महत्व रखता है। होलिका दहन अधर्म पर धर्म के विजय का प्रतीक है। होलिका दहन करके लोग असत्य पर सत्य के विजय का संदेश देते हैं और अगले दिन एक दूसरे को रंग लगा के आपसी मतभेद को भुला देते हैं।

इस दिन सभी के घर पर अच्छे-अच्छे पकवान बनते हैं। सुबह रंगों से होली खेलकर शाम के समय एक दूसरे के घर जाकर अबीर से टीका लगाते हुए एक दूसरे को मिठाई खिलाते हैं। 1 दिन की होली का त्योहार लोगों में एक महीने पहले से ही उत्साह ला देता है।

होली पर निबंध 300 शब्दों में

होली का त्यौहार हिंदू कैलेंडर के अनुसार फागुन मास के पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। यह हर साल आमतौर पर मार्च के महीने में ही आता है। होली को वसंत ऋतु का आगमन माना जाता है।

यह त्यौहार आपसी प्रेम, एकता को स्थापित करने और आनंद भरे जीवन का आनंद लेने की शिक्षा देता है। सभी हिंदू त्यौहार की तरह ही होली त्यौहार को मनाने के पीछे भी कई सारी पौराणिक कथाएं जुड़ी हुई है। लेकिन इसकी एक प्रचलित कथा सतयुग से जुड़ा हुआ है।

इस कथा के अनुसार सतयुग में हिरणकश्यप नाम का एक राक्षस हुआ करता था, जिसका बेटा प्रहलाद भगवान विष्णु का परम भक्त था। वह अपने बेटे प्रहलाद को भगवान विष्णु की पूजा करने से मन करता है लेकिन प्रहलाद अपने पिता की बात नहीं सुनता है।

तब हिरण कश्यप प्रहलाद को मारने के लिए अपनी बहन होलिका की मदद लेता है। होलिका प्रहलाद को गोद में लेकर आग में बैठ जाती है। होलिका को वरदान के रूप में चुनरी मिली होती है, जिसे ओढ़ कर अग्नि में बैठने से अग्नि उसे नुकसान नहीं पहुंचा सकता।

लेकिन भगवान की कृपा से उस दिन होलिका की ओढनी उड़ जाती है, जिससे वह अग्नि में जलकर राख हो जाती हैं और प्रहलाद भगवान की कृपा से बच जाते हैं।

उसी दिन भगवान विष्णु नरसिंह का अवतार लेकर हिरण कश्यप का वध करते हैं और अधर्म पर धर्म का विजय स्थापित करते हैं। उसी दिन से होलिका दहन की परंपरा चली आ रही है।

होली के 1 दिन पहले संध्या को शहर गांव के मुख्य चौराहे पर लकड़ी को इकट्ठा करके होलिका दहन करते हैं, जिसमें गांव के लोग, शहर के लोग इकट्ठा होकर चारों तरफ परिक्रमा करते हैं, अग्नि देव को जल अर्पित करते हैं।

होलिका दहन होने के दूसरे दिन को धुलैंडी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन गुलाल और अबीर से लोग एक दूसरे को रगंते हैं। बच्चे गुबारे में पानी भरकर एक दूसरे के ऊपर फेंकते हैं, पिचकारी से एक दूसरे के ऊपर रंग लगाते हैं।

पहले होली का त्यौहार एक पवित्र और आनंदमय पर्व हुआ करता था। लेकिन आज के समय में होली का रूप विकृत होते जा रहा है। आज के लोग इस त्यौहार को आनंद और खुशी के उद्देश्य से ना खेलकर अलग ही मकसद से बना खेलते हैं।

आजकल होली में शोषण, दरिंदगी, आतंकवाद के मामले ज्यादा देखे जाते हैं। लोग प्राकृतिक रंगों के बजाय केमिकल युक्त रंगों का इस्तेमाल करके एक दूसरे को नुकसान पहुंचाते हैं। युवा अत्यधिक मदिरा का सेवन करती है।

इस तरह के हरकतों से लोग होली के पावन महत्व को कम कर देते हैं। लेकिन सभी को होली के महत्व को समझते हुए एक साथ मिलकर प्रेम, खुशी और एकता से इस पर्व को मनाना चाहिए ताकि एक दूसरे की प्रती सद्भाव विकसित हो सके।

होली पर निबंध 500 शब्दों में

होली का त्योहार रंगों का त्यौहार होता है। हर साल यह त्यौहार फागुन महीने के पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। यह त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जित और अधर्म पर धर्म के विजय के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है।

न केवल भारत बल्कि दुनिया भर के उन तमाम देशों में इस त्यौहार को मनाया जाता है, जहां पर हिंदू लोग रहते हैं। होली त्यौहार का लुफ्त उठाने के लिए हर साल विदेश से भी लोग फागुन महीने में भारत घूमने आते हैं।

होली का त्यौहार कैसे मनाया जाता है?

होली के पूर्व संध्या पर होलिका दहन होता है। होलिका दहन अधर्म पर धर्म के विजय का प्रतीक माना जाता है। इसीलिए हर साल होली के एक दिन पहले संध्या में होलिका दहन किया जाता है और लोगों को असत्य पर सत्य के विजय की शिक्षा दी जाती हैं।

होलिका दहन के लिए गली मोहल्ले के लोग लड़कियां लाकर चौराहे पर इकट्ठा करते हैं। उसके बाद संध्या काल में शुभ समय में होलिका दहन होता है। उस समय गांव शहर की औरतें होलिका दहन वाले स्थान पर पहुंचती है। वे थाली में पूजा के लिए कुछ सामग्री और एक लोटे में जल लेकर आती है।

सभी लोग होली को अर्घ्य देते हुए चारों ओर परिक्रमा करते हैं। होलिका दहन के समय नव विवाहित जोड़े भी परिक्रमा करते हैं, इससे कहा जाता है कि बुरी आत्माएं और बुरी नजर उनसे दूर रहती है।

होलिका दहन के दूसरे दिन सुबह धूलैंडी के रूप में मनाया जाता है। यह दिन रंग और अबीर का दिन होता है। पूरे दिन लोग रंगों से खेलते हैं, एक दूसरे पर रंग डालते हैं। बच्चे पिचकारी और बैलून में रंग भर के एक दूसरे पर फेंकते हैं। चारों तरफ लोग हर्ष और उल्लास के रंग में रंगे होते हैं।

दोपहर तक रंगों से होली खेलने के बाद लोग नहा धोकर साफ सुथरे कपड़े पहनते हैं और फिर उनके घर पर बने हुए पकवान खाते हैं। इस दिन गुजिया, पोरन पोली, दही वड़ा जैसे कुछ व्यंजन काफी प्रचलित है।

इस दिन लोग भांग मिला हुआ ठंडा छाछ भी पीते हैं। शाम के समय लोग एक दूसरे के घर पर जाकर अबीर से टीका लगाते हैं और आपसी मतभेद को भूलकर गले मिलते हैं।

होली के विभिन्न रूप

भारत विभिन्नताओं में एकता वाला देश है। यहां पर हर एक राज्य में रहने वाले लोगों का रहन-सहन, खान पान सब कुछ अलग होता है। ऐसे में उनके त्यौहार को मनाने के तरीके भी अलग होते हैं।

होली के त्यौहार भी भारत के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है। जहां वृंदावन और मथुरा की लठमार होली प्रसिद्ध है तो वहीं गुजरात, महाराष्ट्र की मटकी फोड़ होली प्रसिद्ध है।

देश के हर कोने में अलग-अलग नाम से और अलग-अलग तरीके से होली के त्यौहार को मनाया जाता है लेकिन चारों तरफ एक समान हर्ष और उल्लास होता है।

आज के समय में होली का महत्व

भारत में हर एक त्यौहार का अपना ही महत्व है। होली का विशेष महत्व है क्योंकि होली न केवल रंगों का त्यौहार है बल्कि यह खुशियों का रंग फैलाता है। होली का त्यौहार जात-धर्म, रंगभेद, उच्च नीच सब कुछ भूला कर एक दूसरे को इंसान के रूप में देखना सीखाता है।

यह त्यौहार शत्रुता भूलाकर मित्रता स्थापित करने का त्यौहार है। लेकिन आज के इस बदलते दौर में लोगों के लिए त्यौहार को मनाने का तरीका और उनकी नजर में त्यौहार की महत्वता भी बदलता जा रहा है।

आज की युवा पहले की तरह सांस्कृतिक त्योहारों में रुचि नहीं रखते हैं, उनका क्रेज और इंटरेस्ट टेक्नोलॉजी और पार्टी की तरफ ज्यादा बढ़ रहा है। जिसके कारण वे त्योहारों को भी पार्टी समझते हैं। इन सब चीजों ने होली जैसे त्यौहार को भी अभद्र आकर दे दिया है।

जहां इस त्यौहार में खुशियों का रंग लगाना चाहिए तो लोग अपने मौज मस्ती के लिए केमिकल रंगों का इस्तेमाल करके दूसरों को नुकसान पहुंचाते हैं। इतना ही नहीं त्यौहार के बहाने दरिंदगी, छेड़खानी जैसे ना जाने कितने ही अभद्र घटनाएं घटित होती है।

त्योहार को हर्ष उल्लास, खुशी और आनंद के उद्देश्य से मनाया जाता है। होली का त्यौहार भी एक दूसरे की शत्रुता को भुलाकर गले मिलने और एकता स्थापित करने का दिन होता है।

किसी को भी अपने मतलब के लिए, अपने स्वार्थ के लिए, अपने मौज मस्ती के लिए किसी और के त्यौहार को खराब नहीं करना चाहिए। होली का त्योहार रंगों का त्यौहार है तो इस रंग के त्यौहार में अपनों के जीवन में खुशी के रंग लाने की कोशिश करें।

यहां पर होली पर निबंध (holi essay in hindi) अलग अलग शब्द सीमा में शेयर किये है। उम्मीद करते हैं आपको यह निबन्ध पसंद आये होंगे, इन्हें आगे शेयर जरुर करें।

रक्षा बंधन पर निबंध

दिवाली पर निबंध

दशहरा पर निबंध

दुर्गा पूजा पर निबंध

Rahul Singh Tanwar

Related Posts

Leave a comment जवाब रद्द करें.

होली पर निबंध Essay on Holi In Hindi

होली पर निबंध Essay on Holi In Hindi

इस लेख में आप होली पर निबंध (Essay on Holi In Hindi) पढेंगे। इसमें आप होली त्यौहार क्या है, महत्व, तारीख, कैसे मानते हैं, इसकी कहानी जैसी कई जानकारियाँ दी गयी है।

होली पर निबंध Essay on Holi In Hindi  

भारत दुनिया में इकलौता ऐसा देश है, जहां सभी धर्म के लोग एक साथ भाईचारा बनाकर रहते हैं। सभी धर्म और संप्रदाय के त्यौहारों को पूरे भारत में मनाया जाता है, जो भाईचारे की मिसाल पेश करता है।

होली त्यौहार हिंदुओं के लिए एक मुख्य त्यौहार होता है। हिंदुस्तान में प्रत्येक त्यौहारों के पीछे कोई ना कोई पुरानी घटना अथवा कथा अवश्य जुड़ी होती है, जो समस्त मानव जाति को एक सकारात्मक संदेश देती है। 

होली त्यौहार क्या है? What is Holi festival in Hindi

होली हर्षोल्लास और भाईचारे का संदेश देने वाला त्यौहार है। यह मुख्य रूप से हिंदुस्तान में मनाया जाता है लेकिन दूसरे देशों में जहां हिंदू जनसंख्या निवास करती है वहां होली का यह पवित्र त्यौहार मनाया जाता है।

कहा जाता है कि इस दिन पुराने दुश्मन भी एक दूसरे की गलतियों को भूलाकर पुनः मित्र बन जाते हैं। रंग-बिरंगे गुलाल तथा रंगो के साथ होली खेली जाती है। होली का त्यौहार अत्यंत प्राचीन है। 

आमतौर पर वसंत ऋतु एक बेहद खूबसूरत ऋतु माना जाता है, जिसमें कई प्राकृतिक बदलाव होते हैं। इस महीने में खेतों में फसलें भी काफी अच्छी तादाद में उगती है जिससे किसानों को काफी लाभ होता है। 

होली कब है? (2023) When is Holi? (2023) in Hindi

होली शब्द होलिका से बना हुआ है। इसी कारण होली के मुख्य त्यौहार के एक दिन पहले होलिका दहन मनाया जाता है। होलिका दहन 7 मार्च के दिन किया जाएगा। 

होली का महत्व Importance of Holi in Hindi

आज के समय में लोग जिस प्रकार अपने व्यस्त दिनचर्या में लुप्त हैं, इससे तो कभी भी भाईचारा और एकता का विकास नहीं हो सकता। ऐसे में केवल होली जैसे यह त्यौहारों के कारण ही लोग अपने काम से थोड़ा समय निकाल कर इकट्ठे होकर जीवन का वास्तविक आनंद उठाते है।

होली के कारण लोग अपने परेशानियों को भूल कर त्यौहार का पूरा लाभ लेते हैं। विज्ञान के अनुसार यदि मानसिक तनाव और बीमारियों से जूझ रहा कोई व्यक्ति इकट्ठे होकर मौज मस्ती करता है, तो उसकी बीमारियां तीव्रता से ठीक होती हैं। यह बात तो स्पष्ट है कि होली का त्यौहार व्यस्त लोगों के मानसिक तनाव को भी दूर करता है।

यदि प्राचीन धरोहरों और कलाकृतियों पर नजर डाली जाए, तो कई ऐसे साक्ष्य है जो प्राचीन समय में भी होली का त्यौहार मनाने के सबूत पेश करते हैं। कई प्राचीन मंदिर, तोरण इत्यादि धरोहर के शिलाओं पर ऐसी चित्रकारिता देखी गई है, जो होली के महत्व को दर्शाती है।

होली के कई दिनों पहले ही बच्चे रंगो और पिचकारियों को खरीदना शुरू कर देते हैं। इस प्रकार यह पता चलता है की बड़ों से लेकर बच्चों तक हर कोई होली के इस पवित्र त्यौहार का महत्व भली भांति जानता है।

होली त्यौहार कैसे मनाते हैं? How do Holi celebrated in Hindi?

हर किसी को अगले दिन का इंतजार होता है, जब लोग घरों से बाहर निकलकर होली का मजा उठाते हैं। तेज आवाज में गीत की ताल पर लोग गुलाल उड़ाते हुए नाच गाना करते हैं। 

आमतौर पर भारत के सभी राज्यों में एक प्रकार की होली नहीं मनाई जाती। सभी जगहों पर विभिन्न तरीकों से होली मनाने का रिवाज पुराने समय से चलता आया है।

मथुरा और वृन्दावन में होली त्यौहार Holi in Mathura and Vrindavan in Hindi

पारंपरिक संगीत और तैयारियों के साथ कई दिनो पूर्व ही होली मनाने का कार्यक्रम शुरू हो जाता है। देश विदेश से होली पर मथुरा और वृंदावन में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या हजारों में होती है। 

भगवान श्री कृष्ण के धाम में हर कोई नई ऊर्जा तथा आशाएं लेकर यहां आते हैं। ढोल नगाड़े के संग सभी भक्त जन अपने सारे दुखों को भुलाकर केवल होली का आनंद लेते हैं।

दूसरे देशों में होली का उत्सव Holi Celebration in other Countries in Hindi

दुनिया के विभिन्न देशों में भारतीय बसे हुए हैं जिसके कारण अलग-अलग देशों में भी इन त्यौहारों को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। नेपाल, अमेरिका, स्पेन, कैरेबियाई देशों इत्यादि देशों में भी होली एक बड़ा पर्व है।

होली त्यौहार का इतिहास व कहानी History and Story of Holi Festival in Hindi

होली का इतिहास बेहद प्राचीन है। इस त्यौहार को मनाने के पीछे कई प्राचीन धारणाएं और पौराणिक कथाएं जुड़ी हुई हैं। वैसे तो होली मनाने के पीछे एक नहीं बल्कि कई कारण इतिहासकार मानते हैं किंतु सबसे प्रख्यात कथा भक्त प्रहलाद से जुड़ी हुई है।

वह राक्षस स्वयं को ही परमेश्वर कहता था तथा सभी को उसकी पूजा करने के लिए बाध्य करता था। यदि कोई उसकी बात नहीं मानता तो वह उसे मौत के घाट उतार देता था। 

अंत में हिरण्यकशिपु ने अपनी बहन होलिका से मदद मांगी, जिसे अग्नि में ना जलने का वरदान प्राप्त था। जब होलिका प्रहलाद को लेकर अग्नि पर बैठी तो उसका वरदान भी काम नहीं किया और वह जलकर राख हो गई। इस असत्य पर सत्य की जीत के कारण तभी से ही होली का त्यौहार मनाया जाता है।

निष्कर्ष Conclusion

hindi essay topic holi

Similar Posts

राष्ट्रीय तकनीक दिवस पर भाषण speech on national technology day in hindi, विश्व कैंसर दिवस पर निबंध essay on world cancer day in hindi, हेलोवीन दिवस पर निबंध essay on halloween day in hindi, वैश्वीकरण पर निबंध, तथ्य, प्रभाव essay on globalization in hindi, फूल पर निबंध essay on flower in hindi, लड़की बचाओ-बेटी बचाओ पर निबंध save girl child essay in hindi, leave a reply cancel reply.

  • Choose your language
  • मुख्य ख़बरें
  • अंतरराष्ट्रीय
  • उत्तर प्रदेश
  • मोबाइल मेनिया

श्राद्ध पर्व

  • श्री कृष्णा
  • व्रत-त्योहार
  • श्रीरामचरितमानस
  • बॉलीवुड न्यूज़
  • मूवी रिव्यू
  • खुल जा सिम सिम
  • आने वाली फिल्म
  • बॉलीवुड फोकस

लाइफ स्‍टाइल

  • वीमेन कॉर्नर
  • नन्ही दुनिया
  • दैनिक राशिफल
  • आज का जन्मदिन
  • आज का मुहूर्त
  • वास्तु-फेंगशुई
  • टैरो भविष्यवाणी
  • पत्रिका मिलान
  • रत्न विज्ञान
  • धर्म संग्रह
  • Holi Essay In Hindi
  • 104 शेयरà¥�स

होली पर हिन्दी निबंध

होली पर हिन्दी निबंध | Holi Essay In Hindi

मार्च 2017 : कैसा होगा देश-विदेश के लिए

  • वेबदुनिया पर पढ़ें :
  • महाभारत के किस्से
  • रामायण की कहानियां
  • रोचक और रोमांचक

ज़रूर पढ़ें

तिरुपति बालाजी के प्रसाद लड्डू की कथा और इतिहास जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे, खुद माता लक्ष्मी ने बनाया था लड्डू.

तिरुपति बालाजी के प्रसाद लड्डू की कथा और इतिहास जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे, खुद माता लक्ष्मी ने बनाया था लड्डू

Sukra Gochar : शुक्र ने बनाया केंद्र त्रिकोण राजयोग, 6 राशियों को नौकरी में मिलेगा प्रमोशन

Sukra Gochar : शुक्र ने बनाया केंद्र त्रिकोण राजयोग, 6 राशियों को नौकरी में मिलेगा प्रमोशन

कन्या राशि में बुध बनाएंगे भद्र महापुरुष राजयोग, 4 राशियों का होगा भाग्योदय

कन्या राशि में बुध बनाएंगे भद्र महापुरुष राजयोग, 4 राशियों का होगा भाग्योदय

Vastu Tips: घर में किचन किस दिशा में होना चाहिए और किस दिशा में नहीं होना चाहिए?

Vastu Tips: घर में किचन किस दिशा में होना चाहिए और किस दिशा में नहीं होना चाहिए?

Ketu Gochar : पापी ग्रह केतु के नक्षत्र में होगा गुरु का प्रवेश, 3 राशियों की चमकने वाली है किस्‍मत

Ketu Gochar : पापी ग्रह केतु के नक्षत्र में होगा गुरु का प्रवेश, 3 राशियों की चमकने वाली है किस्‍मत

और भी वीडियो देखें

hindi essay topic holi

23 सितंबर 2024 : आपका जन्मदिन

23 सितंबर 2024 : आपका जन्मदिन

23 सितंबर 2024, सोमवार के शुभ मुहूर्त

23 सितंबर 2024, सोमवार के शुभ मुहूर्त

साप्ताहिक राशिफल 2024: इस सप्ताह किन राशियों के सितारे रहेंगे बुलंदियों पर, जानें 12 राशियां Weekly Horoscope

साप्ताहिक राशिफल 2024: इस सप्ताह किन राशियों के सितारे रहेंगे बुलंदियों पर, जानें 12 राशियां Weekly Horoscope

Muhurat This Week: 7 दिन के सर्वश्रेष्‍ठ शुभ मुहूर्त, जानें 23 से 29 सितंबर तक

Muhurat This Week: 7 दिन के सर्वश्रेष्‍ठ शुभ मुहूर्त, जानें 23 से 29 सितंबर तक

Aaj Ka Rashifal: 22 सितंबर का दिन‍ किसके लिए लेकर आया है शुभ समाचार, पढ़ें अपनी राशि

Aaj Ka Rashifal: 22 सितंबर का दिन‍ किसके लिए लेकर आया है शुभ समाचार, पढ़ें अपनी राशि

  • हमारे बारे में
  • विज्ञापन दें
  • हमसे संपर्क करें
  • प्राइवेसी पालिसी

Copyright 2024, Webdunia.com

योजना दर्पण

Yojanadarpan.in

Essay On Holi in Hindi

Essay On My Favourite Festival Holi : होली पर निबंध 1000 शब्दों में

Essay On My Favourite Festival Holi: होली रंगों का त्यौहार है जो भारत में मनाया जाता है। यह मार्च में मनाया जाता है। रंग-बिरंगा त्योहार वसंत ऋतु में मनाया जाता है। होली के दिन हम आमतौर पर सफेद कपड़े पहनते हैं। हम चमकीले रंगों जैसे नीला, हरा, गुलाबी, पीला आदि से खेलते हैं। मेरी माँ स्वादिष्ट मिठाइयाँ बनाती हैं और हम उन्हें अपने आस-पड़ोस में बाँटते हैं।  होली के दिन पानी के गुब्बारों और पिचकारियों का उपयोग करके विभिन्न रंगों से खेलते हैं।होली की शुरुआत राक्षसी होलिका को जलाने से होती है।हम लकड़ियाँ इकट्ठा करके जलाते हैं और उसके चारों ओर नाच-गाकर जश्न मनाते हैं। होली हमें बुराई पर अच्छाई की जीत सिखाती है।  होली के दिन घर में विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट पकवान बनते हैं। जिसका आनंद परिवार के सभी लोग मिलकर उठाते हैं इसके अलावा होली की शाम हम सभी लोग अपने मित्र या सके संबंधित के घर जाकर अबीर देते हैं  यदि आप एक छात्र हैं और होली के ऊपर एक बेहतरीन निबंध लिखना चाहते हैं तो आप बिल्कुल सही आर्टिकल पर आ गए हैं आज के लेख में essay on my favourite festival Holi से जुड़ी जानकारी जैसे- essay on Holi 100 words) essay on Holi 300 words)  essay on Holi 500 words essay on Holi in hindi)Holi par nibandh 10 line) Holi essay in hindi for class 5) Holi festival paragraph के बारे में आपको जानकारी प्रदान करेंगे आर्टिकल को ध्यान से पढ़ेंगे आए जानते हैं-

Holi Essay in Hindi – Overview

आर्टिकल का प्रकारमहत्वपूर्ण त्यौहार
आर्टिकल का नामहोली पर निबंध
साल कौन सा है2024
भाषा कौन सी हैहिंदी
कब मनाई जाएगी25 मार्च 2024 को
कहां मनाई जाएगीपूरे भारतवर्ष में
कौन से धर्म के लोग मानते हैंहिंदू धर्म

होली पर निबंध 100 शब्दों में (Essay On Holi 100 Words)

होली एक प्रमुख हिंदू त्योहार है, जो हर साल वसंत ऋतु में मनाया जाता है। यह रंगों का त्यौहार है जिसके दौरान लोगों, सड़कों और घरों को विभिन्न रंगों में रंगा हुआ देखा जा सकता है। इसे प्यार का त्योहार भी कहा जाता है, क्योंकि इस दिन लोग अपनी पुरानी दुश्मनी को भुलाकर रंगों से खेलते हैं और रिश्तों को फिर से ताजा करते हैं।होली दो दिवसीय त्योहार है, जो मुख्य त्योहार से एक रात पहले छोटी होली के साथ शुरू होता है, जब होलिका दहन (राक्षसी होलिका को जलाना) के प्रतीक के रूप में सड़कों पर बड़ी चिताएं जलाई जाती हैं, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। अगले दिन लोग रंगों से खेलते हैं और शाम को एक-दूसरे के घर जाकर बधाइयां और मिठाइयां बांटते हैं। दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलने का रिवाज एक सप्ताह से अधिक समय तक जारी रहता है।

यह भी पढ़ें: Holi Special Songs

होली पर निबंध 300 शब्दों में ( Essay On Holi 300 Words) 

होली का परिचय.

होली सभी का सबसे पसंदीदा त्योहार है क्योंकि यह बहुत सारी खुशियाँ और खुशियाँ लाता है। इसे हर साल विशेष रूप से हिंदू धर्म के लोगों द्वारा एक बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहार के रूप में मनाया जाता है। यह आमतौर पर मार्च (या फाल्गुन) के महीने में वसंत ऋतु की शुरुआत में पड़ता है। हर कोई इस त्यौहार का बहुत ही उत्साह के साथ और इसे मनाने की खास तैयारियों के साथ इंतजार करता है।

हम होली क्यों मनाते हैं?

होली मनाने के पीछे प्रह्लाद की एक महान कहानी है। एक बार प्रह्लाद (जो भगवान का बहुत बड़ा भक्त था) को उसके ही पिता ने मारने की कोशिश की क्योंकि उसने भगवान के स्थान पर अपने पिता की पूजा करने से इनकार कर दिया था। प्रह्लाद के पिता के आदेश पर उसकी चाची होलिका उसे अपनी गोद में रखकर आग में बैठ गई, लेकिन भगवान ने उसे बचा लिया क्योंकि वह एक सच्चा भक्त था और होलिका को आग में जला दिया गया, जबकि उसे कभी कोई नुकसान न होने का वरदान मिला हुआ था। आग। उस दिन से, हिंदू धर्म को मानने वाले लोग बुराई पर अच्छाई की जीत को याद करने के लिए हर साल होली का त्योहार मनाने लगे।

होलिका दहनरंगीन होली के त्योहार से एक दिन पहले, लोग उस दिन को याद करने के लिए रात में होलिका दहन के समान लकड़ियों और गोबर के उपलों का ढेर जलाते हैं। कुछ लोग यह मानकर होलिका में परिवार के प्रत्येक सदस्य के सरसों के उबटन के अवशेषों को जलाने की विशेष परंपरा का पालन करते हैं कि इससे घर और शरीर से सभी बुराइयां दूर हो जाएंगी और घर में खुशियां और सकारात्मकता आएगी।

यह भी पढ़ें: राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर निबंध

होली पर निबंध 500 शब्दों में ( Essay on Holi 500 Words)  

होली रंगों का एक बहुत प्रसिद्ध त्योहार है जो हर साल ‘फाल्गुन’ या मार्च के महीने में भारत के लोगों द्वारा बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यह विशेष रूप से बच्चों के लिए बहुत सारी मौज-मस्ती और उल्लासपूर्ण गतिविधियों का त्योहार है, जो त्योहार से एक सप्ताह पहले उत्सव शुरू करते हैं और एक सप्ताह बाद भी जारी रखते हैं। देशभर में विशेषकर उत्तर भारत में मार्च के महीने में हिंदू धर्म के लोगों द्वारा होली मनाई जाती है।

महोत्सव के पीछे की किंवदंती और कहानी

भारत में वर्षों से होली मनाने के पीछे कई कहानियाँ और किंवदंतियाँ हैं। यह अत्यंत महत्व एवं महत्ता वाला पर्व है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि होली मनाने की शुरुआत बहुत पहले हुई थी जब होलिका अपने ही भतीजे को आग में मारने की कोशिश करते समय आग में जल गई थी।ऐसा माना जाता है कि हिरण्यकश्यप नाम का एक राक्षस राजा था, जो छोटे प्रह्लाद का पिता था, जिसने अपने ही बेटे को आग में जलाकर मारने की कोशिश की थी जब प्रह्लाद ने उसकी पूजा करने से इनकार कर दिया था क्योंकि प्रह्लाद भगवान विष्णु का बहुत बड़ा भक्त था। जब हिरण्यकश्यप प्रह्लाद को मारने की अपनी कई रणनीतियों में विफल रहा, तो उसने अपनी बहन होलिका को आदेश दिया कि वह प्रह्लाद को अपनी गोद में लेकर आग में बैठ जाए क्योंकि उसे आग से कभी नुकसान न होने का वरदान प्राप्त था।

हालाँकि, यह रणनीति भी विफल रही क्योंकि छोटा प्रह्लाद भगवान विष्णु का भक्त था और उसे उसके भगवान ने बचा लिया था। होलिका आग में जल गयी और प्रह्लाद बच गया। उस दिन से हिंदू धर्म के लोग हर साल होली मनाने लगे।

होलिका और उसके रीति-रिवाज

होली से एक दिन पहले लोग चौराहों पर लकड़ियों का ढेर बनाकर उसे होलिका का प्रतीक बनाकर जलाते हैं और ‘होलिका दहन’ समारोह मनाते हैं। लोग जलती हुई होलिका की कई परिक्रमा करते हैं और अग्नि में सभी पापों और बीमारियों को जलाकर समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद पाने के लिए इसकी पूजा करते हैं। उत्तर भारत में एक प्रथा यह भी है कि लोग सरसों के पेस्ट से शरीर की मालिश करते हैं और फिर शरीर की सभी बीमारियों और बुराइयों से छुटकारा पाने की उम्मीद में इसे होलिका में जला देते हैं।

हम होली कैसे मनाते हैं?

‘होलिका दहन’ के बाद अगली सुबह, लोग एक स्थान पर एकत्रित होकर और एक-दूसरे पर खेल-खेल में रंग फेंककर होली का रंगीन त्योहार मनाते हैं। मुख्य त्योहार से एक सप्ताह पहले ही होली की तैयारियां शुरू हो जाती हैं। लोग, विशेषकर बच्चे अत्यधिक उत्साही होते हैं जो एक सप्ताह पहले से ही अलग-अलग रंगों की खरीदारी शुरू कर देते हैं।

यहां तक ​​कि वे अपने दोस्तों, पड़ोसियों और रिश्तेदारों के साथ पिचकारी और छोटे गुब्बारों से रंग खेलना शुरू कर देते हैं। उत्सव की शुरुआत सुबह से होती है जब बहुत सारे रंगों के साथ लोग अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलने जाते हैं और उन्हें रंग लगाते हैं। होली के व्यंजनों में ‘गुझिया’, मिठाइयाँ, ‘पानी पुरी’, ‘दही बड़े’, चिप्स आदि शामिल होते हैं जिनका मेहमानों के साथ-साथ मेजबानों द्वारा भी आनंद लिया जाता है।

होली पर निबंध 1000 शब्दों में ( Nibandh On Holi 1000 Words)

होली – रंग, खुशी और प्यार का त्योहार.

होली अन्य हिंदू त्योहारों से इस मायने में अलग है कि इसमें किसी भी देवता की पूजा की आवश्यकता नहीं होती है, जैसा कि अन्य त्योहारों के साथ अनिवार्य है। यह त्यौहार बिना किसी धार्मिक बाध्यता के शुद्ध आनंद की मांग करता है।

रंगों के बिना होली उत्सव की कल्पना करना असंभव है। दरअसल इसे रंगों का त्योहार भी कहा जाता है। लोग रंगीन पाउडर से खेलते हैं जिन्हें स्थानीय भाषा में गुलाल कहा जाता है। वे दोस्तों और परिवार के सदस्यों पर गुलाल छिड़कते हैं, एक-दूसरे को “हैप्पी होली” कहते हैं और गले मिलते हैं। बच्चों को विभिन्न प्रकार की पिचकारी के साथ समूह में खेलते देखा जा सकता है।सभी घर और सड़कें सुंदर और चमकीले लाल, पीले, नीले, नारंगी और बैंगनी रंग के संयोजन से रंग जाते हैं। सर्दियों की ठंडी हवाएँ चले जाने के बाद, लोग ढीले-ढाले कपड़े पहनते हैं और एक-दूसरे पर रंग और रंगीन पानी छिड़कते हैं। सिर से पैर तक हर कोई अलग-अलग रंगों में रंगा हुआ है; इतना कि किसी को अपने सबसे करीबी दोस्त को पहचानने में भी एक या दो पल लग जाते हैं।

होलिका दहन की पौराणिक कथा

होली दो दिवसीय त्योहार है, जो हिंदू महीने फाल्गुन की पूर्णिमा की शाम को शुरू होता है। दूसरे दिन सुबह रंग की होली खेली जाती है.होली के पहले दिन को छोटी होली कहा जाता है और शाम को होलिका दहन की रस्म निभाई जाती है। सड़क के चौराहों या बाजार, सड़कों, गलियों, कॉलोनियों आदि में अन्य उपयुक्त स्थानों पर अलाव जलाए जाते हैं। लोग आग में अपना पुराना सामान जलाते हैं, जो ईर्ष्या, घृणा और दुश्मनी की भावनाओं को जलाने का प्रतीक है। यह अनुष्ठान बुराई पर अच्छाई की जीत का भी प्रतीक है।होलिका दहन की आम तौर पर  मशहूर किंवदंतियों में से एक राक्षस राजा हिरण्यकश्यप और उसके पुत्र प्रह्लाद से जुड़ी है। प्रह्लाद भगवान विष्णु का परम भक्त था; इससे हिरण्यकश्यप क्रोधित हो गया, जो अमरता के वरदान के कारण खुद को भगवान मानता था। हालाँकि, उनका पुत्र प्रह्लाद विष्णु की पूजा करने के अपने संकल्प पर अड़ा रहा और उसने अपने पिता हिरण्यकश्यप की पूजा करने से इनकार कर दिया।अपने ही पुत्र से निराश हिरण्यकश्यप क्रोधित हो गया और उसने प्रह्लाद को यातना देना शुरू कर दिया, ताकि वह शांत हो जाए। जब प्रह्लाद ने नियमित रूप से मना कर दिया, तो हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका के साथ प्रह्लाद को उसके साथ जलती हुई चिता पर बैठने के लिए धोखा देने की साजिश रची। माना जाता है कि होलिका को आग में जलने से सुरक्षा का वरदान प्राप्त था। दुष्ट योजना प्रह्लाद को चिता में जलाने की थी, जबकि होलिका वरदान से सुरक्षित रहेगी।होलिका प्रह्लाद को अपने साथ चिता में बैठने के लिए सहमत करने में सफल रही। प्रह्लाद सहमत हो गया क्योंकि उसे अपने देवता विष्णु पर अत्यधिक विश्वास था। होलिका बालक प्रह्लाद को गोद में लेकर चिता में बैठ गयी। जैसे ही चिता जली, भगवान विष्णु ने प्रह्लाद को बचाने के लिए हस्तक्षेप किया और वरदान के बावजूद होलिका जलकर राख हो गई। होलिका को दिया गया वरदान काम नहीं आया, क्योंकि; उसे अमरता तभी प्रदान की गई जब वह अकेले अग्नि में प्रवेश कर गई।इस प्रकार, लोग छोटी होली पर बुराई होलिका के दहन के प्रतीक के रूप में चिता जलाते हैं और अगले दिन रंगीन उत्सवों का स्वागत भी करते हैं।

 लठ मार होली बरसाना

मथुरा के निकट एक छोटे से कस्बे बरसाना में राधा रानी मंदिर के परिसर में लठ मार होली की प्रथा सदियों से मनाई जा रही है। पास के नंदगांव के पुरुष बरसाना आते हैं जहां महिलाएं उन्हें लाठियों से मारती हैं, जिन्हें पारंपरिक रूप से हिंदी में लाठियां कहा जाता है। दूसरी ओर, पुरुष ढालों से अपनी रक्षा करते थे और जो लोग पकड़े जाते थे उन्हें महिलाओं की पोशाक पहनाकर नृत्य कराया जाता था।

बरसाना की लठ मार होली इतनी लोकप्रिय हो गई है कि लाखों देशी भारतीयों के साथ-साथ विदेशी पर्यटक भी इस उत्सव को देखने के लिए बरसाना आते हैं।

होली त्यौहार का जश्न

विभिन्न राज्यों और देशों के लोग अलग-अलग रीति-रिवाजों और तरीकों से होली मनाते हैं। प्रत्येक व्यक्ति प्रथम दिन पूर्णिमा के दिन होली को होली पूर्णिमा के नाम से मनाता है।

सबसे पहले इस दिन लोग बुराई पर अच्छाई की जीत के कारण होली मनाते हैं। साथ ही फाल्गुन महीने का स्वागत करने के लिए लोग होली मनाते हैं, इसलिए इसका दूसरा नाम फगवा है।उन्होंने “होली” शब्द को ‘होला’ शब्द से लिया, जिसका अर्थ है अच्छी फसल के लिए भगवान की पूजा। होली का त्यौहार दीपावली या दीवाली के पारंपरिक त्यौहार की तरह है। इस त्यौहार को लोग हर साल भी मनाते हैं।

आप प्राचीन मंदिरों की दीवारों पर भी होली उत्सव का उल्लेख पा सकते हैं। ओडिशा और पश्चिम बंगाल में पूर्णिमा के अगले दिन को डोल पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है । इसलिए इस दिन को डोल जात्रा के नाम से भी जाना जाता है।

मथुरा और वृन्दावन: होली समारोह

होली का त्यौहार मथुरा और वृन्दावन में प्रसिद्ध है। इस दिन को उत्साह से मनाने के लिए भारत के अन्य शहरों और विभिन्न देशों से लोग मथुरा और वृन्दावन आते हैं।मथुरा और वृन्दावन वे पवित्र स्थान हैं जहाँ भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था। पारंपरिक भारतीय इतिहास के अनुसार, लोग राधा कृष्ण के समय से ही होली का त्योहार मनाते आ रहे हैं।होली के अवसर पर मथुरा और वृन्दावन के लोग विभिन्न मांगलिक कार्यक्रमों और कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं। सबसे पहले बांकेबिहारी मंदिर में महा होली का उत्सव होता है और उसके बाद मथुरा के ब्रज में गुलाल कुंड में लोग होली मनाते हैं। सदस्य यहां कृष्ण लीला नाटक का भी आयोजन करते हैं।

यह भी पढ़ें: होलिका दहन का शुभ मुहूर्त, पूजन सामग्री के बारे में जानें

होली पर निबंध PDF ( Essay On Holi PDF )

होली पर निबंध का पीडीएफ अगर आप प्राप्त करना चाहते हैं तो आर्टिकल में उसकी पीडीएफ फाइल आपको उपलब्ध करवाएंगे जिससे आप अपने मोबाइल में डाउनलोड कर सकते हैं।

Download PDF :

होली पर निबंध हिंदी में ( Essay On Holi in Hindi ) 

होली, रंगों का त्योहार, भारत में मनाए जाने वाले सबसे रंगीन और खुशियों भरे त्योहारों में से एक है। यह आमतौर पर मार्च महीने में आता है और बसंत के आगमन का संकेत देता है। यह त्योहार सिर्फ रंगों के साथ खेलने के बारे में ही नहीं है, बल्कि यह अच्छाई की जीत और एकता की भावना के बारे में भी है।होली की कथा हिन्दू पौराणिक कथाओं में निहित है, खासकर होलिका और प्रहलाद की कहानी में। होलिका, दानवी राक्षस, ने प्रहलाद को भगवान विष्णु के भक्त को आग में जलाने की कोशिश की। हालांकि, भगवान विष्णु ने प्रहलाद की रक्षा की, और होलिका को आग  में नष्ट कर दिया। इस घटना का संकेत अच्छाई की जीत की ओर है, और होली की रात को “होलिका दहन” के नाम से जाने वाले एक बोनफायर को इस जीत का प्रतीक बनाने के लिए जलाया जाता है। स्वादिष्ट मिठाई और नमकीन होली के उत्सव का महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं। इस त्योहार के दौरान गुजियाएं, आटे से बनी जिनमें मिठाई भराई होती है, एक प्रसिद्ध मिठाई होती हैं। ठंडाई, दूध, द्रव्यों, और मसालों से बनी एक पारंपरिक पेय, कई लोगों द्वारा आनंदिति से ली जाती है। लोग इन मिठाईओं को अपने दोस्तों और पड़ोसियों  के साथ साझा करते हैं ताकि खुशी का आनंद दुगना उठाया जा सके होली सिर्फ रंगों के साथ खेलने के बारे में ही नहीं है, यह प्यार और खुशियों को फैलाने के बारे में भी है। दोस्त और परिवार सभी एक साथ आकर्षित होते हैं, और क्षमा त्योहार का महत्वपूर्ण तत्व है। लोग आपसी गलतियों के लिए एक-दूसरे से क्षमा मांगते हैं और प्यार और मित्रता के नए बंधनों के साथ फिर से आरंभ करते हैं।मनोरंजन और उत्सवों के अलावा, होली का सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व भी होता है। यह वक्त होता है जब लोग मंदिरों की यात्रा करते हैं और अपने जीवन के एक समृद्ध और समान्य जीवन के लिए आशीर्वाद प्राप्त करने की प्रार्थना करते हैं। कुछ भारत के क्षेत्रों में, होली को पारंपरिक लोक नृत्य और संगीत के साथ मनाया जाता है, जो इस त्योहार की सांस्कृतिक धरोहर को बढ़ावा देता है।हाल के वर्षों में, होली भारत की सीमाओं के पार भी पॉपुलैर हो गई है और इसे विभिन्न राष्ट्रीयताओं और संस्कृतियों के लोग दुनिया भर में मनाते हैं। यह भारत की संगीती सांस्कृतिक धरोहर और विविधता में एकता की भावना का प्रतीक बन गया है।होली एक त्योहार है जो लोगों को एक साथ लाकर अच्छाई की जीत और बसंत के आगमन को रंगों, मिठाईयों, और संगीत के साथ मनाने के लिए बुलाता है।

होली निबंध 10 लाइन (Holi Per Nibandh 10 Line)

  • होली भारत में उत्साहपूर्वक मनाया जाने वाला त्यौहार है।
  • होली का त्यौहार हर साल फरवरी या मार्च में मनाया जाता है।
  • होली रंग और खुशियों का त्योहार हैं।
  • होली का त्यौहार दुनिया भर में मुख्य रूप से हिंदू लोगों द्वारा मनाया जाता है, लेकिन अब इसे सभी धर्मों के लोग मनाते हैं।
  • भारत में लोग राधा और भगवान कृष्ण के समय से ही होली खेलते आ रहे हैं।
  • होली जीवन में रंगों और खुशियों से भरी होती है।
  • होली खूब रंग (गुलाल) और पानी से मनाई जाती है।
  • होली के जश्न के लिए लोग नई-नई पोशाकें खरीदते हैं।
  • अधिकांश हिंदू परिवार होली उत्सव के लिए विभिन्न प्रकार की मिठाइयाँ और जूस बनाते हैं।
  • इलाके के लोग अपने बीच के सारे गुस्से और झगड़ों को भूलकर खुशी-खुशी एक-दूसरे के साथ होली  खेलते हैं।

होली पर निबंध Class 5 (Holi Essay in Hindi for Class 5) 

होली भारत में मनाया जाने वाला एक.आनंदमय त्योहार है, जो वसंत के आगमन और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। यह रंग-बिरंगा त्योहार विशेष रूप से बच्चों को बहुत पसंद आता है, जो चंचल और उत्साही माहौल में शामिल होने के लिए इस दिन का बेसब्री से इंतजार करते हैं। आप जैसे कक्षा 5 के छात्र के लिए, होली सिर्फ रंगों के बारे में नहीं है; यह मौज-मस्ती, दोस्ती और सांस्कृतिक महत्व के बारे में है।यह त्योहार आमतौर पर मार्च में पड़ता है और इसकी तैयारियां काफी पहले से शुरू हो जाती हैं। लोग अपने घरों को साफ करते हैं, नए कपड़े खरीदते हैं और दोस्तों और परिवार के साथ साझा करने के लिए स्वादिष्ट मिठाइयाँ बनाते हैं। जैसे-जैसे दिन नजदीक आता है उत्साह बढ़ता जाता है और होली के दिन हवा हँसी-मजाक और उत्सव के खाद्य पदार्थों की खुशबू से भर जाती है।बच्चों के लिए होली का सबसे रोमांचक हिस्सा रंगों से खेलना है। सभी रंगों के चमकीले पाउडर और पानी के गुब्बारे आसपास के वातावरण को रंगों के बहुरूपदर्शक में बदल देते हैं। दोस्त और परिवार एक-दूसरे का पीछा करते हैं, एक-दूसरे के चेहरे पर रंग लगाते हैं और हार्दिक हंसी साझा करते हैं। यह एक ऐसा दिन है जब हर कोई समान है, रंगों से सराबोर है जो मतभेद मिटाता है और एकता की भावना को बढ़ावा देता है।होली के पारंपरिक पहलुओं में से एक रात पहले अलाव जलाना है, जिसे होलिका दहन के रूप में जाना जाता है। यह अनुष्ठान हिंदू पौराणिक कथाओं से प्रह्लाद और होलिका की कहानी की याद दिलाते हुए, बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। परिवार अलाव के चारों ओर इकट्ठा होते हैं, गीत गाते हैं और अपने प्रियजनों की भलाई के लिए प्रार्थना करते हैं।रंगों से खेलने की खुशी के अलावा, होली लोगों को एक साथ भी लाती है। यह मतभेदों को भूलने, पिछली शिकायतों को माफ करने और रिश्तों को नवीनीकृत करने का समय है। कहावत “बुरा ना मानो होली है” (बुरा मत मानो, यह होली है) त्योहार के सार को दर्शाती है, क्षमा और सौहार्द की भावना को प्रोत्साहित करती है।हालांकि, तमाम मौज-मस्ती के बीच जिम्मेदारी से होली खेलना भी जरूरी है। सुरक्षित, पर्यावरण-अनुकूल रंगों का उपयोग यह सुनिश्चित करता है कि उत्सव में पर्यावरण या किसी के स्वास्थ्य को नुकसान न पहुंचे। व्यक्तिगत स्थान और दूसरों की सहमति का सम्मान करना भी महत्वपूर्ण है, यह सुनिश्चित करते हुए कि उत्सव सभी के लिए आनंददायक बना रहे।

Holi Festival Paragraph

रंगों का त्योहार होली भारत में एक जीवंत उत्सव है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत और वसंत के आगमन का प्रतीक है। दो दिनों तक चलने वाली, इसकी शुरुआत होलिका दहन, अलाव की रात से होती है, और रंगवाली होली, रंग-बिरंगे उल्लास के दिन के साथ समाप्त होती है। यह त्यौहार सामाजिक बाधाओं को तोड़ता है, एकता को बढ़ावा देता है क्योंकि लोग रंगीन पाउडर और पानी से खेलते हैं। होली क्षमा और नवीकरण को बढ़ावा देती है, जो जीवन के रंगों का प्रतिनिधित्व करने वाले विविध रंगों का प्रतीक है। भारत के अलावा, होली की लोकप्रियता विश्व स्तर पर  फैल गई है 2024 में होली 25 मार्च को पूरे भारतवर्ष में मनाया जाएगा।

Conclusion:

उम्मीद करता हूं कि हमारे द्वारा लिखा गया आर्टिकल आपको पसंद आएगा आर्टिकल संबंधित कोई  सुझाव या प्रश्न है तो आप हमारे कमेंट सेक्शन में जाकर पूछ सकते हैं उसका उत्तर हम आपको जरूर देंगे तब तक के लिए धन्यवाद और मिलते हैं अगले आर्टिकल में..!! 

FAQ’s: Holi Nibandh in Hindi

Q. होली क्या है .

Ans. होली भारत में मनाया जाने वाला एक रंगीन और आनंदमय त्योहार है, जो वसंत के आगमन और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।

Q. होली कब मनाई जाती है? 

Ans. होली आमतौर पर मार्च में हिंदू महीने फाल्गुन की पूर्णिमा के दिन पड़ती है। 

Q. होली कैसे मनाई जाती है? 

Ans. लोग रंगीन पाउडर, पानी के गुब्बारों से खेलते हैं और मिठाइयों का आदान-प्रदान करते हैं। होली की पूर्व संध्या पर अलाव जलाए जाते हैं जिन्हें “होलिका दहन” कहा जाता है।

Q. होली का पारंपरिक भोजन क्या है? 

पारंपरिक होली मिठाइयों में गुझिया (मीठी पेस्ट्री) और ठंडाई (एक मसालेदार दूध पेय) शामिल हैं।

Q. ब्रह्मा जी ने होलिका को क्या वरदान दिया था?

भगवान ब्रह्मा ने होलिका को वरदान देते हुए कहा था, ‘आग उसे नहीं जला पाएगी।’

Leave a Comment Cancel reply

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

Chhoti Badi Baatein

  • हिंदी निबंध संग्रह - Hindi Essay Collection

होली पर निबंध (Holi Essay in Hindi) – होली क्यों मनाई जाती है?

Holi par nibandh in Hindi (Essay on Holi in Hindi) – साल भर मनाए जाने वाले विभिन्न त्योहार भारतीय जीवन शैली का एक अभिन्न हिस्सा हैं। हमारे संस्कृति प्रधान देश में कई रंग-बिरंगे और विविध त्योहार बड़े उत्साह के साथ मनाए जाते हैं। इनमें से होली का त्योहार भी विशेष महत्व रखता है, जिसे आपसी प्रेम और सद्भावना की भावना को मजबूत करने का पर्व कहा जाता है।

होली भारत की विविध संस्कृति के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जो जीवन में उमंग, उल्लास और उत्साह को बनाए रखने की भूमिका निभाता है।

इस लेख में हम होली पर निबंध हिंदी में (Holi Essay in Hindi) होली के त्योहार के सभी महत्वपूर्ण पहलुओं की जानकारी साझा करने जा रहे हैं। हम आशा करते हैं कि विभिन्न शब्द संख्याओं में उपलब्ध यह Holi ka nibandh (होली पर निबंध) सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए उपयोगी सिद्ध होगा।

(होली की जानकारी और छोटे-बड़े निबंध – Short and Long Essay on Holi in Hindi, Holi par Nibandh Hindi mein)

Table of Contents

होली पर निबंध – 1  (250 शब्दों में) (Holi Essay in Hindi)

प्रस्तावना:

होली भारत में मनाया जाने वाला रंगों का एक बहुत लोकप्रिय त्योहार है। होली का मुख्य दिन फाल्गुन पूर्णिमा है, जो मार्च या अप्रैल के बीच में पड़ता है।

होली त्योहार क्या है?

होली एक हिंदू त्योहार (Hindu festival) है जो भारत में विभिन्न रूपों में मनाया जाता है। इसे “फागू पर्व (Fagu festival)” भी कहा जाता है क्योंकि इस त्योहार में लोग एक दूसरे पर अगरके फेंकते हैं और यह रंगों से भरा होता है। 

यह त्योहार हिंदू कैलेंडर के अनुसार फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है जो फरवरी या मार्च के महीने में आता है। 

लोग एक दूसरे को गुलाल, अबीर और तरह-तरह के रंगों से रंगते हैं। बच्चे अपनी इच्छा के अनुसार रंग और गुलाल और पिचकारी खरीदते हैं और लोगों को रंगों से सराबोर करने का आनंद लेते हैं।

इसके अलावा होली पर लोग एक दूसरे के साथ मिठाइयां खाने का भी लुत्फ उठाते हैं। 

भारत के अलग-अलग हिस्सों में होली अलग-अलग रूपों में मनाई जाती है, जैसे उत्तर भारत में लोग लोहड़ी जलाते हैं और मथुरा और वृंदावन में ब्रज भूमि के रंगोत्सव का आयोजन किया जाता है।

हालांकि इसे हिंदू त्योहार माना जाता है, लेकिन इस त्योहार में विभिन्न समुदायों के लोग उत्साह और उमंग के साथ एक साथ आते हैं, जो वयस्कों को भी बचकाना बना देता है।

होली का उत्सव और वसंत ऋतु का आगमन अपने साथ सकारात्मक ऊर्जा लेकर आता है और ऊर्जा को चारों ओर फैला देता है जैसे आकाश में गुलाल बिखर जाता है।

निष्कर्ष: 

होली एक सामाजिक और धार्मिक त्योहार है, जो लोगों को एक साथ आने और पुरे उत्साह के साथ आनंद का अनुभव करने का मौका देता है।

होली पर निबंध – 2  (600 शब्दों में) (Essay on Holi in Hindi)

भारत देश में विविध संस्कृति के साथ कई त्यौहार मनाए जाते हैं। होली, फाल्गुन पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है और इस दिन लोग एक दूसरे पर अगरके फेंकते हैं, रंग लगाते हैं और एक दूसरे को मिठाइयां भी बांटते हैं। होली के दिन लोग रंगों से खेलते हैं, गीत गाते हैं, नाचते हैं और मिठाई खाते हैं। 

होली का आगमन और उत्सव

होली का त्योहार आने के कुछ दिन पहले से ही बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी अपने-अपने तरीके से होली के त्योहार की तैयारी में लग जाते हैं। इस समय फागुन मास की शुरुआत ठंड को विदाई का संदेश लेकर आती है और मौसम सुहावना होने लगता है।

इस पर्व पर फाग गीतों की भी परंपरा रही है; फाग लोकगीतों के बिना यह पर्व कुछ अधूरा सा लगता है। पहले फाग सुनने से ही लोगों को पता चल जाता था कि होली आने वाली है।

खासकर बच्चों में होली के त्योहार को लेकर खासा उत्साह होता है। वे काफी पहले से ही होलिका दहन के लिए सुखी लकड़ियां इकट्ठा करना शुरू कर देते हैं। 

वैसे तो गांवों में लकड़ियां आसानी से मिल जाती है, लेकिन शहर के बच्चे घरों के खराब फर्नीचर, लकड़ी के बेकार सामान आदि से ही होलिका दहन की व्यवस्था करते हैं। इसके साथ ही होलिका तैयार करने में सभी वर्ग के लोग लकड़ी का योगदान करते हैं।

लोग अपने दोस्तों और परिवार के साथ तरह-तरह के रंग और गुलाल की खरीदारी करने लगते हैं। महिलाएं होली के त्योहार पर घर आने वाले लोगों के लिए मिठाई, नमकीन और गुजिया बनाने में जुट जाती हैं।

फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन होलिका दहन के साथ त्योहार की शुरुआत होती है और अगले दिन होली का रंग-बिरंगा त्योहार मनाया जाता है।

लोग समूह में एक-दूसरे के घर जाते हैं और रंग लगाकर होली की शुभकामनाएं देते हैं। साथ ही, “बुरा ना मानो, होली है” का जुमला यह बताता है कि लोग इस दिन रंग और गुलाल लगाने के लिए स्वतंत्र हैं और इससे किसी को नाराज नहीं होना चाहिए।

होली में रंगों का क्या महत्व है?

होली रंगों का रंगीन त्योहार है और इसकी पहचान, रौनक और उत्साह भी इन्हीं रंगों पर आधारित है। तरह-तरह के रंगों में सराबोर चेहरे, कपड़े सबके चेहरे पर मुस्कान ले आते हैं। इस त्योहार के रंगों में बुजुर्गों को भी बच्चों में बदलने की ताकत है।

होली को और किन नामों से जाना जाता है?

होली को आमतौर पर सभी राज्यों में होली के नाम से जाना जाता है, लेकिन कुछ जगहों पर होली को आका, डोल भी कहा जाता है। इसके अलावा भारत और नेपाल में होली को अलग-अलग नामों से जाना जाता है:

  • होली: भारत में होली नाम से जाना जाता है और यह फाल्गुन मास के पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है।
  • फागु पूर्णिमा: उत्तर प्रदेश और बिहार में यह फागु पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है।
  • दोल यात्रा: बंगाल में होली को दोल यात्रा के नाम से जाना जाता है।
  • बसंतोत्सव: होली को भारत के कुछ हिस्सों में बसंतोत्सव के नाम से भी जाना जाता है।
  • फाल्गुन महोत्सव: नेपाल में होली को फाल्गुन महोत्सव के नाम से जाना जाता है।

शहरी संस्कृति ने “होली मिलन” कार्यक्रमों को जन्म दिया है जिसमें राजनीतिक दल, संगठन बड़े पैमाने पर होली मिलन कार्यक्रम आयोजित करते हैं जिसमें सैकड़ों लोग भाग लेते हैं।

  • भारत के अलावा कनाडा, अमेरिका, बांग्लादेश आदि कई देशों में भी होली का त्योहार मनाया जाता है।

होली खुशी और एकता के साथ मनाया जाने वाला एक पारंपरिक त्योहार है। इस त्योहार के दौरान लोग अपने दोस्तों और परिवार के सदस्यों के साथ रंगों से खेलते हैं, मस्ती करते हैं और सभी गिले-शिकवे भूलकर एक नई शुरुआत करते हैं।

होली पर निबंध – 3  (1300 शब्दों में) (Holi par nibandh in Hindi)

होली एक हिंदू त्योहार है जो भारत और नेपाल में प्रमुख रूप से मनाया जाता है। यह त्योहार फाल्गुन महीने की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है, जो फरवरी और मार्च के बीच आता है। यह त्योहार वसंत ऋतु के आगमन का स्वागत करता है।

होली का इतिहास

पुराणों के अनुसार होली की शुरुआत से जुड़ी एक पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं। विष्णु पुराण की एक कथा के अनुसार दैत्यों के राजा हिरण्यकश्यप ने स्वयं को देवता मानकर अपने राज्य में विष्णु पूजा पर प्रतिबंध लगा दिया था। लेकिन उसका अपना पुत्र प्रह्लाद भगवान विष्णु का परम भक्त था और दिन-रात हरि भक्ति में लगा रहता था।

राजा हिरण्यकश्यप को प्रह्लाद का यह व्यवहार बिल्कुल पसंद नहीं आया और उसने प्रह्लाद का मन बदलने की हर संभव कोशिश की। ऐसे में जब प्रह्लाद को किसी भी तरह से भगवान की पूजा करने से रोकने में सफलता नहीं मिली तो उसने प्रह्लाद को मारने का आदेश दे दिया।

जब हाथी के पैरों तले कुचलकर पहाड़ से फेंके जाने पर भी प्रह्लाद को नहीं मारा जा सका तो हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका की सहायता से प्रह्लाद को जलाकर मारने की योजना बनाई।

दरअसल होलिका को भगवान ब्रह्मा से यह वरदान मिला था कि वह आग में नहीं जलेगी। इसलिए वह प्रह्लाद को गोद में लेकर लकड़ी के ढेर पर बैठ गई और उसमें आग लगा दी गई।

होलिका की गोद में बैठा बालक प्रह्लाद भगवान का नाम जपता रहा और उसे किसी प्रकार की हानि नहीं हुई, जबकि वरदान प्राप्त होलिका अपनी दुष्ट कामनाओं के कारण जलकर राख हो गई। तभी से बुराई पर अच्छाई की जीत के उपलक्ष्य में होली का त्योहार मनाया जाने लगा।

होली मनाने के इतिहास के बारे में कुछ लोगों का यह भी मानना है कि यह पर्व प्राचीन आर्यों के समय से मनाया जाता रहा है। जबकि कुछ अन्य लोगों का मानना है कि होली फाल्गुन के महीने में भारत में प्रचलित लोक नृत्यों और गीतों से जुड़ी है।

होली से जुड़ी सामाजिक कुरीतियां

होली एक सामाजिक त्योहार है जो बहुत सारी रंगीन और मनोरंजक गतिविधियों के साथ मनाया जाता है। हालांकि, कुछ सामाजिक कुरीतियां भी होती हैं जो होली के दौरान देखी जाती हैं। 

कुछ असामाजिक लोग होली जैसे धार्मिक महत्व के त्योहार को भी बदनाम करने से नहीं चूकते। कुछ नशेड़ी और दुराचारी लोग नशीले पदार्थ का सेवन कर बेकाबू हो जाते हैं और हंगामा करते नजर आते हैं।

कुछ लोग होलिका में हानिकारक पदार्थ जैसे टायर, प्लास्टिक आदि जलाते हैं, उन्हें इस बात का अहसास नहीं होता कि इससे पर्यावरण को बहुत नुकसान होता है। 

कुछ अति मौज-मस्ती करने वाले लोग होली के दौरान नाभिक रंग, केमिकल रंग या अन्य अनुचित रंगों का उपयोग दूसरों को लगाने का गंदा काम करते हैं, जिससे लोगों को शारीरिक हानि होने की संभावना रहती है।

यदि इन बुराइयों को होली से दूर रखा जाए तो होली का त्योहार वास्तव में मनुष्य और पर्यावरण के लिए हैप्पी होली बन जाएगा।

भारत के विभिन्न राज्यों की होली परंपराएं

ब्रज की होली, मथुरा की होली, वृन्दावन की होली, बरसाने की होली, काशी की होली सारे भारतवर्ष में प्रसिद्ध है। होली की विभिन्न परंपराएं भारत के विभिन्न राज्यों और शहरों में भी पाई जाती हैं।

ब्रजभूमि की लट्ठमार होली (Lathmar Holi of Braj Bhoomi):- “सब जग होरी या ब्रज होरा” अर्थात ब्रज की होली सारे विश्व से निराली है। ब्रज के बरसाना गांव में होली को प्रेम का प्रतीक माना जाता है। 

इस होली में बड़ी संख्या में नंदगांव के पुरुष और बरसाना की महिलाएं भाग लेती हैं क्योंकि श्री कृष्ण नंदगांव के थे और राधा बरसाना की।

जहां पुरुषों का ध्यान महिलाओं को पिचकारी से सराबोर करने पर होता है, वहीं महिलाएं अपना बचाव करती हैं और उनके रंगों का जवाब लाठियों से मारकर देती हैं।

मथुरा और वृंदावन की होली (Holi of Mathura and Vrindavan):- पूरे भारतवर्ष से परे मथुरा और वृंदावन में होली का एक अलग ही रंग होता है। यहां होली की धूम 16 दिनों तक रहती है। लोग “फाग खेलन आयो नंद किशोर” और “उदत गुलाल लाल भाए बदरा” जैसे लोक गीत गाकर इस पावन पर्व में डूब जाते हैं।

बिहार की फगुनवा होली (Phagunwa Holi of Bihar):- बिहार में तीन दिनों तक होली का त्योहार मनाया जाता है। पहले दिन रात को होलिका दहन होता है, जिसे यहां संवत्सर दहन भी कहा जाता है और लोग इस अग्नि के चारों ओर नृत्य करते हैं। अगले दिन इसकी राख से होली खेली जाती है, जिसे धुलेटी कहा जाता है और तीसरा दिन रंगों से भरा होता है।

पुरुषों और महिलाओं के समूह घर-घर जाते हैं और डोल की ताल पर नृत्य करते हैं। फागुन का अर्थ लाल रंग होता है, इसलिए इसे फगुवा होली भी कहा जाता है।

मध्य प्रदेश की भगोरिया होली (Bhagoria Holi of Madhya Pradesh):- मध्य प्रदेश में रहने वाले भील आदिवासियों के लिए होली खास होती है। इस भील होली को भगोरिया कहा जाता है। इस दिन बड़े हो रहे लड़कों को अपना मनपसंद जीवन साथी चुनने की छूट होती है।

भीलों का होली मनाने का एक विशेष तरीका है। इस दिन वे आम के बाग, टेसू के फूल और गेहूं की बालियों की पूजा करते हैं और नए जीवन की शुरुआत के लिए प्रार्थना करते हैं।

महाराष्ट्र की रंगपंचमी (Rangpanchami of Maharashtra):- महाराष्ट्र में मछुआरों की बस्ती के लिए इस त्योहार का मतलब है नाचना, गाना और मस्ती करना होता है। क्योंकि इस त्योहार पर सभी मछुआरे एक-दूसरे के घर जाते हैं और मौज-मस्ती में काफी समय बीत जाता है। महाराष्ट्र में इस दिन पूरन पोली नामक स्वादिष्ट मीठा पकवान बनाया जाता है।

गुजरात की मटकी फोड़ होली (Gujarat’s Matki Phod Holi):- गुजरात में होली के मौके पर जोशीले युवाओं की टोलियां सड़कों पर नाचती-गाती चलती है। गुजरात में होली का त्यौहार श्री कृष्ण की बाल लीला के उपलक्ष्य में होली के दिन मनाया जाता है। महिलाएं माखन से भरे मटकियों को गलियों में ऊंचाई पर टांगती हैं, पुरुष उन्हें तोड़ने की कोशिश करते हैं और गीत-नृत्य के साथ होली खेलते हैं। 

पंजाब का “होला मोहल्ला” (“Hola Mohalla” of Punjab):- पंजाब में होली के इस पर्व को मर्दों की ताकत के तौर पर देखा जाता है। होली के दूसरे दिन से सिखों के पवित्र तीर्थ “आनंदपुर साहिब” में छह दिवसीय मेला लगता है। इस मेले में पुरुष पूरे उत्साह के साथ भाग लेते हैं और घुड़सवारी, तीरंदाजी जैसे करतब दिखाते हैं।

हरियाणा की धुलंडी होली (Dhulandi Holi of Haryana):- हरियाणा, भारत में, होली को धुलंडी और सूखी होली के रूप में मनाया जाता है – इसे गुलाल और अबीर के साथ खेला जाता है। इस दिन भाभियों को साल भर परेशान करने वाले अपने देवर को सजा देने की पूरी आजादी होती है।

भाभियां अपने देवरों को तरह-तरह से प्रताड़ित करती हैं और बेचारे देवर चुपचाप सब सह लेते हैं, क्योंकि यह दिन भाभियों का दिन होता है। शाम को देवर अपनी भाभी के लिए उपहार लाता है और भाभी उसे आशीर्वाद देती है।

राजस्थान में तमाशा होली (Tamasha Holi in Rajasthan):- राजस्थान में होली के अवसर पर तमाशे की परंपरा है। इसमें कलाकार नुक्कड़ नाटक की शैली में मंच को सजाकर आते हैं और नृत्य और अभिनय से भरपूर अपने पारंपरिक कौशल का प्रदर्शन करते हैं। तमाशा की विषयवस्तु पौराणिक कथाओं और पात्रों के इर्द-गिर्द घूमती है और इन पात्रों के माध्यम से सामाजिक और राजनीतिक व्यवस्था पर व्यंग्य भी करती है।

बंगाल की “डोल पूर्णिमा” होली (“Dol Purnima” Holi of Bengal):- बंगाल और उड़ीसा में होली “डोल पूर्णिमा” के नाम से प्रचलित है। इस दिन भजन-कीर्तन गाते हुए पूरे गांव में राधा-कृष्ण की मूर्ति को जुलूस के लिए निकाला जाता है और रंगों से होली खेली जाती है।

मणिपुर की होली (Holi of Manipur):- होली पर मणिपुर में “थबल चोंगबा” नृत्य का आयोजन किया जाता है। यहां यह उत्सव पूरे छह दिनों तक चलता है जिसमें नृत्य-गीत और विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएं होती हैं।

होली के दिन लोग अपनी भावनाओं का इजहार करते हैं और दुश्मनी खत्म करते हैं। इस दिन लोग एक-दूसरे को गुलाल और अन्य रंगों से रंगते हैं जो खुशी, प्रेम और मेल-मिलाप की अभिव्यक्ति को दर्शाते हैं। 

इसके अलावा, होली का अधिक महत्व है क्योंकि यह मानवता के लिए एक सामाजिक और सांस्कृतिक त्योहार है। यह ऐसा पर्व है जो हर धर्म, संप्रदाय, जाति की बंधनों की सीमाओं से परे जाकर लोगों को भाईचारे का संदेश देता है।

होली पर 10 पंक्तियां हिंदी में (10 Lines on Holi in Hindi)

  • होली को रंगों का त्योहार कहा जाता है।
  • यह हिंदुओं के सबसे पसंदीदा और आनंददायक त्योहारों में से एक है।
  • यह त्योहार वसंत ऋतु के आगमन का स्वागत करता है।
  • होली भारत के सबसे लोकप्रिय त्योहारों में से एक है।
  • यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है।
  • रंग, गुलाल, पिचकारी और रंग-बिरंगे पानी के गुब्बारों से बच्चे इस त्योहार को काफी उत्साह के साथ मनाते हैं।
  • होली रंगों का रंगीन त्योहार है और इसकी पहचान, रौनक और उत्साह भी इन्हीं रंगों पर आधारित है।
  • इस त्योहार के अवसर पर, सभी लोग जीवन में सभी बुराईयों पर अच्छाई की जीत के लिए भगवान से प्रार्थना करते हैं।
  • इस मौके पर अपने पुराने गिले-शिकवे भुलाकर अपने परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों, दोस्तों और पड़ोसियों पर रंग डालकर त्योहार मनाया जाता है।

Q – होली का नाम किसके नाम पर रखा गया है? A – होली का नाम हिरण्यकशिपु की बहन होलिका के नाम पर रखा गया है।

Q – साल 2023 में होली कब मनाई जाएगी? A – इस वर्ष होली 08 मार्च 2023 को मनाई जाएगी।

———————————————//

अन्य लेख पढ़ें:

  • राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर निबंध – National science day essay in Hindi
  • भ्रष्टाचार पर निबंध – Essay on corruption in Hindi
  • रेल यात्रा पर निबंध – Essay on Train Journey in Hindi
  • पुस्तक पर निबंध – Pustak Par Nibandh In Hindi
  • डिजिटल इंडिया पर निबंध – Digital India Essay in Hindi
  • कंप्यूटर पर निबंध – Computer Essay In Hindi
  • बसंत पंचमी पर निबंध – Essay on Basant Panchami
  • पोंगल पर निबंध – Essay on Pongal in Hindi
  • गुरु गोबिंद सिंह: जीवनी, इतिहास, जयंती और निबंध / भाषण
  • शिक्षा पर निबंध – Essay On Education In Hindi

Enjoy this blog, Please share this

  • Share on Tumblr

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

Notify me of follow-up comments by email.

Notify me of new posts by email.

Easy Hindi

केंद्र एव राज्य की सरकारी योजनाओं की जानकारी in Hindi

होली पर निबंध हिंदी में (Holi Essay in Hindi) होली पर निबंध PDF

Holi Par Nibandh

Holi Essay in Hindi:- होली हिंदू धर्म द्वारा मनाएं जाने वाले कई त्योहारो में से एक प्रमुख त्योहार है, जिसके लिए भारत और दुनिया भर के  विभिन्न हिस्सों में रह रहे भारवासी जाने जाते हैं। होली रंगों का त्योहार भी कहा जाता है। इस दिन का उत्साह पूरे भारत में देखते ही बनता है। वहीं भारत में होली देखने के लिए विदेशों से भी लोग भारत भ्रमण के लिए आते है। होली के दिन लोग सब भूल भाल के भाईचारे के साथ रंगों के त्योहार को मनाते है। गौरतलब है कि होली की कहानी और किंवदंती दानव राजा हिरण्यकश्यप के समय की है। उसने अपनी बहन होलिका को प्रह्लाद के साथ जलती हुई आग में जाने के लिए कहा ताकि उसका पुत्र भगवान विष्णु के बजाय उसकी पूजा करे।

होलिका को वरदान था कि आग के लपटें और आग उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकती है। वहीं जब होलिका प्रह्लाद को लेकर  जलती हुई आग में आगे बढ़ी, तो भगवान विष्णु ने प्रहलाद को बचा लिया। वहीं होलिका जल कर राख हो गई। तब से, इस दिन को भारत में होली के रूप में जाना जाता है और यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इस त्योहार के दौरान लोग होलिका की मौत की याद में अलाव जलाते हैं। होली को लेकर विद्यार्थियों को निबंध लिखने के लिए कहा जाता है पर अक्सर समझ नहीं आता है कि क्यो लिखे और कैसे लिखे।

इस लेख में हम आपको होली पर निबंध प्रस्तुत करने जा रहे है जिससे आप अपने स्कूल के प्रोजेक्ट से लेकर किसी भी तरह कि निबंध प्रतियोगिता के लिए यूज कर सकते है। इस लेख को हमने होली पर निबंध, Holi Essay in Hindi, Holi Par Nibandh, होली पर निबंध कैसे लिखे, होली पर निबंध PDF, होली पर निबंध 10 लाइन के आधार पर तैयार किया गया है। इस लेख को पूरा पढ़े और शानदार निबंध पाएं।

hindi essay topic holi

Holi Essay in Hindi

टॉपिकहोली पर निबंध
लेख प्रकारनिबंध
साल2024
होली 202425 मार्च
होलिका दहन24 मार्च
ऋतुवसंत 
तिथिवसंत 
वारबुधवार
कहां मनाया जाता हैभारत में
किस धर्म का त्योहार हैहिंदूओं
अवर्तिहर साल

Holi Par Nibandh | होली पर निबंध हिंदी में

होलिका दहन के दूसरे दिन होली रंगों के साथ मनाई जाती है। इस दिन लोग एक दूसरे को खूब रंग लगाते है और ढ़ेर सारी मस्ती करते है। वहींदिन भर के उत्साह के बाद लोग शाम को दोस्तों और परिवार के साथ दावत और शुभकामनाएं साझा करते हुए बिताते हैं। कहा जाता है कि होली सभी के मन में भाईचारे की भावना पैदा करती है और इस दिन विरोधियों का भी मेल-मिलाप हो जाता है। होली त्योहार के दिन की शुरुआत तरह-तरह के व्यंजनों की तैयारी के साथ होती है। लोग एक दूसरे को गुलाल, पानी के रंग और गुब्बारों से रंगते हैं।

इस दिन की सबसे अच्छी बात यह है कि हर कोई अपनी शर्म को छोड़कर मस्ती में शामिल होने का फैसला करता है। वे एक-दूसरे को गले लगाते हैं और एक-दूसरे को ‘हैप्पी होली’ कहते हैं। कई हाउसिंग सोसाइटी अपने लॉन में होली का आयोजन करती हैं। पूरे लॉन को ढकने के लिए पीले, हरे, लाल, गुलाबी, ग्रे और बैंगनी जैसे चमकीले और सुंदर रंगों का उपयोग किया जाता है। लोग इस दिन इतना जमकर होली खेलते है कि यह बताना मुश्किल है कि कौन कौन है। वहीं लोगों के कपड़े भी अलग-अलग रंगों के रंग जाते है।

 होली पर निबंध कैसे लिखे | Holi Par Nibandh Kase Likhe

प्रस्तावना:- होली भगवान कृष्ण और राधा के बीच दिव्य प्रेम का उत्सव भी है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान कृष्ण का रंग सांवला था और वह अपनी माता यशोदा से शिकायत किया करते थे। इसके अतिरिक्त राधा बहुत गोरी थीं और कृष्ण चिंतित रहते थे कि क्या वे उनके रंग के विपरीत होने के बावजूद उन्हें स्वीकार करेंगी।

इसलिए एक दिन यशोदा ने चंचलता से सुझाव दिया कि भगवान कृष्ण को राधा के चेहरे पर रंगों से रंग लगाना चाहिए ताकि उनके रंग के अंतर को दूर किया जा सके। कृष्ण ने अपनी माँ की सलाह का पालन किया और राधा के चेहरे पर रंग लगा दिया और इस तरह पूरे देश में होली का जश्न मनाना शुरू हो गया। यही कारण है कि मथुरा और वृंदावन में यह पर्व बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। यह एक फसल उत्सव भी है और वसंत के आगमन और सर्दियों के अंत का प्रतीक है।

होलिका दहन कब है 2024
होली पर निबंध हिंदी में
Wishes in Hindi
होली पर कविता हिंदी में
हैप्पी होली कोट्स हिंदी में
हैप्पी होली स्टेटस हिंदी में
हैप्पी होली शायरी हिंदी में
होली की हार्दिक शुभकामनाएं संदेश

Holi Par Nibandh

होली से जुड़ी एक अन्य कथा राक्षस राजा हिरण्यकशिपु, उनके पुत्र प्रहलाद – भगवान विष्णु के भक्त और उनकी राक्षसी बुआ होलिका से भी जुड़ी हुई है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार हिरण्यकशिपु को यह वरदान प्राप्त था कि वह न तो किसी मनुष्य द्वारा मारा जा सकता था और न ही किसी जानवर द्वारा। वह चाहता था कि लोग उसकी पूजा करें। हालाँकि जब उनका बेटा भगवान विष्णु का भक्त बन गया और उसने हिरण्यकशिपु की पूजा करने से इनकार कर दिया, तो उसने अपनी बहन होलिका को चिता पर बैठकर उसे मारने के लिए कहा।

जब होलिका चिता पर बैठी तो उसने अपनी ज्वाला-ढाल वाली शाल ओढ़ ली और प्रह्लाद को अपनी गोद में बिठा लिया। हालाँकि, प्रह्लाद ने विष्णु से प्रार्थना करना शुरू कर दिया, जिसने हवा के एक झोंके को बुलवाया जिसने होलिका को और प्रह्लाद को शॉल से उड़ा दिया, जिससे वह बच गया और होलिता  जल गई। इसलिए होली से एक दिन पहले होलिका दहन मनाया जाता है।उसके बाद, भगवान विष्णु ने नरसिंह का अवतार लिया जो आधा मानव और आधा शेर था और राक्षस राजा का वध किया। इसीलिए होली को बुराई पर अच्छाई की जीत के दिन के रूप में भी जाना जाता है।

hindi essay topic holi

होली पर निबंध PDF | Holi Essay PDF

होली का उत्सव होलिका दहन के साथ शुरू होता है, क्योंकि लोग बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक अलाव जलाकर इस दिन का जश्न मनाते हैं। अगले दिन लोग सुबह जल्दी उठकर रंगों से खेलते हैं, जिसे गुलाल भी कहा जाता है। वे दोस्तों और परिवार के साथ मिलते हैं और एक-दूसरे के चेहरे पर रंग लगाते हैं। बच्चे गुब्बारों और खिलौना बंदूकों में पानी भरते हैं और अपने दोस्तों के साथ खेलते हैं। लोग अपने प्रियजनों के साथ त्योहार के लिए विशेष रूप से तैयार किए गए मीठे व्यंजनों और ठंडाई का भी आनंद लेते हैं। पूरे देश में होली कमोबेश एक ही तरह से मनाई जाती है।

हालाँकि, कुछ राज्य इस त्यौहार का थोड़ा अलग तरीके से आनंद लेते हैं। उदाहरण के लिए, ब्रज क्षेत्रों में – मथुरा, वृंदावन, गोवर्धन, गोकुल, नंदगाँव और बरसाना – लोग लठमार होली मनाते हैं जहाँ महिलाएँ पुरुषों को लाठियों या डंडों से मारती हैं, जबकि वे खुद को बचाने की कोशिश करती हैं। साथ ही वृंदावन में फूलवाली होली भी काफी धूमधाम से मनाई जाती है। भक्त और पुजारी बांके बिहारी मंदिर में इकट्ठा होते हैं और एक-दूसरे पर फूल फेंकते हैं।

होली पर निबंध 10 लाइन | Holi Par Nibandh 10 Line

  • होली रंगों का त्योहार है जो भारत में मनाया जाता है।
  • यह मार्च में मनाया जाता है।
  • यह रंगीन त्योहार वसंत ऋतु में मनाया जाता है।
  • आमतौर पर होली के दिन लोग सफेद रंग के कपड़े पहनते हैं।
  • लोग चमकीले रंगों जैसे नीला, हरा, गुलाबी, पीला आदि से खेलते हैं।
  • इस दिन सबके घरों स्वादिष्ट मिठाइयाँ बनाई जाती हैं और उन्हें आस पड़ोस में बाँटा जाता हैं।
  • लोग पानी के गुब्बारों और पिचकारी की मदद से अलग-अलग रंगों से खेलते हैं।
  • होली की शुरुआत राक्षसी होलिका को जलाने से होती है।
  • लोग लकड़ी इकट्ठा करते हैं और उसे जलाते हैं और उसके चारों ओर नाच-गाकर खुशी मनाते हैं।
  • होली हमें बुराई पर अच्छाई की जीत का सबक सिखाती है।

hindi essay topic holi

FAQ’s होली पर निबंध | Holi Essay in Hindi PDF

Q. होली कब मनाई जाती है.

Ans. होली मार्च में मनाई जाती है।

Q. होली किस मौसम में मनाई जाती है?

Ans. होली वसंत ऋतु में मनाई जाती है।

Q. होली किसका प्रतीक है?

Ans. होली बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।

Q. इस अवसर पर किस प्रकार का विशेष पेय और मिठाई बनाई जाती है?

Ans. इस अवसर पर एक विशेष पेय जिसे भांग या ठंडाई कहा जाता है और एक विशेष मिठाई गुजिया बनाई जाती है।

Q. होली इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

Ans. होली का उत्सव होलिका दहन अनुष्ठान के साथ शुरू होता है जो कि होलिका, दुष्ट दानव, और उस अग्नि से भगवान विष्णु द्वारा प्रह्लाद की रक्षा के सम्मान में मनाया जाता है। लोग लकड़ी इकट्ठा करके अलाव जलाते हैं और उसके चारों ओर गीत गाकर खुशियां मनाते हैं। यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।

इस ब्लॉग पोस्ट पर आपका कीमती समय देने के लिए धन्यवाद। इसी प्रकार के बेहतरीन सूचनाप्रद एवं ज्ञानवर्धक लेख easyhindi.in पर पढ़ते रहने के लिए इस वेबसाइट को बुकमार्क कर सकते हैं

Leave a reply cancel reply.

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

Related News

hindi essay topic holi

Essay On Cancer In Hindi | कैंसर पर निबंध

hindi essay topic holi

ईद पर निबंध । Essay on Eid in Hindi

hindi essay topic holi

विज्ञान  वरदान या अभिशाप पर निबंध । Essay Science  Gift Or Curse In Hindi

hindi essay topic holi

विद्यार्थी जीवन पर निबंध।Essay on Student life

InfinityLearn logo

Holi Essay in Hindi: होली पर आकर्षक निबंध

iit-jee, neet, foundation

Table of Contents

Holi Essay in Hindi: त्योहार भारतीय जीवन-शैली का एक अटूट हिस्सा है, जहां विभिन्न प्रकार के रंगीन और विविध त्योहारों का आयोजन होता है। इनमें से होली, जो साथी प्रेम और सद्भावना की भावना को मजबूत करने का महत्वपूर्ण पर्व है, विशेष महत्व रखती है। होली, जो भारतीय संस्कृति के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, जीवन के उत्साह, खुशी, और उमंग को बढ़ावा देने में मदद करती है। होली पर निबंध (Holi Essay in Hindi) में हमने होली के इस महत्वपूर्ण पर्व के सभी पहलुओं की जानकारी प्रदान की है। यह आशा है कि इस होली के निबंध का उपयोग वे छात्र भी करेंगे जो होली हिंदी होली पर निबंध तैयार करना चाहते हैं या होली पर निबंध के लिए सामग्री खोज रहे हैं।

Fill Out the Form for Expert Academic Guidance!

Please indicate your interest Live Classes Books Test Series Self Learning

Verify OTP Code (required)

I agree to the terms and conditions and privacy policy .

Fill complete details

Target Exam ---

होली पर निबंध 100 शब्दों में (Holi Essay in Hindi)

होली हिंदी होली भारत में मनाया जाने वाला एक विशेष पर्व है। यह त्यौहार मार्च महीने की पूर्णिमा को मनाई जाती है। होली का त्योहार भक्त प्रह्लाद की ईश्वर के प्रति अनन्य भक्ति और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इस त्यौहार के पहले दिन होलिका रूपी बुराई का सत्य रूपी अग्नि में दहन किया जाता है फिर अगले दिन जीत की ख़ुशी को रंग और गुलाल की होली खेलकर मनाया जाताहै।

होली पर हमें अप्राकृतिक रंगो से त्यौहार को नहीं मनाना चाहिए बल्कि प्राकृतिक फूलों के रंग से और अबीर से होली खेलनी चाहिए। होली पर सभी अपने पुराने बैर भुलाकर एक दूसरे को गले लगाते है और साथ बैठकर गुझिया, पापड़, और अन्य पकवान खाते है।

होली पर निबंध 200- 300शब्दों में (Holi Essay in Hindi)

होली सबसे रंगीन और प्रसिद्ध भारतीय त्योहारों में से एक है। यह दर्शाता है कि वसंत आ गया है और बुराई पर अच्छाई की जीत हुई है। लोग इस त्योहार पर एक दूसरे को रंगों और पानी से रंगते हैं, जिसे “रंगों का त्योहार” भी कहा जाता है। होली पर लोग अपने दोस्तों और परिवार के साथ मिलकर एक दूसरे पर पानी और रंग फेंकते हैं। वे ढोल बजाकर गाते और नाचते हैं और मिठाइयाँ खाते हैं। यह त्योहार पिछले दुखों को भूलने और माफ करने और नए दोस्त बनाने और पुराने लोगों के साथ रिश्तों को मजबूत करने का भी समय है।

होली एक खुशनुमा और मस्ती भरा त्योहार है, लेकिन इसके कई धार्मिक और सांस्कृतिक मायने भी हैं। ऐसा माना जाता है कि यह हिंदू पौराणिक कथाओं से आया है, जहां भगवान विष्णु ने राक्षस राजा हिरण्यकश्यप को हराया था। भगवान कृष्ण और उनकी पत्नी राधा के बीच प्रेम भी त्योहार से जुड़ा हुआ है। होली एक ऐसा त्यौहार है जो पूरे भारत में बहुत सारी ऊर्जा और खुशी के साथ मनाया जाता है। लोग त्योहार में एक साथ मिलते हैं, जो एकता, सद्भाव और खुशी को बढ़ावा देता है। यह समय अपनी सभी चिंताओं को दूर करने और जीवन का पूरा आनंद लेने का है।

होली का इतिहास होली के त्यौहार का जिक्र पुराने ग्रंथों में भी देखने को मिलता है। इससे हमें होली के त्यौहार का महत्त्व और प्राचीनता का आभास भी होता है। इस त्यौहार को मनाने के पीछे एक बहुत ही प्रसिद्ध कथा है। पुरानी कथा के अनुसार हिरण्यकश्यप नाम का एक बहुत बड़ा राक्षस हुआ करता था। जिसने वर्षों की तपस्या करके भगवान ब्रह्मा जी को प्रसन्न कर दिया, जिसके बाद ब्रह्मा जी के वरदान स्वरूप हिरण्यकश्यप को ना दिन में ना रात में, ना देवता ना मनुष्य, ना ही कोई जानवर और ना ही किसी प्रकार के हथियार से मारा जा सकता था।

online mock test

होली पर निबंध 350 शब्दों में (Holi Essay in Hindi)

होली, भारतीय सांस्कृतिक कला और परंपरा का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह एक प्रमुख राष्ट्रीय त्योहार है जो भारत और भारतीयों के लिए विशेष महत्व रखता है। होली का त्योहार फाल्गुन महीने की पूर्णिमा को मनाया जाता है, और इसे ‘रंगों का त्योहार’ के रूप में जाना जाता है।

इस अद्वितीय त्योहार की महत्वपूर्ण धारा रंग का खेल है, जिसमें लोग एक-दूसरे पर विभिन्न रंगों का पाउडर फेंकते हैं और खुशियों का इज़हार करते हैं। होली का महत्व न केवल एक त्योहार मात्र है, बल्कि यह भारतीय सांस्कृतिक विविधता का प्रतीक भी है और यह दुनिया भर के लोगों के लिए एक रंगीन और आनंददायक त्योहार के रूप में पहचाना जाता है।

होली का महत्व

होली का महत्व भारतीय समाज के लिए गहरा है और यह एक ऐसा त्योहार है जिसे लोग साल भर बेताबी से इंतजार करते हैं। यह त्योहार विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताओं के साथ मिलकर मनाया जाता है, और इसके तहत लोग अपने दोषों को धो देते हैं और नई शुरुआत करते हैं।

होली के त्योहार का महत्व हिन्दू पौराणिक कथाओं से भी जुड़ा हुआ है। इसका सबसे महत्वपूर्ण पारंपरिक कथा है, जिसमें होली को हिरण्यकशिपु के खिलवाड़े और प्रह्लाद के भक्ति की जीत के रूप में मनाने का प्रतीक माना जाता है। हिरण्यकशिपु, एक दुष्ट राक्षस राजा थे, जो भगवान विष्णु के खिलवाड़े से डरते थे। वे अपने पुत्र प्रह्लाद के भक्ति को बंद करने का प्रयास करते थे, लेकिन प्रह्लाद भगवान विष्णु के प्रति अपनी अद्भुत श्रद्धा में अटल रहे। होली के दिन, हिरण्यकशिपु की बहन होलिका ने प्रह्लाद को उसके साथ बांधकर आग में डालने की कोशिश की, लेकिन भगवान की कृपा से प्रह्लाद बिना कोई कष्ट उठाए बच गए। होली के इस घड़ीघड़ी मोमें, होलिका जलकर मर गई, जबकि प्रह्लाद अस्तित्व में बने रहे। इसी प्रकार, होली का त्योहार भक्ति और सच्चे दर्शन की जीत का प्रतीक बन गया, और यही कारण है कि होली को विजय दिवस के रूप में भी मनाते हैं।

इसके अलावा, होली का महत्व भारतीय ऋतुओं के माध्यम से भी जुड़ा हुआ है। यह त्योहार फाल्गुन महीने की पूर्णिमा को मनाया जाता है, जो भारत में बसंत ऋतु की आगमन का समय होता है। बसंत ऋतु के साथ आती हैं खुशियों की बहार और फूलों की महक, और होली इस ऋतु का आगाज़ और खुशियों का स्वागत करने का एक तरीका होता है। इसलिए, होली का महत्व भारतीय जीवन में बसंत के आगमन के साथ जुड़ा हुआ है और यह एक नई शुरुआत की ओर इशारा करता है।

होली का आयोजन

होली का आयोजन विभिन्न तरीकों से भारत के विभिन्न हिस्सों में किया जाता है, और हर स्थान पर इसे अपने तरीके से मनाया जाता है। होली के पहले दिन, जिसे होलिका दहन के रूप में जाना जाता है, लोग होलिका के मूर्ति को आग में जलाते हैं। इसके पीछे का सन्देश है कि बुराई का अंत हमेशा अच्छाई की जीत पर होता है।

होली के दूसरे दिन, लोग रंगों के साथ खेलने और एक-दूसरे को रंगने का आनंद लेते हैं। यह दिन गुलाल, अबीर, और अन्य रंगीन पाउडर के साथ खेलने का होता है। होली के इस रंगीन खेल में लोग अपने दोस्तों और परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर आनंद और खुशी का आनंद लेते हैं। इसके साथ ही, लोग विभिन्न प्रकार के पकवान और मिठाइयों का स्वाद लेते हैं और एक-दूसरे के साथ खुशियों का साथ मनाते हैं।

कुछ स्थानों में, होली के खेल में संगीत और नृत्य का आनंद लिया जाता है। लोग रंगीन वस्त्र पहनकर नृत्य करते हैं और गीतों का आनंद लेते हैं।

होली के खास पकवान

होली के खास पकवान और मिठाइयाँ इस त्योहार का महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं। गुझिया, मालपुआ, दही-बड़े, और मिठाई जैसे विभिन्न पकवान खाए जाते हैं। इन पकवानों का आनंद लेना होली के त्योहार को और भी मजेदार बनाता है।

निषेध: खतरनाक रंगों का उपयोग

होली के खेल में खतरनाक या हानिकारक रंगों का उपयोग करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। ऐसे रंगों का उपयोग करने से क्षति हो सकती है और त्वचा को प्रभावित कर सकता है। इसलिए, हमें होली के खेल में सुरक्षित और प्राकृतिक रंगों का ही उपयोग करना चाहिए।

होली भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और यह एक अद्वितीय त्योहार है जो खुशियों की खोज में लोगों को जोड़ता है। इस दिन लोग अपने दोस्तों और परिवार के साथ आनंद और खुशी का साथ मनाते हैं, और वे अपने दोषों को धो देते हैं और नई शुरुआत करते हैं। होली का महत्व भारतीय संस्कृति, परंपरा, और रंगीनता का प्रतीक है, और यह एक त्योहार के रूप में विश्वभर के लोगों के लिए बहुत खास है। इसलिए, होली का त्योहार भारतीय समाज में गहरा महत्व रखता है और यह एक खुशी और एकता भरा समाजिक त्योहार होता है।

Visit IL website for more study resource.

one-stop-solutions school exam

होली पर निबंध FAQs

होली के बारे में निबंध कैसे लिखें.

होली के बारे में निबंध लिखते समय, पहले होली का महत्व और इसका इतिहास पर बताएं, फिर इस त्योहार के विभिन्न पहलुओं और महत्व को विस्तार से व्यक्त करें।

होली क्यों मनाई जाती है 10 लाइन?

होली को मनाई जाती है क्योंकि यह वसंत ऋतु का स्वागत करने और रंग-बिरंगे जीवन की खुशियों का प्रतीक है, साथ ही हिन्दू धर्म में प्रेम, भाईचारा और सामाजिक मेलजोल को प्रमोट करने का मौका प्रदान करता है।

होली पर क्या लिखें?

होली पर रंगों का खेल और खुशियों का त्योहार मनाते हुए सभी को प्यार और खुशियाँ बांटने की शुभकामनाएं!

होली पर निबंध होली कैसे मनाई जाती है?

होली को भारत में फागुन माह के पूनम के दिन रंगों और खुशियों के साथ मनाया जाता है। इस दिन लोग रंग फेंककर आपसी खुशियों का जश्न मनाते हैं।

Related content

Image

Get access to free Mock Test and Master Class

Register to Get Free Mock Test and Study Material

Offer Ends in 5:00

Select your Course

Please select class.

HindiSwaraj

Holi Essay In Hindi | होली पर हिन्दी निबंध | essay on Holi in hindi | Holi: The festival of colors- होलीः गुलाल से गुलजार रंगो का त्योहार

By: savita mittal

The start of Spring- वसंत से आगाज | Holi Essay

The victory of the good over the evil- अच्छाई पर बुराई की जीत का पर्व, holi in the pages of history- इतिहास के पन्नों में होली का जिक्र, colorful country- रंगो से सराबोर देश, braj holi- ब्रज की होली, holi in india and across the globe- देश-विदेश में होली के रंग.

फाल्गुन की पूर्णिमा और बसंत की बयार, गर्मी की दस्तक और होली का त्योहार होली। होली एक ऐसा त्योहार, जिसके दस्तक देते ही समूचा देश गुलाल से गुलजार हो उठता है। कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक देश का हर कोना रंगों में सराबोर हो खुशियों के इस पर्व को पूरी मौज-मस्ती के साथ मनाता है। मशहूर शायरनज़ीर अकबराबादीने होली को कुछ तरह बयां करते हुए कहा है-

यहाँ पढ़ें : होलिका दहन का पर्व

जब फागुन रंग झमकते हों तब देख बहारें होली की। और दफ़ के शोर खड़कते हों तब देख बहारें होली की।। बाज़ार, गली और कूचों में ग़ुल शोर मचाया होली ने। दिल शाद किया और मोह लिया ये जौबन पाया होली ने।।

रंग और गुलाल ही होली के प्रमुख अंग हैं। प्रकृति भी इस समय रंग-बिरंगे यौवन के साथ अपनी चरम अवस्था पर होती है। फाल्गुन माह में मनाए जाने के कारण इसे फाल्गुनी भी कहा जाता है। फाल्गुन मास (मार्च महीना) की पूर्णिमा को मनायी जाने वाली होली को बसंत का त्योहार, रंगों का त्योहार और प्यार के त्योहार के रूप में भी जाना जाता है। वैसे तो होली का पर्व देश की शान है लेकिन साथ ही होली उन त्योहारों में से एक है, जिन्हें पूरे एशिया सहित कई पश्चिमि देशों में भी बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है।

होली बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक होने के साथ ही यह अनेकता में एकता का त्योहार भी है। होली के दिन सभी लोग आपसी गिले-शिकवे भूल कर एक-दूसरे से गले मिलते हैं और सब साथ मिल कर होली खेलते हैं। जिसके कारण इसे प्यार का पर्व भी कहा जाता है।

होली के एक दिन पहले होलिका दहन का रिवाज होता है, जिसे कई जगहों पर छोटी होली के नाम से जाना जाता है। इसके अगले दिन बड़ी होली खेली जाती है, जिसे देश के हर कोनों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है। कई जगहों पर इसे रंग वाली होली, तो कहीं धुलेटी, धलांडी और फाग्वाह भी कहा जाता है।

यहाँ पढ़ें : Essay on Mahashivratri in Hindi

Holi Essay

वैसे तो होली का त्योहार फाल्गुन माह की पूर्णिमा को ही मना गया है लेकिन वास्तव में होली का पर्व वसंत पंचमी के दिन से ही शुरू हो जाता है।

वसंत पंचमी के पर्व से ही खेतों में लहलहाती सरसों और इठलाती गेहूँ की बलियाँ…बाग-बगीचों में फूलों की चादर बिछ जाती है। पेड़-पौधे, पशु-पक्षी सभी खुशी से परिपूर्ण हो उठते हैं। वसंत की बयार के साथ हीचारों तरफ रंगों की फुहार फूट पड़ती है और सभी लोग पहली बार रंग – गुलाल उड़ा कर होली के आगमन का शंखनाद कर देते हैं। Holi Essay

Holi

नारद पुराण और भविष्य पुराण जैसे पुराणों की प्राचीन हस्तलिपियों और ग्रंथो में भी होली के पर्व का उल्लेख मिलता है। हिन्दु धर्म में मनाए जाने वाले हर त्योहार की तरह होली की भी एक पौराणिक कथा है, जिसके साक्ष्य भागवत पुराण में मिलते हैं। इस कथा के अनुसार प्राचीन काल में हिरण्यकश्यप नामक एक अत्यंत बलशाली असुर था। अपने बल के अहंकार में आकर वह खुद को ही भगवान मानने लगा था।

इसी कारण उसने अपने राज्य में ईश्वर का नाम लेने पर भी पाबंदी लगा दी थी। मगर, हिरण्यकश्यप का पुत्र प्रह्लाद भगवान विष्णु का बहुत बड़ा भक्त था और हमेशा विष्णु का ही ध्यान करता रहता था।

प्रह्लाद की ईश्वर भक्ति से क्रोधित होकर हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका को आदेश दिया कि वह प्रह्लाद के लेकर आग में बैठ जाए। दरअसल होलिका को वरदान प्राप्त था कि वह आग में भस्म नहीं हो सकती।

हिरण्यकश्यप का आदेश मान कर होलिका प्रह्लाद को अपनी गोंद में लेकर आग में बैठ गई । आग में बैठते ही अग्नि की लपटें होलिका को अपने चपेट में लेने लगीं लेकिन प्रह्लाद को एक आंच भी नहीं आई। इस प्रकार होलिका तो जल गई, मगर प्रह्लाद सुरक्षित बच गया।

इस घटना को अच्छाई की बुराई पर जीत के रूप में देखा जाता है। जहाँ होलिका को समाज में व्याप्त बैर और बुराई का प्रतीक जाना  माना जाता है, वहीं प्रह्लाद को प्रेम तथा आनंद का रूप माना जाता है।

होली के संदर्भ में एक और कथा प्रचलित है, जिसके अनुसार इसी दिन भगवान कृष्ण ने कंस द्वारा भेजी पूतना नाम की राक्षसी का वध किया था। पूतना के वध के पश्चात अगले दिन पूरे ब्रज में होली खेल कर खुशियाँ मनायी गईं थी। यही वो दिन था जब राधा-कृष्ण पहली बार मिले थे। इसीलिए पूतना वध को बुराई पर अच्छाई की जीत और राध-कृष्ण के मिलन को प्यार के पर्व के रूप में मनाया जाता है।

पौराणिक त्योहार होने के साथ ही होली एतिहासिक त्योहार भी है, जिसका जिक्र इतिहास के पन्नों में कई जगहों पर मिलता है। वसंत ऋतु में मनाए जाने के कारण इतिहास में होली का उल्लेख वसंतोत्सव और कामहोत्सव के रूप में किया गया है।

इतिहासकारों के अनुसार सबसे पहले होली का उत्सव मनाने का प्रचलन आर्यों में था, साथ ही इस त्योहार को ज्यादातर पूर्वी भारत में मनाया जाता था। होली के त्योहार का वर्णन जैमिनी के पूर्व मीमांसा-सूत्र सहित अनेक पुरातन धार्मिक पुस्तकों में मिलता है। इसके अतिरिक्त प्रसिद्ध अरबी यात्री अल-बरुनी ने भी अपने यात्रावृतांत ‘किताब-उल-हिंद’ में भी ‘होलिकोत्सव’ के नाम से होली के त्योहार का उल्लेख किया है।

मध्यकाल में भी देश में होली खेलने के पर्याप्त साक्ष्य मौजूद हैं। मुगलकालीन ग्रंथ अकबरनामा में मुगल बादशाह अकबर और उनकी बेगम जोधाबाई के होली खेलने का जिक्र मिलता है। वहीं अलवर संग्रहालय में संग्रहित एक मुगलकालीन चित्र में जहाँगीर और नूरजहाँ को होली खेलते हुए दिखाया गया है।

मुगल बादशाह शाहजहाँ के समय तक होली खेलने का मुग़लिया अंदाज़ ही बदल गया था। उनके ज़माने में होली का जिक्र ‘ईद-ए-गुलाबी’ या ‘आब-ए-पाशी’ ( रंगों की बौछार ) के रूप में किया गया है। इसके अलावा मध्ययुगीन हिन्दी साहित्य में दर्शित कृष्ण की लीलाओं में भी होली का विस्तृत वर्णन मिलता है।

मध्यकालीन भारतीय मंदिरों पर बनी आकृतियों में भी होली के सजीव चित्र देखे जा सकते हैं। जहाँ एक ओर विजयनगर की राजधानी हंपी मेंबने एक चित्रफलक पर होली का बेहद खूबसूरत चित्र उकेरा गया है।तो वहीं एक कलाकृति में मेवाड़ के राजा महाराणा को अपने दरबारियों के साथ होली का जश्न मनाते हुए दिखाया गया है।

इसके अलावा सहित्य के कई ग्रंथो मसलन हर्ष की प्रियदर्शिका व रत्नावली , कालिदास की कुमारसंभवम्, चंद बरदाई द्वारा रचित पृथ्वीराज रासो सहित भक्ति काल में कबीर, मीराबाई, सूरदास से लेकर आदिकाल में विद्यापति तक की रचनाओं में होली का विस्तृत वर्णन मिलता है।

holi

देश के विभिन्न कोनों में होली का त्योहार अनेक तरह से मनाया जाता है। सभी समुदाय अपनी-अपनी परंपराओं के आधार पर होली का जश्न मनाते हैं। लेकिन होलिका दहन और रंगों की होली अमूमन पूरे देश में एक समान ही मनायई जाती है।

होली के सात दिन पहले से ही इसकी तैयारियाँ शुरू हो जाती हैं। गली, मोहल्लों और नुक्कड़ों तथा चौपालों पर बाँस, लकड़ी और गोबर के उपलों से होलिका लगाई जाती है। छोटी होली के दिन दोपहर से ही होलिका का विधिवत पूजन आरंभ हो जाता है। जिसके बाद रात को पूर्णिमा के आरंभ के साथ होलिका दहन होता है।

होलिका दहन के अगले दिन को धूलिवंदन कहा जाता है। इस दिन लोग रंगों और गुलाल से होली खलते हैं। सूरज की पहली किरण के साथ ही लोग अपने चाहने वालों के साथ तो होली खेलते ही हैं, साथ ही सभी लोग आपसी कड़वाहटों पर भी गुलाल छिड़क कर हर रिश्ता गुलजार कर लेते हैं।

शहरों, मोहल्लों और गाँवों में जगह-जगह टोलियाँ रंग-बिरंगे कपड़े पहने नाचती-गाती दिखाई पड़ती हैं। वहीं बच्चे भी पिचकारियों और पानी भरे गुब्बारों के साथ होली का भरपूर आनन्द लेते हैं। मौज-मस्ती का ये सिलसिला दोपहर तक चलता रहता है, जिसके बाद सभी नए कपड़े पहनकर शाम को एक-दूसरे के साथ मिलकर स्वादिष्ट पकवानों के जायकों का लुत्फ उठाते हैं।

holi

होली का पर्व अमूमन पूरे देश में बेहद धूम-धाम और उतने ही हर्षोल्लास से मनाया जाता है लेकिन जमकर होली खेलने की फेहरिस्त में मथुरा का नाम शुमार है। मथुरा की होली न सिर्फ देश में बल्कि विदेशों में भी खासी मशहूर है, जिसका लुत्फ उठाने के लिए देश-विदेश से कई पयर्टक आते हैं। मथुरा की होली अपने आप में बेहद खास है। अमूमन पूरे देश में जहाँ एक या दो दिन तक होली का जश्न मनाया जाता है वहीं मथुरा नगरी पूरे 15 दिनों तक होली के रंग में सराबोर रहती है। 15 दिनों तक चलने वाली इस होली में हर दिन अलग और अनोखा होता है।

मथुरा की होली में सबसे मशहूर लठमार होली है। ब्रज के बरसाना गाँव में खेली जाने वाली लठमार होली बेहद अनोखी होती हैं। इस होली को कृष्ण और राधा के प्रेम से जोड़ कर देखा जाता है।

माना जाता है कि कृष्ण का रंग सांवला था इसलिए वोराधा के गोरे रूप को देखकर चिढ़ते थे। जिसके कारण कृष्ण अपने दोस्तों के साथ राधा को रंग लगाने बरसाने जाते थे। तब राधा और उनकी सखियाँ कृष्ण और उनके सखाओं पर जमकर डंडे बरसाती थीं। तब से ये होली लठमार होली के नाम से मशहूर हो गई। होली के दिन जहाँ पूरे देश में रंगों से होली खेली जाती है, वहीं ब्रिज में लठमार होली खेलने का रिवाज है।

होली के पर्व पर मथुरानगरी का नजारा सीधा लोगों के दिलों पर दस्तक देता है। 15 दिवसीय होली पर मथुरा में नन्दगाँव की होली , बरसाने की होली, फूलों की होली, लड्डुओं की होली भी खासी दिलचस्प होती है।

यहाँ पढ़ें : भारतवर्ष का हिन्दी नव वर्ष

होली के दिन पूरा भारत गुलाल से गुलजार हो उठता है। पूर्वी भारत में भी होली का त्योहार काफी हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यहाँ होली को फगुआ कहा जाता है। वहीं मणिपुर में होली का पर्व छह दिनों तक मनाया जाता है।

उत्तर प्रदेश और बिहार में होली के दिन रंग खेलने के अलावा लोक गीतों और नृत्यों का आयोजन किया जाता है। होली के दिन यहाँ ठंडाई पीने का रिवाज भी है।

गुजरात स्थित द्वारकाधीश मंदिर में होली का भव्य आयोजन किया जाता है। इस दौरान दूर-दूर से श्रद्धालु भगवान कृष्ण के दर्शन करने द्वारका आते हैं।

जम्मू-कश्मीर में भी होली के त्योहार को गर्मियों की फसल कटाई के आरंभ के रूप में मनाया जाता है। बड़ी सख्यां में लोग होली समारोह में हिस्सा लेते हैं और पूरे धूम-धाम से परंपराओं के साथ होली का जश्न का मनाते हैं।

महाराष्ट्र में होली की तैयारियाँ लगभग एक हफ्ते पहले ही शुरू हो जाती है। छोटी होली के दिन होलिका दहन के बाद पारंपरिक मिष्ठान पुरान पोली खाई जाती है। बच्चों में ‘होली रे होली पुरान्ची पोली’ कहकर चिल्लाते हुए पुरान पोली का स्वाद चखते हैं।

उत्तराखंड में भी होली पूरे धम-धाम से मनाई जाती है लेकिन यहाँ के कुमाऊँ क्षेत्र में होली का विशेष महत्व है। यहाँ होली को मुख्य रूप से तीन तरह से मनाया जाता है – बैठकी होली, खड़ी होली और महिला होली। बैठकी होली में स्थानीय नृत्य और लोकगीत गाते हुए पारंपरिक रूप में होली मनाई जाती है, वहीं खड़ी होली मनाने का प्रचलन ज्यादातर कुमाऊँ क्षेत्र के गाँवों में है।

होली की धूम न सिर्फ देश में बल्कि विदेशों में भी खासी दिलचस्प होती है। इस दिन नेपाल, पाकिस्तान, अमेरिका, फिजी, मॉरिशस, इंडोनेशिया, गुयाना सहित कई देश होली के रंग में रंग जाते हैं।

Related Essay on Festivals

Reference – 2020, holi festival of colours , wikipedia 2020, होली , विकिपीडिया

hindi essay topic holi

मेरा नाम सविता मित्तल है। मैं एक लेखक (content writer) हूँ। मेैं हिंदी और अंग्रेजी भाषा मे लिखने के साथ-साथ एक एसईओ (SEO) के पद पर भी काम करती हूँ। मैंने अभी तक कई विषयों पर आर्टिकल लिखे हैं जैसे- स्किन केयर, हेयर केयर, योगा । मुझे लिखना बहुत पसंद हैं।

Leave a Comment Cancel reply

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

होली पर निबंध 10 lines (Holi Essay in Hindi) 100,150, 200, 250, 300 शब्दों मे Long and Short Essay in Hindi

hindi essay topic holi

होली पर निबंध  ( Holi Essay in Hindi ) – होली रंगों का त्योहार है जो न केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व में मनाया जाता है। यह एकता का त्योहार भी है क्योंकि यह लोगों को जाति, जातीयता या धर्म की परवाह किए बिना त्योहार मनाने के लिए एक साथ लाता है। मार्च में पूर्णिमा के दिन भारत में होली दो दिनों तक मनाई जाती है। लोग पहले दिन “ होलिका दहन ” (Holika Dahan) मनाते हैं और चारों ओर इकट्ठा होते हैं और लकड़ी और गाय के गोबर के ढेर जलाते हैं, और होली से संबंधित भजन गाते हैं।

फिर अगले दिन, सभी उम्र के लोग “गुलाल” नामक रंगों और “दुलाहांडी” नामक रंगीन पानी के साथ खेलने के लिए इकट्ठा होते हैं। लोग एक साथ दावत करते हैं और “गुजिया” नामक दिन के लिए बनाई गई विशेष मिठाई खाते हैं और “ठंडाई” या कोल्ड ड्रिंक और “भांग” परोसते हैं। लेकिन होली सावधानी से खेली जानी चाहिए। उपयोग किए गए गुलाल को व्यवस्थित रूप से तैयार किया जाना चाहिए क्योंकि रासायनिक गुलाल त्वचा में जलन पैदा कर सकता है और जहां भी यह संपर्क में आता है। लोगों को होली खेलते समय अपने परिवेश के प्रति जागरूक रहना चाहिए और सावधान रहना चाहिए कि किसी को नुकसान न पहुंचे।

होली पर निबंध  ( Holi Essay in Hindi ) – भारत में कुछ जगहों पर होली को पांच दिनों तक भी मनाया जाता है। होली एक राष्ट्रीय अवकाश है और इस दिन सभी शिक्षण संस्थान और कार्यालय बंद रहते हैं।

होली पर निबंध 10 पंक्तियाँ (Essay On Holi 10 lines in Hindi)

  • होली भारत में मुख्य रूप से हर साल हिंदुओं द्वारा मनाए जाने वाले त्योहारों में से एक है।
  • मार्च वह महीना है जब देश में ज्यादातर होली मनाई जाती है, कभी-कभी यह त्योहार दो दिनों से अधिक समय तक मनाया जाता है,
  • भारत के विभिन्न राज्य अलग-अलग तरीकों से होली मनाते हैं और प्रत्येक उत्सव अद्वितीय और सुंदर होता है।
  • होली से एक दिन पहले, एक अनुष्ठान किया जाता है जिसे ‘होलिका दानन’ कहा जाता है, यह एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है जिसे हर कोई खेलता है।
  • लोग एक विशाल अलाव बनाते हैं और विभिन्न समारोह करते हैं, और इस तरह ‘होलिका दानन’ दिखाया जाता है।
  • होली एक खुशी और खुशी का त्योहार है जो सभी को खुश करता है।
  • धार्मिक ग्रंथों के अनुसार होली के उत्सव की शुरुआत राधा और कृष्ण ने की थी।
  • होली के दिन लोग अपने परिवार से मिलते हैं और दोस्त एक दूसरे को उत्सव के रूप में रंग लगाते हैं।
  • उत्तर भारत में होली मनाने के तरीके के रूप में गीत गाने की परंपरा है।
  • होली के लिए कई अनोखी मिठाइयाँ बनाई जाती हैं, और सबसे आम में से एक है ‘गुजिया’।

होली पर निबंध 100 शब्दों में (short Essay on Holi in 100 words in Hindi)

होली पर निबंध  ( Holi Essay in Hindi ) – होली भारत में सबसे लोकप्रिय त्योहारों में से एक है। यह रंगों, खुशी और दोस्ती का त्योहार है। यह मार्च के महीने में मनाया जाता है। यह आमतौर पर बुराई पर अच्छाई की जीत को चिह्नित करने के लिए मनाया जाता है। लोग एक दूसरे को रंग लगाकर त्योहार मनाते हैं। होली को और रंगीन बनाने के लिए लोग वाटर गन, पिचकारी और पानी के गुब्बारों से खेलते हैं।

लोग अपनी दुश्मनी भूलकर रंगों का त्योहार मनाते हैं। लोग सफेद कपड़े पहनकर एक दूसरे के घर जाते हैं। होली के दिन मिठाई और स्वादिष्ट व्यंजन बनाए जाते हैं। लोग अपनों को उपहार बांटते हैं। होली एकता, सद्भाव और भाईचारे का प्रतीक है।

इनके बारे मे भी जाने

  • Essay in Hindi
  • New Year Essay
  • New Year Speech
  • Mahatma Gandhi Essay
  • My Mother Essay

होली पर निबंध 150 शब्दों में (Essay on Holi in 150 words in Hindi)

होली पर निबंध  ( Holi Essay in Hindi ) -होली हिंदुओं का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह रंगों का त्योहार है। होली का त्योहार वसंत ऋतु में दो दिनों तक मनाया जाता है। उत्सव की शुरुआत त्योहार से एक रात पहले होलिका दहन से होती है और अगले दिन को होली कहा जाता है।

होली के मौके पर लोगों में काफी खुशी है। वे अपनी चिंताओं और चिंताओं को भूल जाते हैं। वे स्वादिष्ट खाना बनाते हैं। उन्होंने नए कपड़े पहने। वे एक दूसरे पर रंगीन पानी छिड़कते हैं। वे दूसरों के चेहरों पर रंगीन पाउडर बिखेरते हैं। वे गाते हैं, नाचते हैं और उछल-कूद करते हैं। वे ढोल बजाते हैं और होली के गीत गाते हैं। वे लगभग खुशी से पागल हैं। वे भूल जाते हैं कि वे क्या हैं। शाम को वे अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और पड़ोसियों से मिलने जाते हैं। वे एक दूसरे को गले लगाते हैं। वे दूसरों के चेहरे पर अबीर का धब्बा लगाते हैं।

होली एक खुशी का अवसर है जब हम सभी के साथ खुलकर घुलमिल जाते हैं। हम अमीर और गरीब के बीच के सामाजिक भेद को भूल जाते हैं। त्योहार का यह रंग लोगों को एक करता है और जीवन से हर तरह की नकारात्मकता को दूर करता है।

होली निबंध 200 शब्दों में (Holi Essay in 200 words in Hindi)

होली पर निबंध  ( Holi Essay in Hindi ) – हमारे देश में कई त्योहार मनाए जाते हैं। होली का त्योहार उनमें से एक है। होली रंगों का त्योहार है। यह हिंदुओं का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह वसंत की शुरुआत में आयोजित किया जाता है। प्रकृति अपनी गहरी नींद से जागती हुई प्रतीत होती है। पेड़ नए पत्ते लाते हैं। फूल खिलने लगते हैं।

इस दिन लोग रंग-बिरंगे कपड़े पहनकर और हाथ में सूखा पाउडर लेकर सड़कों पर घूमने लगते हैं। उन्होंने अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के चेहरे पर गुलाल और रंग मलकर उनके सुखी और समृद्ध जीवन की कामना की। बच्चे रंगीन पानी से भरे झरनों को लेकर जाते हैं जिसे वे राहगीरों के कपड़ों पर छिड़कते हैं। वे कूदते हैं, नाचते हैं और आनंदित होते हैं। हर दिल में खुशी का वास है। जो लोग परेशान नहीं होना चाहते वे घर के अंदर ही रहें। लेकिन बहुत बार उन्हें बख्शा नहीं जाता है और उनकी इच्छा के विरुद्ध रंगीन पानी में धोए जाते हैं।

लेकिन कुछ लोग होली को बहुत ही अश्लील तरीके से मनाते हैं। वे शराब पीते हैं और हंगामा करते हैं। वे झगड़ा करते हैं और दूसरों का अपमान करते हैं। वे दूसरों पर कीचड़ और गंदगी फेंकते हैं। ऐसी बुराइयों को रोकना चाहिए। लोगों के लिए समस्याएँ पैदा करने के बजाय खुशी और उल्लास लाने के लिए त्योहार मनाए जाने चाहिए।

होली निबंध 250 शब्दों में (Holi Essay in 250 words in Hindi)

Essay on Holi – कई संस्कृतियों, जातियों और धर्मों के देश के रूप में, भारत पूरे वर्ष अपने कैलेंडर में अनगिनत त्योहार मनाता है। सबसे व्यापक रूप से ज्ञात त्योहारों में, हम होली को सरल शब्दों में रंगों का उत्सव पाते हैं, लेकिन जैसे-जैसे हम थोड़ा गहरा गोता लगाते हैं, होली अपने साथ कई अर्थ और ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और पारंपरिक महत्व लेकर आती है।

होली, कुछ लोगों के लिए, राधा और कृष्ण द्वारा साझा किए गए प्रेम का त्योहार है – प्रेम का एक रूप जिसे किसी विशिष्ट नाम, रूप या आकार की आवश्यकता नहीं होती है। दूसरों के लिए, यह एक कहानी है कि कैसे हम में अच्छाई हमेशा बुराई पर विजयी होकर उभरती है। जबकि कई अन्य लोगों के लिए, होली मस्ती, मस्ती, क्षमा और करुणा का अवसर है। तीन दिनों में फैली, होली की रस्में पहले दिन अलाव के प्रतीक बुराई के विनाश के साथ शुरू होती हैं और दूसरे दो दिनों में रंग, प्रार्थना, संगीत, नृत्य और आशीर्वाद के साथ उत्सव मनाया जाता है। उपयोग किए जाने वाले प्राथमिक रंग विभिन्न भावनाओं और तत्वों का प्रतिनिधित्व करते हैं जैसे भगवान कृष्ण के लिए नीला, प्रजनन क्षमता और प्रेम के लिए लाल और नई शुरुआत के लिए हरा।

  • My Best Friend Essay
  • My School Essay
  • pollution Essay
  • Essay on Diwali
  • Global Warming Essay
  • Women Empowerment Essay

होली निबंध 300 शब्दों में (long Essay on Holi in 300 words in Hindi)

Essay on Holi – होली का त्योहार हर साल मार्च (फागुन) के महीने में पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इसे एकता, प्रेम, खुशी, खुशी और जीत के त्योहार के रूप में भी जाना जाता है। हम एक दूसरे के साथ प्यार और खुशी का इजहार करने के लिए इस त्योहार को चमकीले और आकर्षक रंगों में खेलते हैं। इसका अपना महत्व है साथ ही इसे मनाने के कई कारण, कहानियां और मान्यताएं भी हैं।

होली पर निबंध  ( Holi Essay in Hindi ) – बहुत समय पहले, एक राजा हिरण्यकश्यप, उसकी बहन होलिका और उसका पुत्र प्रह्लाद था। प्रह्लाद एक पवित्र आत्मा थे जो भगवान विष्णु के भक्त थे, जबकि उनके पिता चाहते थे कि प्रह्लाद सहित सभी उनकी पूजा करें। लेकिन भक्त प्रह्लाद को यह ज्ञान नहीं था और वे हमेशा भगवान विष्णु की पूजा करते थे। इससे नाराज होकर उसके पिता ने उसे जलाने की योजना बनाई। उसने अपनी बहन होलिका से कहा कि वह प्रह्लाद को गोद में लेकर आग में बैठ गया क्योंकि होलिका को भगवान से वरदान मिला था कि आग उसे नहीं जला सकती, अपने भाई की बात मानकर होलिका आग में बैठ गई लेकिन प्रह्लाद को इस आग से कोई नुकसान नहीं हुआ हुआ यूं कि इस आग में होलिका जल गई। इसी कथा से होली पर्व की उत्पत्ति हुई।

इस त्योहार के मौके पर सभी अपने अपनों से मिलते हैं, रंग और अबीर से होली खेलते हैं, साथ ही कई ऐसी गतिविधियों में हिस्सा लेते हैं जो एक दूसरे के लिए खुशी दर्शाती हैं। ऐसे में लोग रंगों के इस त्योहार में अपनों के साथ जश्न मनाते हैं.

होली निबंध से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न हिंदी में (FAQs)

होली किस महीने में मनाई जाती है.

जिस महीने मार्च में होली मनाई जाती है वह देश में गर्मी का चरम होता है।

होली का त्यौहार कितने दिनों तक मनाया जाता है?

होली का त्योहार ज्यादातर पांच दिनों तक मनाया जाता है। हालांकि, कुछ जगहों पर इसे पांच दिनों से अधिक समय तक मनाया जाता है।

क्या होली सिर्फ भारत में ही मनाई जाती है?

होली भारत में मनाई जाती है लेकिन पिछले कुछ वर्षों में, सभी धर्मों के लोगों ने भी अपने देश में इस त्योहार के आयोजन में हिस्सा लिया है।

प्राकृतिक रंगों का उपयोग करने की सिफारिश क्यों की जाती है?

देश ने कई अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के साथ-साथ विभिन्न तीव्रता के त्वचा रोगों में वृद्धि देखी है।

होली मनाने के लिए भारत में सबसे अच्छी जगह कौन सी हैं?

भारत का हर हिस्सा अपने तरीके से मनाता है लेकिन मथुरा, दिल्ली, जयपुर और आगरा में होली का भव्य उत्सव मनाया जा सकता है।

english speaking course

Learn English at Home

essay on holi

Essay on Holi (होली पर निबंध)

Essay on Holi (होली पर निबंध)…

Holi – The Festival of Colors

When is holi celebrated, what’s the story behind holi.

  • Conclusion of the Essay.

Spoken English Guru English Speaking Course Kit

Holi is the festival of Colors. It is majorly the festival of Hindus, but now everyone indulges in this beautiful culture of sharing love through smearing colors on each other’s face. Holi symbolizes “Coloring one another in love”. होली रंगों का त्योहार है। यह प्रमुख रूप से हिंदुओं का त्योहार है, लेकिन अब हर कोई एक-दूसरे के चेहरे पर रंग लगाकर प्यार बांटने की इस खूबसूरत संस्कृति का आनंद लेता है। होली “प्यार में एक दूसरे को रंगने” का प्रतीक है।

Holi is celebrated widely in India, by all cultures and states. Anyway, Holi is a fun festival, isn’t it? Holi brings great dishes, new clothes and so many other great things. Little kids love to play with water colours, the elders visit each others’ houses, share good food and moments. People of all age groups enjoy this festival, Holi. होली भारत में सभी संस्कृतियों और राज्यों में व्यापक रूप से मनाई जाती है। वैसे भी, होली एक मजेदार त्योहार है, है ना? होली अपने साथ शानदार पकवान, नए कपड़े और कई अन्य अच्छी चीजें लाती है। छोटे बच्चे रंगों से घुले पानी के साथ खेलना पसंद करते हैं, बुजुर्ग एक-दूसरे के घरों में जाते हैं, अच्छे पकवान और आनंद के क्षण साझा करते हैं। सभी आयु वर्ग के लोग इस त्योहार का आनंद लेते हैं ।

Essay on Holi continues….

The people, allergic to Colors, should stay away from chemical Colors. We should be aware of the hazards of using chemical colours, one should use herbal Colors. We can also prepare colors at home using various flowers and ways. जिन लोगों को रंगों से एलर्जी होती है, उन्हें कैमिकल युक्त रंगों से दूर रहना चाहिए। रासायनिक रंगों के उपयोग करने से होने वाले खतरों के बारे में पता होना चाहिए, इसलिए उन्हें हर्बल रंगों का ही उपयोग करना चाहिए। हम तरह तरह के फूलों और तरीकों से भी घर पर ही रंग तैयार कर सकते हैं।

The festival of Holi typically falls in the month of March. Well, Holi in 2019 was on the 21st of March. Similarly, the upcoming Holi in 2020 is likely to be on the 10th of March. होली का त्योहार आम तौर पर मार्च के महीने में पड़ता है। खैर, 2019 की होली 21 मार्च को थी। इसी तरह, 2020 में आगामी होली 10 मार्च को होने की संभावना है।

The celebration of Holi is about the victory of good over evil. Holi delivers the message that it’s an evil that has to perish, no matter how hard is it to be good in this world, but it’s only good, virtue, and humanity that wins.

होली का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत के बारे में है। होली यह संदेश देता है कि बुराई का अन्त होता ही है, कोई फर्क नहीं पड़ता कि इस दुनिया में अच्छा होना कितना मुश्किल है, लेकिन यह केवल अच्छाई, पुण्य और मानवता ही है जो हमेशा जीतता है।

The mythological story behind Holi is of God Prahlad. He was a dedicated devotee of Lord Vishnu. But his father, an atheist and rebel against God’s believe didn’t like the idea of worshiping God. He wanted everyone to worship him, rather. He expected the same from his son, Prahlad too. Prahlad continued worshiping Lord Vishnu and that did hurt his father.

होली के पीछे की पौराणिक कहानी भगवान प्रह्लाद की है। वे भगवान विष्णु के समर्पित भक्त थे। लेकिन उनके पिता, नास्तिक और भगवान पर विश्वास करने के खिलाफ थे तथा भगवान की पूजा करने के विचार को पसंद नहीं करते थे।  बल्कि, वे चाहते थे कि हर कोई उनकी पूजा करे। उन्हें अपने बेटे प्रह्लाद से भी यही उम्मीद थी। प्रह्लाद भगवान विष्णु की पूजा करता रहा और इससे उसके पिता को अच्छा नहीं लगता था। 

So he asked his sister, Holika to sit in the fire with Prahlad in her lap. Holika was blessed that she would not be harmed by fire. They planned to kill Prahlad. When Holika tries to kill Prahlad, by sitting in the fire, it’s she who burns. Prahlad, the devotee of God is saved. The perishing of Holika is a symbol of perishing of evil. Hence, Holi endorses the idea of doing good. Because evil has to end, get destroyed. इसलिए उन्होंने अपनी बहन होलिका को उसकी गोद में प्रह्लाद के साथ अग्नि में बैठने को कहा। होलिका को आशीर्वाद दिया गया था कि उसे आग से कोई नुकसान नहीं होगा। उन्होंने प्रह्लाद को मारने की योजना बनाई। जब होलिका आग में बैठकर प्रह्लाद को मारने की कोशिश करती है, तो वही जल जाती है। भगवान का भक्त प्रहलाद बच जाता है। होलिका का मर जाना बुराई के नाश का प्रतीक है। इसलिए, होली अच्छाई करने के विचार का समर्थन करती है। क्योंकि बुराई का अंत होना ही है।

Conclusion of The Essay

Holi is the Festival of Colors that falls in the month of March and brings joy to everyone’s family. One should be careful about using Colors. Consent is an important thing, one should not use Colors violently as a tool to bully or abuse Someone. होली रंगों का त्योहार है जो मार्च के महीने में आता है और सभी के परिवार में खुशियाँ लाता है। रंगों के इस्तेमाल करने में हमें सावधानी बरतनी चाहिए। सहमति एक महत्वपूर्ण बात है, रंग का प्रयोग किसी को हिंसक रूप से धमकाने या किसी को गाली देने के साधन के रुप में नहीं करना चाहिए।

The judicious way of playing Holi is always better. One should try to keep the message that Holi endorses. होली खेलने का विवेकपूर्ण/ समझदार तरीका हमेशा बेहतर होता है। इसलिए हमें उस संदेश को याद रखना चाहिए जो होली हमें देता है।

I hope, you liked this Essay on Holi. Please share it with your friends and family.

TRENDING ARTICLES:

  • MAHATMA GANDHI ESSAY

90 Days इंग्लिश स्पीकिग कोर्स किट (Offline): CLICK HERE 90 Days इंग्लिश स्पीकिग कोर्स (Online): CLICK HERE सभी Books की PDF eBooks का सैट: CLICK HERE 6 months ऑनलाइन ब्लॉगिंग कोर्स: CLICK HERE 6 months ऑनलाइन कम्प्यूटर कोर्स: CLICK HERE YouTube: CLICK HERE Facebook: CLICK HERE Instagram: CLICK HERE Android App: CLICK HERE

अगर आपको ये आर्टिकल (Essay on Holi) पसन्द आया हो, तो इसे अपने दोस्तों के साथ WhatsApp, Facebook आदि पर शेयर जरूर करिएगा। Thank you! – Aditya sir

10 thoughts on “Essay on Holi (होली पर निबंध)”

Pingback: Essay on Swachh Bharat Abhiyan (Clean India) - Study Master

Pingback: Essay on Christmas in 500 Words (2019) - Study Master

' src=

Nice Essay… फोटो में आरोही या अर्नवी लग रही है..

' src=

Sir, ek request hai ki aap Hume easy ki PDF file bhi uplbbdh kraye. Please. Baar Baar mobile mai Aankhen lagaye rakhna health ke liye theek nahi hai.

' src=

Fantastic story based on holi festival. Better effect to have been narrated. Thank you sir ?

' src=

Holi per nibandh pura bhejiye pura nibandh English mein bhejna

' src=

Sir kharona se kaise bhacha kya sir us per essay

' src=

very good eassay

' src=

Thank you sir

Leave a Comment Cancel Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

होली पर हिन्दी निबंध | Holi Essay in Hindi

by Editor January 31, 2019, 2:30 PM 21 Comments

होली पर हिन्दी निबंध | Holi Essay in Hindi 

बुरा ना मानो होली है- रंगो का पर्व होली सभी का सबसे प्रिय त्योहार है। युवा और बच्चे खासकर इस दिन बड़े उत्साह में रहते हैं। रंगो से भरे इस त्योहार के बारे में हम लेकर आए हैं होली पर विशेष निबंध। 

होली पर निबंध (100 शब्द)

होली का त्योहार हिन्दू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह त्योहार हर वर्ष फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। हर साल यह पर्व मार्च महीने में आता है। होली के पहले दिन शाम के समय होलिका दहन किया जाता है जिसमे लोग लकड़ी, गोबर के उपले आदि एकत्र कर होलिका दहन करते हैं।

होली का दूसरा दिन रंगों का उत्सव के रूप में मनाया जाता है, इस दिन सभी लोग आपसी बैर भाव भूलकर एक दूसरे को रंग-गुलाल लगाते हैं और एक दूसरे के साथ खुशियाँ बांटते हैं। होली को पूरे भारत भर में फगुआ, धुलेटी, दोल आदि नाम से भी जाना जाता है।

होली पर निबंध (200 शब्द)

रंगो का उत्सव होली भारत और नेपाल में बड़ी धूम धाम के साथ मनाया जाता है। यह पर्व हिन्दू धर्म के खास त्योहारों में से एक है। हर साल मार्च महीने में और हिन्दू पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह की पूर्णिमा में होली का त्योहार मनाया जाता है।

होली का पर्व दो दिन का होता है। पहले दिन होलिका दहन किया जाता है जिसके पीछे पौराणिक कथा जुड़ी हुई है। असुर राज हिरण्यकशिपु अपने ही पुत्र प्रहलाद जो की भगवान विष्णु का भक्त था, उसे मारने के लिए अपनी बहन होलिका से कहते हैं। होलिका प्रहलाद को लेकर अग्नि में बैठ जाती है, किन्तु श्री नारायण की कृपा से भक्त प्रहलाद बच जाता है और होलिका अग्नि में भष्म हो जाती है, तभी से होलिका दहन किया जाता है। होलिका दहन में लोग लकड़ी, गोबर के उपले आदि एकत्र कर उसका दहन करते हैं।

होली के दूसरे दिन धुलेटी अर्थात रंगों का उत्सव मनाया जाता है। इस दिन सभी लोग एकत्र होकर अपने सगे-संबंधियों को रंग-गुलाल लगाते हैं। होली का मुख्य पकवान गुजिया खास तौर पर बनाया जाता है। इस दिन सभी लोग आपस का बैर भूलकर एक होकर होली मनाते हैं। बुरा ना मानो होली है – यह कहकर लोग अपने सभी गिले-शिकवे इस दिन भूल जाते हैं।

होली पर निबंध (400 शब्द)

होली को रंगों का त्योहार कहा जाता है जिसे हर धर्म के लोग बड़े उत्साह और उमंग के साथ मनाते हैं। प्रेम से ओत-प्रोत यह रंगों के त्योहार हर धर्म, जाति और संप्रदाय के बंधनों को खोलकर आपसी भाई-चारे का संदेश देता है। होली के दिन सभी लोग अपने लड़ाई-झगड़े आदि भूलकर एक दूसरे को गले लगाते हैं और एक दूसरे को रंग-गुलाल लगाते हैं।

होली का पर्व फाल्गुन माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। होली के प्रथम दिन होलिका दहन किया जाता है। होलिका दहन के पीछे एक पौराणिक कथा जुड़ी हुई है जिसमें हमें होली का महत्व समझ में आता है।

भगवान विष्णु भक्त प्रहलाद के पिता हिरण्यकशिपु स्वयं को भगवान मानते थे और वे श्री विष्णु को अपना परम शत्रु मानते थे। अपने पुत्र प्रहलाद को विष्णु भक्ति करते हुये उन्होने देखा तो उन्होने कई बार प्रहलाद को मारने का प्रयास किया लेकिन सभी प्रयास विफल हुये। अंत में हिरण्यकशिपु ने अपनी बहन होलिका से प्रहलाद को मारने के लिए मदद मांगी। होलिका भक्त प्रहलाद को अपनी गोद में लेकर जलती हुई चिता में बैठ गयी। किन्तु श्री हरी विष्णु की कृपा से प्रहलाद सुरक्षित रहे और होलिका जल कर भस्म हो गई।

यह कथा यही संदेश देती है कि बुराई के सामने अच्छाई की विजय हमेशा होती है। तभी से होली के पहले दिन शाम को होलिका दहन किया जाता है।

होली का दूसरा दिन रंगो का त्योहार के रूप में मनाया जाता है जिसमें सभी लोग अपने सगे-संबंधियों के साथ मिलकर अबीर, गुलाल और तरह तरह के रंगो से धुलेटी मनाते हैं और सभी एक दूसरे को रंग लगाकर आपसी बैर भाव को भूल जाते हैं।

होली के दूसरे दिन सभी लोग प्रातः जल्दी उठकर अपने सगे-संबंधियों व मित्रों के घर जाते हैं और उनके साथ रंगों की होली खेलते हैं। बच्चे और युवा इस दिन बहुत उत्साह में रहते हैं। इस दिन बाज़ारों में तरह-तरह की मिठाइयाँ बिकनी शुरू हो जातीं हैं। पिचकारी और रंगों की  खूब बिक्री होती है।

इस दिन सभी लोग अपने बैर-भाव को भूलकर आपस में गले मिलते हैं। घर में होली का विशेष पकवान गुजिया खास तौर पर बनाई जाती है। इस दिन होली के गीत भी गाये जाते हैं। ब्रज की होली, मथुरा की होली, वृंदावन की होली, बरसाने की होली, काशी की होली पूरे भारत में मशहूर है।

होली का पर्व रंगों का पर्व है लेकिन आजकल के रंगों में केमिकल का ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है जो कि हमारी त्वचा के लिए नुकसानदेय है। अतः हमें होली के दिन प्रकृतिक रंगो का ही इस्तेमाल करना चाहिए। साथ ही साथ हमें होली के दिन पानी का व्यय भी करने से बचना चाहिए।

होली पर निबंध (700 शब्द)

होली हिन्दू धर्म का एक प्रमुख पर्व है और यह पर्व फाल्गुन (मार्च) के महीने में पूर्णिमा के दिन हर साल मनाया जाता है। यह त्योहार आपसी प्रेम और भाई चारे का पर्व है और भारत में हर धर्म जाति से परे होकर सभी लोग मिल जुलकर यह त्योहार मानते हैं। यह त्योहार बसंत ऋतु के समय आता है। होली का  त्योहार दो दिन का होता है, पहला दिन होलिका दहन का होता है और दूसरा दिन रंगों के साथ उत्सव मनाने का होता है।

होली से जुड़ी पौराणिक कथा

हिरण्यकशिपु नाम का असुर बहुत बलशाली था और अपने बल से उसने तीनों लोकों पर अपना आधिपत्य स्थापित कर रखा था। वह स्वयं को ईश्वर मानने लगा था और जो भी इसका विरोध करता उसे मृत्यु दंड देता था। हिरण्यकशिपु भगवान विष्णु को अपना परम शत्रु मानता था।

हिरण्यकशिपु का पुत्र बचपन से ही श्री विष्णु का परम भक्त था और उनका ही नाम जपता रहता था। जब हिरण्यकशिपु को इस बात का पता चला तो क्रुद्ध होकर उसने अपने पुत्र प्रहलाद को मारने के लिए कई प्रयत्न किए, किन्तु श्री विष्णु की कृपा से भक्त प्रहलाद हर समय सुरक्षित ही लौटता था।

इसी बीच हिरण्यकशिपु ने अपनी बहन होलिका से मदद मांगी। होलिका को यह वरदान प्राप्त था कि वह अग्नि में भस्म नहीं हो सकती। होलिका अपने भाई की बात मानकर भक्त प्रहलाद को मारने के लिए उसे अपनी गोद में लेकर जलती हुई चिता पर बैठ गयी। लेकिन यहाँ भी श्री हरी विष्णु ने भक्त प्रहलाद की रक्षा की और वो अग्नि से सुरक्षित बाहर आ गया और होलिका अग्नि में जलकर भस्म हो गयी। तभी से होली के दिन होलिका दहन किया जाता है।

होलिका दहन से हमें यही संदेश मिलता है की आप ईश्वर की शरण में हैं तो कोई भी संकट आपको छू भी नहीं सकता।

होली का पहला दिन होलिका दहन

होली का पहला दिन होलिका दहन का दिन कहलाता है। इस दिन शाम के समय चौराहों पर, खेतों में और खुले मैदानों में लकड़ी और गोबर के उपले को एकत्र कर होलिका का दहन किया जाता है। इसमें लकड़ियाँ और उपले का प्रमुख रूप से उपयोग होता है। जलती हुई होली का सभी लोग पूजन करते हैं और अपने अंदर की बुराई को समाप्त करने के लिए प्रार्थना करते हैं। गांवो में लोग होली के गीत गाकर होलिका दहन करते हैं।

होलिका का दहन समाज की समस्त बुराइयों के अंत का प्रतीक है। यह बुराइयों पर अच्छाइयों की विजय का सूचक है।

होली का दूसरा दिन रंगोत्सव

होली का दूसरा दिन एक दूसरे को रंग लगाने का होता है। यह दिन धुलेटी या धूलिवंदन भी कहलाता है। इस दिन लोग तरह-तरह के रंगों से खेलते हैं। सुबह होते ही सब अपने मित्रों और रिश्तेदारों से मिलने निकल पड़ते हैं। गुलाल और रंगों से सबका स्वागत किया जाता है। बाज़ार रंगों और पिचकारियों से सज जाते हैं।

लोग अपनी ईर्ष्या-द्वेष की भावना भुलाकर प्रेमपूर्वक गले मिलते हैं तथा एक-दूसरे को रंग लगाते हैं। इस दिन जगह-जगह लोगों की टोलियाँ एक दूसरे को रंग लगातीं हुई नाचती गाती हुईं दिखाई पड़तीं हैं। बच्चे पिचकारियों से रंग छोड़कर अपना मनोरंजन करते हैं। सारा समाज होली के रंग में रंगकर एक-सा बन जाता है। रंग खेलने के बाद देर दोपहर तक लोग नहाते हैं और शाम को नए वस्त्र पहनकर सबसे मिलने जाते हैं। प्रीति भोज तथा गाने-बजाने के कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं।

होली (टीका टिप्पणी)

21 comments.

Yup but it needs more improvement I think

Very nice essay

Hello hi thanks ?

Awesome write up

फर्स्ट क्लास से लेकर थर्ड क्लास तक के बच्चों के लिए

होली रंगों का त्योहार हैl भारतवासी इस त्यौहार को बहुत ही उत्साह से मनाते हैंl होली 2 दिनों की होती हैl इसमें एक दूसरे को गुलाल लगाते हैl होली का मुख्य पकवान गुजिया हैl बच्चे वह बड़े इस त्यौहार को बहुत ही और प्रेम से बनाते हैंl इस दिन सेभी बुरा ना मानो होली कहकर सब एक दूसरे को रंग लगाते हैंl इस दिन बाजारों में मिठाइयां , नए कपड़े, पिचकारी और रंग बेचे जाते हैंl होली मार्च के महीने में आती हैl होली को रंगो का उत्सव भी कहा जाता है, भारत के हर निवासी इस तोहार को बहुत ही प्यार से मनाते हैंl

Nice thank you so much ?

Hone wali labh and hani

This is waste

Good job this is fendestik

This is too good ?words200,300,500 etc. Vary helpful for writing and निबंध..

Thanx for this site for beautiful निबंध!

800 word type Holi essay

Nice for learning

Thank you, this help me a lot

Nice holi essay writing is very help ful website thanks you very much bhai

भारतदेश अवेके अत्सवा भवन्ति ।

Leave a Reply Cancel reply

' src=

Your email address will not be published. Required fields are marked *

BHIM UPI App क्या है - What is BHIM & How To Use in Hindi

BHIM UPI App क्या है – What is BHIM & How To Use in Hindi

स्वामी विवेकानन्द पर निबंध - Swami Vivekananda Hindi Essay

स्वामी विवेकानन्द पर निबंध – Swami Vivekananda Hindi Essay

© Copyright 2018. · All Logos & Trademark Belongs To Their Respective Owners

hindi essay topic holi

होली पर निबंध Essay on Holi in Hindi| Holi pr Nibandh

हिंदी में होली पर निबंध – essay on holi in hindi  format, .

होली पर निबंध – Holi Essay in Hindi – In this article, we are giving complete information about Holi. Holi is a subject on which you can be asked to write an essay in any class. You should have full information about the topic of Holi to write an essay on Holi. Only then can you produce an effective essay. You can gain more information related to the festival of Holi here.

इस लेख में हम होली के बारे में सम्पूर्ण जानकारी दे रहे हैं। दीपावली की ही तरह होली एक ऐसा विषय है जिस पर आपको किसी भी कक्षा में निबंध लिखने के लिए कहा जा सकता है। हमने आपको दीपावली के निबंध में भी बताया था कि उच्च कक्षाओं में जब आप निबंध लिखते हैं तो आपको उस निबंध के विषय के बारे में सम्पूर्ण जानकारी पता होनी चाहिए। तभी आप एक प्रभावशाली निबंध का निर्माण कर सकते हैं। आशा करते हैं कि हमारे होली पर निबंध से आपको अतिरिक्त सहायता मिलेगी।

सामग्री (content)

  • होली पर निबंध 200 शब्दों में (Class7)

होली कब मनाई जाती है

होली का इतिहास, होली मनाने की तैयारियाँ.

  • होली का महत्त्व
  • भारत की विभिन्न प्रसिद्ध होलियाँ
  • होली से मिलते-झुलते विदेशी त्यौहार
  • वर्तमान में होली का रूप

होली पर निबंध 200 शब्दों में Class 7

होली सबसे रंगीन और प्रसिद्ध भारतीय त्योहारों में से एक है। यह दर्शाता है कि वसंत आ गया है और बुराई पर अच्छाई की जीत हुई है। लोग इस त्योहार पर एक दूसरे को रंगों और पानी से रंगते हैं, जिसे “रंगों का त्योहार” भी कहा जाता है। होली पर लोग अपने दोस्तों और परिवार के साथ मिलकर एक दूसरे पर पानी और रंग फेंकते हैं। वे ढोल बजाकर गाते और नाचते हैं और मिठाइयाँ खाते हैं। यह त्योहार पिछले दुखों को भूलने और माफ करने और नए दोस्त बनाने और पुराने लोगों के साथ रिश्तों को मजबूत करने का भी समय है। होली एक खुशनुमा और मस्ती भरा त्योहार है, लेकिन इसके कई धार्मिक और सांस्कृतिक मायने भी हैं। ऐसा माना जाता है कि यह हिंदू पौराणिक कथाओं से आया है, जहां भगवान विष्णु ने राक्षस राजा हिरण्यकश्यप को हराया था। भगवान कृष्ण और उनकी पत्नी राधा के बीच प्रेम भी त्योहार से जुड़ा हुआ है। होली एक ऐसा त्यौहार है जो पूरे भारत में बहुत सारी ऊर्जा और खुशी के साथ मनाया जाता है। लोग त्योहार में एक साथ मिलते हैं, जो एकता, सद्भाव और खुशी को बढ़ावा देता है। यह समय अपनी सभी चिंताओं को दूर करने और जीवन का पूरा आनंद लेने का है।

प्रस्तावना (Introduction)

भारत त्यौहारों का देश है इसीलिए यहाँ प्रत्येक दिन एक त्यौहार के रूप में मनाया जाता है। भारत का होली का त्यौहार विश्व प्रसिद्ध है। होली का त्यौहार हिंदू धर्म में मनाया जाने वाला दूसरा सबसे बड़ा त्यौहार है। इस त्यौहार को रंगो के त्यौहार के नाम से भी जाना जाता है। होली का त्यौहार भारत के साथ-साथ नेपाल, बांग्लादेश, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा जैसे कई देशों में भी प्रसिद्ध है। इस त्यौहार को सभी वर्गों के लोग मनाते हैं। वर्तमान में तो अन्य धर्मों को मानने वाले लोग भी इस त्यौहार को बड़ी धूमधाम से मनाने लगे हैं। प्रकृति भी एक तरह से इस त्यौहार में सम्मिलित होती है। चारों ओर रंग बिरंगे फूल बिखेर कर बसंत ऋतु खुशियाँ लुटाती है। यह खुशियां बांटने वाला त्यौहार है, इस दिन सभी लोग एक दूसरे से गले मिलकर खुशी-खुशी इस त्यौहार को मनाते है। इस त्यौहार में ऐसी शक्ति है कि वर्षों पुरानी दुश्मनी भी इस दिन दोस्ती में बदल जाती है। इसीलिए होली को सौहार्द का त्यौहार भी कहा गया है। ऐसा माना जाता है कि होली का त्योहार हजारों वर्षों से मनाया जा रहा है। होली का त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है, साथ ही यह मौज-मस्ती का भी प्रतीक है। होली को ना जाने लोगों ने कितने रूप दिए, बचपन की होली हो या बुढ़ापे की उल्लास हमेशा एक सी ही होती है। इस पर एक मशहूर गाना हमेशा याद आता है ‘होली के दिन दिल खिल जाते है रंगों में रंग मिल जाते है।’

Top Related – Essays in Hindi

होली का त्योहार प्रत्येक वर्ष मार्च के महीने में मनाया जाता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार इस त्यौहार को फाल्गुन मास में मनाने की प्रथा है। यह त्यौहार प्रमुख रूप से दो दिनों का होता है। जिसमें पहले दिन होली दहन किया जाता है, जिसमें लकड़ियाँ और गोबर के कंडे डालकर होलिका दहन किया जाता है।

होली के दूसरे दिन को धुलण्डी कहा जाता है। जिसमें सभी लोग एक दूसरे को रंग-बिरंगे रंग लगाते हैं। इस दिन भारत में लोग कोई भी जात-पात नहीं देखते। सभी एक दूसरे से गले मिलकर खूब धूमधाम से होली को मनाते है।

  • होली के त्यौहार का जिक्र पुराने ग्रंथों में भी देखने को मिलता है। इससे हमें होली के त्यौहार का महत्त्व और प्राचीनता का आभास भी होता है। इस त्यौहार को मनाने के पीछे एक बहुत ही प्रसिद्ध कथा है।
  • पुरानी कथा के अनुसार हिरण्यकश्यप नाम का एक बहुत बड़ा राक्षस हुआ करता था। जिसने वर्षों की तपस्या करके भगवान ब्रह्मा जी को प्रसन्न कर दिया, जिसके बाद ब्रह्मा जी के वरदान स्वरूप हिरण्यकश्यप को ना दिन में ना रात में, ना देवता ना मनुष्य, ना ही कोई जानवर और ना ही किसी प्रकार के हथियार से मारा जा सकता था।
  • हिरण्यकश्यप भगवान विष्णु को अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानता था इसलिए अपनी प्रजा से कहता था कि वह उसकी पूजा करें भगवान विष्णु की पूजा ना करें। वह अपनी प्रजा से क्रूरता पूर्ण व्यवहार करने लगा। प्रजा के कुछ लोग भय वश उसकी पूजा भी करने लगे।
  • समय बीतने के साथ ही हिरण्यकश्यप के घर एक बेटा पैदा हुआ जिसका नाम प्रह्लाद रखा गया। प्रहलाद बचपन से ही भगवान विष्णु का भक्त था। प्रह्लाद हिरण्यकश्यप को ईश्वर नहीं मानता था। बहुत समझाने पर भी वह नहीं समझा तो हिरण्यकश्यप ने उसे मारने के कई उपाय किये, पर वह नहीं मरा। हिरण्यकश्यप की बहन होलिका को वरदान था कि उसे किसी भी प्रकार की आग जला नहीं सकती है इसलिए उसने अपने भाई का साथ देते हुए प्रहलाद को लेकर जलती हुई आपकी चिता में बैठ गई।
  • प्रहलाद यह देखकर घबरा गया और भगवान विष्णु की पूजा करने लगा। भगवान विष्णु की ऐसी कृपा हुई थी प्रहलाद को एक खरोच तक नहीं आई और होलिका जलकर भस्म हो गई। इसी के बाद से होली का त्यौहार मनाया जाने लगा।

Top Related – Essay on Women Empowerment in Hindi

होली से ठीक एक दिन पहले होलिका दहन होता है। जिसमें लकड़ी, घास और गाय के गोबर से बने कंडे इकट्ठे करते है। संध्या के समय महिलाओं द्वारा होली की पूजा की जाती है, लोटे से जल अर्पण किया जाता है। इसके बाद शुभ मुहूर्त देखकर होलिका दहन कर दिया जाता है जैसे ही आग की लपटें बढ़ने लग जाती हैं, प्रहलाद के प्रतीक वाली लकड़ी को निकाल दिया जाता है और दर्शाया जाता है कि बुराई पर हमेशा अच्छाई की जीत ही होती है। होलिका दहन के दौरान सभी इसके चारों ओर घूमकर अपने अच्छे स्वास्थ्य और यश की कामना करते है, साथ ही सभी बुराई को इसमें भस्म करते है। होलिका दहन के अगले दिन रंगों का त्यौहार मनाया जाता है। इस दिन बच्चे आपस में एक दूसरे को रंग लगाते हैं और सब की शुभकामनाएं लेते हैं और सब को बधाई देते हैं। फिर क्या बच्चे और क्या बड़े सभी पड़ोसियों और प्रियजनों के साथ पिचकारी और रंग भरे गुब्बारों से खेलना शुरु कर देते हैं। इस दिन लोग एक-दूसरे के घर जाकर रंग गुलाल लगाते साथ ही मजेदार पकवानों का आनंद लेते हैं।

होली के त्यौहार का महत्व

होली का ऐतिहासिक महत्व – होली के दिन बुराई पर अच्छाई की जीत हुई थी इसलिए लोगों को इस त्यौहार से शिक्षा मिलती है कि चाहे बुराई कितनी भी बड़ी क्यों ना हो, हमेशा अच्छाई की जीत होती है इसलिए वह हमेशा अच्छे रास्ते को ही अपनाए। सामाजिक महत्व – होली एक सौहार्दपूर्ण त्यौहार है। जिसमें लोग वर्षों पुरानी दुश्मनी, लड़ाई, झगड़ा भुलाकर एक दूसरे से गले मिल जाते हैं, इसीलिए इस त्यौहार को दोस्ती का भी प्रतीक कहा गया है। इस दिन समाज में कोई ऊंच-नीच नहीं देखता। सभी लोग एक दूसरे को गले लगा कर होली का त्यौहार मनाते हैं। इसे समाज में ऊंच-नीच की खाई कम होती है इसलिए यह त्यौहार सामाजिक महत्व भी रखता है।

भारत की विभिन्न प्रसिद्ध होलियाँ –

बरसाना की लट्ठमार होली – सबसे पहले बात होती है ब्रज की होली की, यहां भी सबसे ज्यादा मशहूर है- बरसाना की लट्ठमार होली। बरसाना राधा का जन्मस्थान है। इस दिन लट्ठ महिलाओं के हाथ में रहता है और नन्दगांव के पुरुषों (गोप) जो राधा के मन्दिर ‘लाडलीजी’ पर झंडा फहराने की कोशिश करते हैं, उन्हें महिलाओं के लट्ठ से बचना होता है। इस दौरान होरी भी गाई जाती है, जो श्रीकृष्ण और राधा के बीच वार्तालाप पर आधारित होती है। बिहार में फागुवा होली – बिहार में होली का त्यौहार तीन दिनों तक मनाया जाता है। पहले दिन रात में होलिका दहन होता है, जिसे यहां संवत्‍सर दहन के नाम से भी जाना जाता है और लोग इस आग के चारों ओर घूमकर नृत्‍य करते हैं। अगले दिन इससे निकली राख से होली खेली जाती है, जो धुलेठी कहलाती है और तीसरा दिन रंगों का होता है। स्‍त्री और पुरुषों की टोलियां घर-घर जाकर डोल की थाप पर नृत्‍य करते हैं। फागुन मतलब लाल रंग होता है इसलिए इसे फगुवा होली भी कहते है। हरियाणा की धूलेंडी होली – भारत के हरियाणा में होली धुलेंडी के रूप में मनाते हैं और सूखी होली – गुलाल और अबीर से खेलते हैं। भाभियों को इस दिन पूरी छूट रहती है कि वे अपने देवरों को साल भर सताने का दण्ड दें। भाभियाँ देवरों को तरह-तरह से सताती हैं और देवर बेचारे चुपचाप झेलते हैं, क्योंकि यह दिन तो भाभियों का दिन होता है। शाम को देवर अपनी भाभी के लिए उपहार लाता है और भाभी उसे आशीर्वाद देती है। बंगाल में डोल पूर्णिमा – पश्चिम बंगाल की मिसाल सुंदरता के रूप में दी जाती है। यहां की होली भी बहुत खूबसूरत रूप से मनाई जाती है। इस दिन लोग बसंती रंग के कपड़े पहनते हैं और फूलों से श्रंगार करते हैं। सुबह से ही नृत्‍य और संगीत का कार्यक्रम चलता है। घरों में मीठे पकवान बनते हैं। इस पर्व को डोल जात्रा के नाम से भी जाना जाता है। इस मौके पर राधा-कृष्‍ण की प्रतिमा झूले में स्‍थापित की जाती है और महिलाएं बारी-बारी से इसे झुलाती हैं। महाराष्ट्र में रंगपंचमी – महाराष्ट्र में मछुआरों की बस्ती के लिए इस त्यौहार का मतलब नाच-गाना और मस्ती होता है। क्योंकि सारे मछुआरे इस त्यौहार पर एक-दूसरे के घरों पर मिलने जाते हैं और काफी समय मस्ती में बीतता है। महाराष्‍ट्र में पूरनपोली नाम का  स्‍वादिष्‍ट मीठा पकवान बनाया जाता है। पंजाब में होला मोहल्ला का मेला – पंजाब में भी इस त्यौहार की बहुत धूम रहती है। सिखों के पवित्र धर्मस्थान आनन्दपुर साहिब में होली के अगले दिन से लगने वाले मेले को होला मोहल्ला कहते है। तीन दिन तक चलने वाले इस मेले में सिख शौर्यता के हथियारों का प्रदर्शन किया जाता है और वीरता के करतब दिखाए जाते हैं। राजस्थान में तमाशा होली – राजस्थान में होली के अवसर पर तमाशे की परंपरा है। इसमें किसी नुक्कड़ नाटक की शैली में मंच सज्जा कर कलाकार आते हैं और अपने पारंपरिक हुनर का नृत्य और अभिनय से परिपूर्ण प्रदर्शन करते हैं। तमाशा की विषय वस्तु पौराणिक कहानियों और चरित्रों के इर्दगिर्द घूमती हुई इन चरित्रों के माध्यम से सामाजिक और राजनीतिक व्यवस्था पर भी व्यंग्य करती है।

मध्यप्रदेश की भगौरिया होली – मध्यप्रदेश में रहने वाले भील आदिवासियों के लिए होली विशेष होती है। इस भील होली को भगौरिया कहते हैं। वयस्‍क होते लड़कों को इस दिन अपना मनपसंद जीवनसाथी चुनने की छूट होती है। भीलों का होली मनाने का तरीका विशिष्‍ट है। इस दिन वो आम की मंजरियों, टेसू के फूल और गेहूं की बालियों की पूजा करते हैं और नए जीवन की शुरुआत के लिए प्रार्थना करते हैं। गुजरात में होली  – होली के मौके पर गुजरात में मस्‍त युवकों की टोलियां सड़कों पर नाचते-गाते चलती हैं। गलियों में ऊंचाई पर दही की मटकियां लगाई जाती हैं और युवकों को यहां तक पहुंचने के लिए प्रेरित किया जाता है। यह भगवान कृष्‍ण के गोपियों की मटकी फोड़ने से प्रेरित है। ऐसे में कौन युवक कन्‍हैया नहीं बनना चाहेगा और कौन होगी जो राधा नहीं बनना चाहेगी। मणिपुर की होली – मणिपुर में होली पूरे 6 दिनों तक चलती है, जिसे योसांग कहते हैं। यहां होली की शुरुआत में होलिका न बनाकर एक घासफूस की एक झोपड़ी बनाई जाती है और इसमें आग लगाते हैं। अगले दिन लड़कों की टोलियां लड़कियों के साथ होली खेलती है, इसके बदले में उन्‍हें लड़की को उपहार देना होता है।

Related – Vayu pradushan par nibandh in Hindi

होली से मिलते-झुलते विदेशी त्यौहार –

न्‍यूजीलैंड का वानाका उत्‍सव – न्‍यूजीलैंड के अलग-अलग शहरों में हर वर्ष रंगीला त्‍योहार मनाया जाता है। इस दिन एक पार्क में शहर के बच्‍चे, बूढ़े और जवान इकट्ठे होते हैं। सभी अपने शरीर या दूसरों के शरीर पर पेंटिंग करते हैं। इस दौरान वे आपस में खूब मस्‍ती भी करते हैं। जहाँ बच्‍चों के लिए यह दिन धमा-चौकड़ी मनाने का होता है, वहीं बूढ़े लोग दूसरों लोगों को उत्‍सव में बढ़-चढ़कर धमाल करने के लिए उत्‍साहित करते हैं। उत्‍सव पूरे 6 दिनों तक मनाया जाता है। थाईलैंड का सोंगकरन पर्व – सोंगकरन थाई नववर्ष का पर्व है। इसमें पानी में खूब मस्‍ती होती है। त्यौहार के दौरान सभी लोग एक तालाब के पास एकत्र होते हैं और एक-दूसरे पर पानी फेंकते हैं। दो-चार लोग मिलकर एक व्‍यक्‍ति को तालाब में उछालते हैं और उसे डुबकी दिलाते हैं। इस त्यौहार में क्‍या बच्‍चे और क्‍या बूढ़े, क्‍या स्‍त्री और क्‍या पुरुष- सभी एक रंग में रंग जाते हैं। दिनभर गाने और डांस की धूम मची रहती है। त्यौहार सुबह 3 बजे से ही शुरू हो जाता है और देर शाम तक चलता रहता है। इस दौरान लोग एक-दूसरे को नववर्ष की शुभकामनाएं देते हैं। जापान का चेरी ब्‍लॉसम सीजन फेस्‍टिवल – जापान में मनाए जाने वाला यह उत्‍सव भी अपने अनूठेपन के लिए प्रसिद्ध है। उत्‍सव मार्च और अप्रैल के महीने में मनाया जाता है, क्‍योंकि इस दौरान चेरी के पेड़ में फूल आते हैं। लोग अपने परिवार के साथ चेरी के बगीचे में बैठते हैं और एक-दूसरे को बधाई देते हैं। दिनभर चलने वाले इस त्यौहार पर विशेष भोजन और संगीत-नृत्‍य के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। पेरू का इनकान उत्‍सव – पेरू में पांच दिन चलने वाले इस त्यौहार के दौरान लोग रंगीन परिवेश में पूरे शहर में घूमते हैं। इस दौरान वे टोलियों में होते हैं। हर टोली की एक थीम होती है। ये लोग ड्रम की थाप पर नृत्‍य करते हैं और अपने आपको दूसरे से बेहतर साबित करने की कोशिश करते हैं। रात में कुजको महल के सामने सभी एकत्र होते हैं और एक-दूसरे को उत्‍सव की शुभकामनाऐं देते हैं। पापुआ न्‍यूगिनिया का गोरोका उत्‍सव – पापुआ न्‍यूगिनिया में इस त्यौहार के दौरान लोग माउंट हेगन की तलहटी में एकत्र होते हैं और पारंपरिक आदिवासी नृत्‍य करते हैं। वे अपने शरीर पर पंछियों के पर और ऐसे ही कई पारंपरिक श्रंगार करते हैं। मस्‍ती और उल्‍लास के त्यौहार पर मज़ेदार भोज आयोजित होते हैं। चीन का पानी फेंकने का उत्‍सव – चीन के युवान प्रांत में मार्च-अप्रैल में पानी फेंकने का उत्‍सव मनाया जाता है। यह दाई लोगों के महत्‍वपूर्ण उत्‍सवों में से एक है। इस त्यौहार को बुद्ध के स्‍नान से भी जाना जाता है। त्यौहार के दौरान सभी लोग एक-दूसरे पर पानी फेंकते हैं और एक-दूसरे को बधाई देते हैं। तिब्‍बत का स्‍नान पर्व – जुलाई माह के पहले दस दिन में तिब्‍बतियों का स्‍नान पर्व मनाया जाता है। इस पर्व को गामारीजी नाम से जाना जाता है। तिब्‍बतियों की मान्‍यता है कि इस दौरान नदी या तालाब का पानी मीठा, ठंडा, मृदुल, हल्‍का, साफ और हानिरहित होता है, जो गले के लिए अच्‍छा होता है, बल्‍कि पेट के लिए नहीं। तिब्‍बती लोग इस दौरान नदी और झील के किनारे टेंट डालते हैं और स्‍नान को पर्व के रूप में मनाते हैं।

Related – Pollution Essay in Hindi

वर्तमान में होली का रूप –

(i) वर्तमान में होली का रूप बदलता जा रहा है क्योंकि युवा लोग इसके महत्त्व को नहीं समझ रहे हैं और इसी सौहार्दपूर्ण त्यौहार की जगह, नशे के त्यौहार के रूप में देख रहे हैं। (ii) आजकल की युवा होली के दिन तरह-तरह का नशा करके बैठे रहते है। कुछ लोगों को तो इसे गंभीर नुकसान भी हो जाते हैं, लेकिन वह इसकी परवाह नहीं करते है। (iii) इस दिन अब युवाओं में लड़ाई झगड़ा तो आम बात हो गई है। लोग होली के त्यौहार पर दुश्मनी भुलाने की जगह अब दुश्मनी बढ़ाने लगे है। आजकल युवा लोग रंग की जगह गोबर नाली का पानी और पक्के रंगों का इस्तेमाल करते हैं जो कि होली की शोभा को धूमिल करते है। यह सब चीजें होली के त्यौहार की छवि को खराब कर रही है। हमें लोगों को जागरूक करना होगा।

Related – Soil Pollution Essay in Hindi

उपसंहार (conclusion) –

होली का त्यौहार बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक माना जाता है। इस त्यौहार से सीख लेते हुए हमें भी अपनी बुराइयों को छोड़ते हुए अच्छाई को अपनाना चाहिए। इस त्यौहार से एक और सीख मिलती है कि कभी भी हमें अहंकार नहीं करना चाहिए क्योंकि अहंकार हमारे सोचने समझने की शक्ति को बंद कर देता है। हमें होली का त्यौहार अपने परिवार और दोस्तों के साथ खूब धूमधाम से मनाना चाहिए। होली का त्यौहार भारत में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। यह दोस्ती का त्यौहार है इसलिए इसे दोस्ती का त्यौहार ही बने रहना देना चाहिए। इसे कोई और रूप देने का हमें कोई हक नहीं है। वर्तमान में भटके हुए युवाओं को हमें इस त्यौहार के महत्व और विशेषताओं के बारे में बताना चाहिए, ताकि उनके विचार बदले और हमारे इस सौहार्दपूर्ण त्यौहार की छवि बनी रहे। इस त्यौहार में लोग आपस के मत-भेद भूल कर नई जीवन की शुरुआत के साथ अपने अंदर नई ऊर्जा को भी ले आते हैं। हिन्दुओं में सारा परिवार इस अनोखे पर्व का पूरे साल इंतजार करता है। हर जगह रंग ही रंग दिखाई देता है। पूरा शहर रंगीन हो जाता है। और एक दूसरे को बहुत सारी खुशियां देता हैं। सबके घरों में तरह तरह के पकवान बनते हैं। शाम को सब एक दूसरे के घर जाते हैं और अबीर-गुलाल लगते हैं।

Recommended Read –

  • दुर्गा पूजा पर निबंध
  • बसंत ऋतु पर निबंध
  • भारत में साइबर सुरक्षा पर निबंध
  • भारत में चुनावी प्रक्रिया पर निबंध
  • योग पर निबंध
  • स्टार्टअप इंडिया पर निबंध
  • फिट इंडिया पर निबंध
  • द्रौपदी मुर्मू पर निबंध
  • क्रिकेट पर निबंध
  • क्रिप्टो करेंसी पर निबंध
  • सौर ऊर्जा पर निबंध
  • जनसंख्या वृद्धि पर निबंध
  • भारत में भ्रष्टाचार पर निबंध for UPSC Students
  • शहरों में बढ़ते अपराध पर निबंध
  • पर्यावरण पर निबंध
  • भारतीय संविधान पर निबंध
  • भारत के प्रमुख त्योहार पर निबंध
  • भारत में बेरोजगारी की समस्या पर निबंध
  • टेलीविजन पर निबंध
  • परिश्रम का महत्व पर निबंध 
  • गणतंत्र दिवस पर निबंध 
  • विज्ञान वरदान है या अभिशाप पर निबंध
  • टीचर्स डे पर निबंध
  • वैश्वीकरण पर निबंध
  • जलवायु परिवर्तन पर निबंध
  • मंकी पॉक्स वायरस पर निबंध
  • मेक इन इंडिया पर निबंध
  • भारत में सांप्रदायिकता पर निबंध
  • वेस्ट नील वायरस पर निबंध
  • पीएसयू का निजीकरण पर निबंध
  • भारतीय अर्थव्यवस्था पर क्रूड ऑयल की बढ़ती कीमतों का प्रभाव पर निबंध
  • नई शिक्षा नीति 2020 पर निबंध
  • आधुनिक संचार क्रांति पर निबंध
  • सोशल मीडिया की लत पर निबंध
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निबंध
  • महिला सशक्तिकरण पर निबंध
  • प्रदूषण पर निबंध
  • मृदा प्रदूषण पर निबंध
  • वायु प्रदूषण पर निबंध
  • गाय पर हिंदी में निबंध
  • वन/वन संरक्षण पर निबंध
  • हिंदी में ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध
  • चंद्रयान पर निबंध
  • हिंदी में इंटरनेट पर निबंध
  • बाल श्रम या बाल मज़दूरी पर निबंध
  • ताजमहल पर निबंध
  • हिंदी में अनुशासन पर निबंध
  • भ्रष्टाचार पर निबंध
  • मेरा विद्यालय पर निबंध हिंदी में
  • बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध
  • स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध
  • गणतंत्र दिवस निबंध हिंदी में
  • स्वतंत्रता दिवस पर निबंध
  • हिंदी में दिवाली पर निबंध
  • होली पर निबंध
  • नोट-बंदी या विमुद्रीकरण पर निबंध
  • निबंध लेखन, हिंदी में निबंध

Hindi Essays

  • असंतुलित लिंगानुपात पर निबंध
  • परहित सरिस धर्म नहीं भाई पर निबंध
  • चंद्रयान 3 पर निबंध
  • मुद्रास्फीति पर निबंध
  • युवाओं  पर निबंध
  • अक्षय ऊर्जा: संभावनाएं और नीतियां पर निबंध
  • राष्ट्र निर्माण में युवाओं का महत्व पर निबंध
  • सच्चे धर्म पर निबंध
  • बैंकिंग संस्थाएं और उनका महत्व पर निबंध
  • नई शिक्षा नीति के प्रमुख लाभ पर निबंध
  • भारतीय संस्कृति के प्रमुख आधार पर निबंध
  • समय के महत्व पर निबंध
  • सड़क सुरक्षा पर निबंध
  • सामाजिक न्याय के महत्व पर निबंध
  • छात्र जीवन पर निबंध
  • स्वयंसेवी कार्यों पर निबंध
  • जल संरक्षण पर निबंध
  • आधुनिक विज्ञान और मानव जीवन पर निबंध
  • भारत में “नए युग की नारी” की परिपूर्णता एक मिथक है
  • दूरस्थ शिक्षा पर निबंध
  • प्रधानमंत्री पर निबंध
  • यदि मैं प्रधानमंत्री होता
  • हमारे राष्ट्रीय चिन्ह पर निबंध
  • नक्सलवाद पर निबंध
  • आतंकवाद पर निबंध
  • भारत के पड़ोसी देश पर निबंध
  • पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोतरी पर निबंध
  • किसान आंदोलन पर निबंध
  • ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध
  • डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम पर निबंध
  • मदर टेरेसा पर निबंध
  • भारत में भ्रष्टाचार पर निबंध
  • परिश्रम का महत्व पर निबंध
  • गणतंत्र दिवस पर निबंध

Hindi Writing Skills

  • Formal Letter Hindi
  • Informal Letter Hindi
  • ई-मेल लेखन | Email Lekhan in Hindi Format
  • Vigyapan Lekhan in Hindi
  • Suchna lekhan
  • Anuched Lekhan
  • Anuchchhed lekhan
  • Samvad Lekhan
  • Chitra Varnan
  • Laghu Katha Lekhan
  • Sandesh Lekhan

HINDI GRAMMAR

  • 312 हिंदी मुहावरे अर्थ और उदाहरण वाक्य
  • Verbs Hindi
  • One Word Substitution Hindi
  • Paryayvaachi Shabd Class 10 Hindi
  • Anekarthi Shabd Hindi
  • Homophones Class 10 Hindi
  • Anusvaar (अनुस्वार) Definition, Use, Rules, 
  • Anunasik, अनुनासिक Examples
  • Arth vichaar in Hindi (अर्थ विचार), 
  • Adverb in Hindi – क्रिया विशेषण हिंदी में, 
  • Adjectives in Hindi विशेषण, Visheshan Examples, Types, Definition
  • Bhasha, Lipiaur Vyakaran – भाषा, लिपिऔरव्याकरण
  • Compound words in Hindi, Samaas Examples, Types and Definition
  • Clauses in Hindi, Upvakya Examples, Types 
  • Case in Hindi, Kaarak Examples, Types and Definition
  • Deshaj, Videshaj and Sankar Shabd Examples, Types and Definition
  • Gender in Hindi, Ling Examples, Types and Definition
  • Homophones in Hindi युग्म–शब्द Definition, Meaning, Examples
  • Indeclinable words in Hindi, Avyay Examples, Types and Definition
  • Idioms in Hindi, Muhavare Examples, Types and Definition
  • Joining / combining sentences in Hindi, Vaakya Sansleshan Examples, Types and Definition
  • संधि परिभाषा, संधि के भेद और उदाहरण, Sandhi Kise Kehte Hain?
  • Noun in Hindi (संज्ञा की परिभाषा), Definition, Meaning, Types, Examples
  • Vilom shabd in Hindi, Opposite Words Examples, Types and Definition
  • Punctuation marks in Hindi, Viraam Chinh Examples, Types and Definition
  • Proverbs in Hindi, Definition, Format, मुहावरे और लोकोक्तियाँ
  • Pronoun in Hindi सर्वनाम, Sarvnaam Examples, Types, Definition
  • Prefixes in Hindi, Upsarg Examples, types and Definition
  • Pad Parichay Examples, Definition
  • Rachna ke aadhar par Vakya Roopantar (रचना के आधार पर वाक्य रूपांतरण) – Types , Example
  • Suffixes in Hindi, Pratyay Examples, Types and Definition
  • Singular and Plural in Hindi (वचन) – List, Definition, Types, Example
  • Shabdo ki Ashudhiya (शब्दों की अशुद्धियाँ) Definition, Types and Examples
  • Shabdaur Pad, शब्द और पद Examples, Definition, difference in Shabd and Pad
  • Shabd Vichar, शब्द विचार की परिभाषा, भेद और उदाहरण | Hindi Vyakaran Shabad Vichar for Class 9 and 10
  • Tenses in Hindi (काल), Hindi Grammar Tense, Definition, Types, Examples
  • Types of sentences in Hindi, VakyaVishleshan Examples, Types and Definition
  • Voice in Hindi, Vachya Examples, Types and Definition
  • Verbs in Hindi, Kirya Examples, types and Definition
  • Varn Vichhed, वर्ण विच्छेद Examples, Definition
  • Varn Vichar, वर्ण विचार परिभाषा, भेद और उदाहरण
  • Vaakya Ashudhhi Shodhan, वाक्य अशुद्धिशोधन Examples, Definition, Types
  • List of Idioms in Hindi, Meaning, Definition, Types, Example

Latest Posts

  • The Thief’s Story Previous Years Question with Answers (2019 to 2024)
  • A Triumph of Surgery Previous Years Question with Answers (2019 to 2024)
  • For Anne Gregory Previous Years Question with Answers (2019 to 2024)
  • The Tale of Custard the Dragon Previous Years Question with Answers (2019 to 2024)
  • Fog Previous Years Question with Answers (2019 to 2024)
  • The Trees Previous Years Question with Answers (2019 to 2024)
  • Amanda Previous Years Question with Answers (2019 to 2024)
  • The Ball Poem Previous Years Question with Answers (2019 to 2024)
  • Dussehra wishes in Hindi
  • Navratri Wishes in Hindi
  • Hindi Diwas Quotes in Hindi 
  • Congratulations Message in Hindi
  • Teacher’s Day Wishes in Hindi
  • Ganesh Chaturthi Wishes in Hindi
  • Janmashtami Messages in Hindi
  • Raksha Bandhan Wishes in Hindi
  • Birthday Wishes in Hindi
  • Anniversary Wishes in Hindi
  • Father’s Day Quotes and Messages
  • Father’s Day quotes in Hindi
  • International Yoga Day Slogans, Quotes and Sayings
  • अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस Slogans, Quotes and Sayings
  • Good Morning Messages in Hindi
  • Good Night Messages in Hindi | शुभ रात्रि संदेश
  • Wedding Wishes in Hindi

Important Days

  • National Space Day Quiz| National Space Day MCQs
  • World Soil Day – Date, History, Significance
  • International Yoga Day Slogans, Quotes and Sayings by Famous people 2024
  • Calendar MCQ Quiz for Various Competitive Exams
  • CUET 2024 MCQ Quiz on Important Dates

होली पर निबंध 2023 | Holi Essay in Hindi 300-400 शब्द

hindi essay topic holi

होली का पर्व हिन्दुओं के द्वारा मनाये जाने वाले प्रमुख त्योहारों में से एक है। होली पूरे भारत में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाने वाला त्योहार है। हर भारतवासी होली का पर्व हर्ष और उल्लास के साथ मनाते हैं। सभी लोग इस दिन अपने सारे गिले, शिकवे भुला कर एक दुसरे को गले लगाते हैं। होली के रंग हम सभी को आपस में जोड़ता है और रिश्तों में प्रेम और अपनत्व के रंग भरता है। हमारी भारतीय संस्कृति का सबसे ख़ूबसूरत रंग होली के त्योहार को माना जाता है। सभी त्योहारों की तरह होली के त्योहार के पीछे भी कई मान्यताएं प्रचलित है। होली कैसे मनाते है , होली का महत्व क्या है , होलिका कौन थी इन सभी की जानकारी हम आपको अपने इस पोस्ट के जरिये देंगे। इसके साथ स्कूलों और कॉलेजों में छात्रों से होली पर निबंध लिखने के लिए कहा जाता है। हमारे इस पोस्ट से छात्र होली के बारे में अधिक जानकारी हासिल कर सकते हैं जिससे वे स्कूल या कॉलेज में अच्छे से निबंध प्रतियोगिता में भाग ले सकें।

  • होली पर निबंध

होली हर साल फाल्गुन ( मार्च ) के महीने में महीने में विभिन्न प्रकार के रगों के साथ मनाई जाती है। सभी घरों में तरह तरह के पकवान बनाये जाते हैं। होली हिंदुओं के एक प्रमुख त्योहार के रूम में जाना जाता है। होली सिर्फ हिन्दुओं ही नहीं बल्कि सभी समुदाय के लोगों द्वारा उल्लास के साथ मनाया जाता है। होली का त्योहार लोग आपस में मिलकर, गले लगकर और एक दूसरे को रंग लगाकर मनाते हैं। इस दौरान धार्मिक और फागुन गीत भी गाये जाते हैं। इस दिन पर हम लोग खासतौर से बने गुजिया, पापड़, हलवा, आदि खाते हैं। रंग की होली से एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है। 

होली पर निबंध (400 शब्दों में)

होली का त्यौहार मनाने के पीछे एक प्राचीन इतिहास है। प्राचीन समय में हिरण्यकश्यप नाम के एक असुर हुआ करता था। उसकी एक दुष्ट बहन थी जिसका नाम होलिका था। हिरण्यकश्यप स्वयं को भगवान मानता था। हिरण्यकश्यप के एक पुत्र थे जिसका नाम प्रह्लाद था। वे भगवान विष्णु के बहुत बड़े भक्त थे। हिरण्यकश्यप भगवान विष्णु के विरोधी था। उन्होंने प्रह्लाद को विष्णु की भक्ति करने से बहुत रोका। लेकिन प्रह्लाद ने उनकी एक भी बात नहीं सुनी। इससे नाराज़ होकर हिरण्यकश्यप ने प्रह्लाद को जान से मारने का प्रयास किया। इसके लिए हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका से मदद मांगी। क्योंकि होलिका को आग में न जलने का वरदान मिला हुआ था। उसके बाद होलिका प्रह्लाद को लेकर चिता में बैठ गई लेकिन जिस पर विष्णु की कृपा हो उसे क्या हो सकता है और प्रह्लाद आग में सुरक्षित बचे रहे जबकि होलिका उस आग में जल कर भस्म हो गई।

यह कहानी ये बताती है कि बुराई पर अच्छाई की जीत अवश्य होती है। आज भी सभी लोग लकड़ी, घास और गोबर के ढ़ेर को रात में जलाकर होलिका दहन करते हैं और उसके अगले दिन सब लोग एक दूसरे को गुलाल, अबीर और तरह-तरह के रंग डालकर होली खेलते हैं। होली हर साल फाल्गुन महीने में मनाई जाती है। जैसे जैसे होली का त्योहार पास आता है हमारा उत्साह भी बढ़ता जाता है। होली सच्चे अर्थों में भारतीय संस्कृति का प्रतीक है, जिसके रंग अनेकता में एकता को दर्शाते हैं। लोग एक दूसरे को प्रेम-स्नेह की गुलाल लगाते हैं , सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, लोकगीत गाये जाते हैं और एक दूसरे का मुँह मीठा करवाते हैं।

भारत में होली का उत्सव अलग-अलग प्रदेशों में अलग अलग तरीके से मनाया जाता है। आज भी ब्रज की होली सारे देश के आकर्षण का बिंदु होती है। लठमार होली जो कि  बरसाने की है वो भी काफ़ी प्रसिद्ध है। इसमें पुरुष महिलाओं पर रंग डालते हैं और महिलाएँ पुरुषों को लाठियों तथा कपड़े के बनाए गए कोड़ों से मारती हैं। इसी तरह मथुरा और वृंदावन में भी १५ दिनों तक होली का पर्व मनाते हैं। कुमाऊँ की गीत बैठकी होती है जिसमें शास्त्रीय संगीत की गोष्ठियाँ होती हैं। होली के कई दिनों पहले यह सब शुरू हो जाता है। हरियाणा की धुलंडी में भाभी द्वारा देवर को सताए जाने की प्रथा प्रचलित है। विभिन्न देशों में बसे हुए प्रवासियों तथा धार्मिक संस्थाओं जैसे इस्कॉन या वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में अलग अलग तरीके से होली के शृंगार व उत्सव मनाया जाता है। जिसमें अनेक समानताएँ भी और अनेक भिन्नताएँ हैं।

होली लेखन हिंदी में

  • होली पर भाषण
  • होली पर बधाई संदेश
  • होली पर 10 पंक्तियाँ

Share this:

Similar posts.

पटाखे बिना दिवाली मनाने के तरीके | How To Celebrate Diwali Without Crackers : यहां से जाने

पटाखे बिना दिवाली मनाने के तरीके | How To Celebrate Diwali Without Crackers : यहां से जाने

भारत में हर एक त्योहार हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है और जब दिवाली की बात आती है तो कुछ अलग ही महौल बन जाता है। क्योंकि दिवाली का त्योहार भारत देश में सबसे ज्यादा धूम-धाम के साथ मानाया जाता है। दिवाली के त्योहार को खुशियों का त्योहार के नाम से बुलाया जाता…

दुर्गा पूजा पर निबंध | Essay on Durga Puja

दुर्गा पूजा पर निबंध | Essay on Durga Puja

दुर्गा पूजा हिन्दू धर्म के मुख्य त्योहारों में से एक है। Durga Puja को दुर्गोत्सव या शरदोत्सव के नाम से भी जाना जाता है। आमतौर पर दुर्गा पूजा सितम्बर या अक्टूबर माह में होती है जिसके लिए लोग तैयारियां महीनों पहले से ही शुरू हो जाती है। दुर्गा पूजा वैसे तो पूरे देश में मनाया…

26 जनवरी पर निबंध हिंदी में | Republic Day 2023 Essay in Hindi

26 जनवरी पर निबंध हिंदी में | Republic Day 2023 Essay in Hindi

गणतंत्र दिवस वो दिन है जिसे पूरा देश एक साथ मिलकर बहुत ही उत्साह के साथ मनाता है। भारत के लोगों के लिये 26 जनवरी का दिन गणतंत्र का दिन है। यह महत्वपूर्णं इसलिये क्योकि 26 जनवरी 1950 को ही हमारे देश का संविधान लागू किया गया था तब से हर साल हम गणतंत्र दिवस…

हिंदी दिवस पर 10 लाइनें

हिंदी दिवस पर 10 लाइनें

हिन्दी दिवस लेखन हिंदी में

रक्षाबंधन की शुभकामनाएँ, विशेज़

रक्षाबंधन की शुभकामनाएँ, विशेज़

रक्षाबंधन का त्यौहार पुरे देश भर में बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है। रक्षा का मतलब सुरक्षा और बंधन का मतलब बांधना होता है। यह हिन्दुओं का एक प्रसिद्ध त्यौहार है। यह पर्व हिन्दी महीनों के अनुसार प्रतिवर्ष सावन में मनाया जाता है, जबकि अंग्रेजी महीनों के अनुसार रक्षाबंधन का पर्व प्रतिवर्ष अगस्त माह…

15 अगस्त पर निबंध हिंदी में | स्‍वतंत्रता दिवस Independence Day Essay in Hindi

15 अगस्त पर निबंध हिंदी में | स्‍वतंत्रता दिवस Independence Day Essay in Hindi

इस वर्ष हम सब भारत की आजादी के 76 वर्ष पूरे होने पर आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। इस अवसर पर सरकार के द्वारा हर घर तिरंगा अभियान चलाया जा रहा है जिसमे भारतवासियों को 13 से 15 अगस्त तक अपने अपने घरों में तिरंगा लगाना है। जैसा कि सबको पता है कि…

Leave a Reply Cancel reply

Discover more from अगलासेम.

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Type your email…

Continue reading

Support Me India

होली पर निबंध – Holi Essay in Hindi 2024 (Holi par Nibandh)

Holi Essay in Hindi 2024: हमारा देश पर्वों एवं त्योहारों की भूमि है। यहाँ विभिन्न धर्मों के अनेक त्योहार प्रतिवर्ष मनाए जाते हैं। होली हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। इसे रंगों का त्योहार (festival of colours) भी कहते हैं। इस आर्टिकल में हम विद्यार्थियों के लिए होली पर हिंदी निबंध लेकर आए हैं। यहाँ से students अपनी पसंद और आवश्यकता के अनुसार होली पर निबंध का चयन कर सकते हैं। यदि आपने भी अपने स्कूल में होली के अवसर पर निबंध लेखन प्रतियोगिता (Essay writing competition) में भाग लिया है तो आप हमारे द्वारा प्रस्तुत कराए गए essays की मदद से होली पर एक शानदार निबंध लिख सकते हैं। Essay on Holi in Hindi for students.

Holi Essay in hindi

होली को रंगों के त्योहार के रूप में जाना जाता है। यह भारत में सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। हर साल मार्च के महीने में हिंदू धर्म के लोगों द्वारा उत्साह के साथ होली मनाई जाती है। जो लोग इस त्योहार को मनाते हैं, वे हर साल रंगों के साथ खेलने के लिए उत्सुकता से इंतजार करते हैं।

दीपावली की तरह होली जैसे त्यौहार पर भी स्कूल आदि में शिक्षकों (Teachers) द्वारा बच्चों को निबंध लिखने के लिए कहा जाता है ऐसे में सभी विद्यार्थी एक उत्कृष्ट निबंध (Excellent essay) लिखने की कोशिश करते हैं।

इस आर्टिकल में हमने 1 से 12 कक्षा के विद्यार्थियों के लिए होली पर छोटे, बड़े, आसान और सरल निबंध प्रस्तुत कराए है जो छात्रों की होली पर निबंध लिखने में बहुत सहायता कर सकते हैं।

Table of Contents

होली पर हिन्दी निबंध (Holi Essay in Hindi for Students, Essay on Holi 2024 in Hindi, Holi par nibandh hindi mein)

Holi essay in hindi 2024 (निबंध 1) of 50 words, होली पर निबंध 2 (100 words), beautiful essay on holi in hindi font for kids, my favourite festival holi essay in hindi, holi essay in hindi 10 lines, short essay on holi in hindi for class 1, 2, 3, 4 to 5 students, paragraph on holi in hindi (150 words), 10 lines on holi festival in hindi language, holi par nibandh in hindi, holi essay hindi mein (200 words), sample essay on holi in hindi language, holi par essay in hindi, simple essay on holi in hindi for children, how to write an essay on holi in hindi (250 words), essay writing on holi in hindi, short and long essay on holi in hindi (300 words), write a short essay on holi in hindi, holi essay in hindi for students and children, essay on holi in hindi (350 words), holi festival essay in hindi (400 words), best essay on holi in hindi (450 words), essay on festival of colours in hindi (500 words), निष्कर्ष, (conclusion).

विद्यार्थियों के लिए होली पर हिन्दी निबंध, होली पर निबंध हिंदी में, बच्चों के लिए होली के त्यौहार पर निबंध, होली पर छोटा, बड़ा, आसान और सरल निबंध, होली के ऊपर निबंध, होली के त्यौहार पर निबंध, रंगों के त्यौहार पर निबंध।

Holi essay in hindi for students, Essay on holi 2024 in hindi language, Holi par nibandh hindi mein, Short essay on holi in hindi, Holi essay in hindi 100, 150, 200, 250, 300, 350, 400, 450, 500 words, simple essay on holi festival in hindi, essay ideas for holi in hindi, Essay on holi in hindi for students and children, holi hindi nibandh, Paragraph on holi in hindi, Holi essays in hindi, note on holi in hindi, essay on holi in simple language.

होली का त्यौहार बच्चों के लिए विशेष रूप से मजेदार और आनंदमय होता है। होलिका दहन के दिन लकड़ी एकत्र की जाती है। सभी महिलाएं होलिका दहन के दिन शाम को होली जलाने से पहले होली की पूजा करती हैं।

सभी धर्मों के लोग एक साथ होली मनाते हैं। होली के दिन हर कोई एक-दूसरे को रंग (colour) लगाकर एक-दूसरे के प्रति प्यार जताता है।

होली हमारे देश का प्रमुख त्योहार है। यह हिंदू धर्म का त्योहार है लेकिन सभी धर्मों के लोगों द्वारा इसे बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। होली के दिन सभी एक-दूसरे पर रंग डालते हैं। होली के एक दिन पहले होलिका दहन (holika dahan) किया जाता है, जो रात में होता है।

होलिका दहन के पीछे एक पौराणिक कथा (mythology) है जो बुराई पर अच्छाई की जीत को दर्शाती है। होली के दिन, लोग सभी शिकायतों को भूल जाते हैं और इस त्योहार का आनंद लेते हैं। होली का त्यौहार एक साथ मिलजुल कर मनाया जाता है।

होली का त्यौहार एक बहुत ही खूबसूरत त्यौहार (beautiful festival) है। यह पूरे भारत में मनाया जाता है। इसे रंगोत्सव के नाम से भी जाना जाता है। होली दो दिन का त्योहार है। इस दिन हम शाम को होलिका दहन करते हैं और दूसरे दिन हम एक दूसरे को गुलाल लगाकर होली का त्योहार मनाते हैं।

यह होली का त्यौहार वसंत के मौसम (Spring season) के आगमन पर मनाया जाता है। हमारे भारत में, यह त्योहार हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। हम इस त्योहार पर रंगों और गुलाल से एक-दूसरे के साथ होली खेलते हैं।

इस दिन हमारी माँ विशेष मिठाइयाँ बनाती हैं। होली बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।

होली एक प्रसिद्ध त्योहार (famous festival) है। यह रंगों का त्योहार है। होली दो दिवसीय त्योहार है। हम पहले दिन की रात को होलिका दहन करते हैं। दूसरे दिन लोग रंगों से खेलते हैं। होली हर साल फालुन (मार्च) के महीने में मनाई जाती है।

यह त्योहार लोगों में प्रेम और भाईचारे की भावना उत्पन्न करता है। इस दिन सभी लोग पके हुए खाद्य पदार्थों जैसे गुझिया, पापड़, दही भल्ले आदि का सेवन करते हैं।

इस दिन भगवान विष्णु ने अपने महान भक्त प्रह्लाद को होलिका से बचाया था। होली बुराई पर अच्छाई की जीत को चिन्हित करता है।

होली पूरे भारत में और दक्षिण एशिया के अन्य देशों में बड़े उत्साह के साथ मनाए जाने वाले प्रसिद्ध त्योहारों में से एक है। होली रंगों का त्यौहार है और लोग इस दिन रंग लगाते हैं। होली खुशी का त्योहार है जो वसंत के आगमन का प्रतीक है।

होली को आशा और आनंद का प्रतीक माना जाता है। यह एक अच्छी फसल के लिए धन्यवाद के रूप में मनाया जाता है। होली का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।

यह त्योहार मार्च के महीने में और कभी-कभी फरवरी के महीने में आता है। होली का त्यौहार हम सभी को मिलकर मनाना चाहिए।

होली रंगों का त्योहार है। यह हिन्दुओं के त्योहार के रूप में है, लेकिन अब हर कोई एक-दूसरे पर रंग उड़ाने के माध्यम से प्यार को साझा करने की इस सुंदर संस्कृति में लिप्त है।

होली प्यार में एक दूसरे को रंग देने का प्रतीक है। होली को सभी संस्कृतियों और राज्यों (Cultures and states) द्वारा व्यापक रूप से भारत में मनाया जाता है। वैसे भी, होली एक मजेदार त्योहार (fun festival) है।

छोटे बच्चे पानी के रंगों के साथ खेलना पसंद करते हैं, बुजुर्ग एक-दूसरे के घरों में जाते हैं, अच्छा भोजन और पल साझा करते हैं। सभी आयु वर्ग के लोग होली के इस त्योहार का आनंद लेते हैं।

होली का त्यौहार एक हिंदू त्यौहार (hindu festival) है जो वसंत के आगमन और बुराई पर अच्छाई की विजय का उत्सव है। रंगों का त्योहार प्रेम, हंसी, दोस्ती, आशा और खुशी का उत्सव (celebration of happiness) है।

यह व्यापक रूप से भारत (India) के सबसे रंगीन त्योहार (colorful festival) के रूप में जाना जाता है, और इसे आमतौर पर गुलाल, रंगीन पाउडर के साथ वसंत के रंगों की नकल करते हुए मनाया जाता है।

आमतौर पर हिंदू कैलेंडर में फाल्गुन (मार्च) की पहली पूर्णिमा को मनाया जाता है, होली सभी उम्र के लोगों के लिए एक बहुत अच्छा पर्व है।

एक ऐसा पर्व जो एक दूसरे के साथ जुड़ने, एक दूसरे के साथ गाने और नृत्य करने, भोजन साझा करने के लिए, और आगे आने वाले दिनों की आशा जगाता है। अब इसे पूरे विश्व में उत्साहपूर्वक मनाया जाता है।

होली वसंत के मौसम में हर साल मनाया जाने वाला रंगों का त्यौहार है। यह पूरे भारत में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह त्योहार फाल्गुन माह की पूर्णिमा के दिन पड़ता है। लोग अपनी पुरानी दुश्मनी को भूल जाते हैं और होली के दौरान एक दूसरे के साथ रंगों से खेलते हैं।

होलिका दहन पूर्णिमा के दिन शाम को किया जाता है जहाँ होलिका दहन के प्रतीक के रूप में लकड़ी का एक बड़ा ढेर जमीन पर जलाया जाता है। महिलाएं इस दौरान पारंपरिक गीत (traditional songs) गाती हैं।

अगले दिन सुबह लोग रंगों से खेलते हैं। छोटे बच्चे (small children) रंगीन पानी से गुब्बारे (balloons) भरते हैं और एक दूसरे पर फेंकते हैं। लोग इस त्योहार का आनंद गाते हुए, नाचते हुए और स्वादिष्ट भोजन (delicious food) करके लेते हैं।

हर कोई इस दिन परिवार (family) और दोस्तों (friends) से मिलता है और अपनी खुशी का इजहार करता है। यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत को दर्शाता है।

होली को रंगों के त्यौहार के रूप में जाना जाता है। यह भारत में सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों (important festivals) में से एक है। प्रत्येक वर्ष मार्च के महीने में हिन्दू धर्म के अनुयायियों (followers) द्वारा उत्साह और उमंग के साथ होली मनाई जाती है।

जो लोग इस त्यौहार को मनाते है वे हर साल रंगों के साथ खेलने और मनोहर व्यंजनों का बेसब्री से इंतजार करते हैं। होली दोस्तों और परिवार के साथ खुशियाँ मनाने के बारे में है।

लोग अपनी परेशानियों को भूल जाते है और भाईचारे का त्योहार मनाने के लिए इस त्यौहार का आनंद लेते है। दुसरे शब्दों में हम अपनी दुश्मनी भूल जाते है और त्यौहार की भावना में खो जाते है।

होली को रंगों का त्योहार कहा जाता है क्योंकि लोग रंगों के साथ खेलते है और त्यौहार के सार में रंग पाने के लिए उन्हें एक दुसरे के चेहरे पर लगाते है।

हमारा देश पर्वों एवं त्योहारों की भूमि है। यहाँ विभिन्न धर्मों के अनेक त्योहार प्रतिवर्ष मनाए जाते हैं। होली हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। इसे रंगों का त्योहार भी कहते हैं। होली का त्यौहार सारे देश में बड़ी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है।

होली प्रतिवर्ष फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। इस दिन रात में होलिका दहन होता है। होलिका दहन के अगले दिन सुबह सभी एक दुसरे को रंग, अबीर और गुलाल लगाते हैं।

प्रत्येक घरों में मिठाइयाँ और पकवान बनाए जाते हैं। बच्चे उन्हें खाकर बहुत प्रसन्न होते हैं। रंग खेलने के बाद सभी नहा धोकर नए-नए वस्त्र पहनते हैं। सभी इर्ष्या-द्वेष भुलाकर एक-दुसरे के घर जाकर आपस में गले मिलते हैं।

इस दिन लोग एक दुसरे को होली की बधाई देते हैं। होली का कार्यक्रम लगभग एक सप्ताह तक चलता है। जगह-जगह होली मिलन समारोहों का आयोजन होता है। यह एक ऐसा त्योहार है जो समाज में प्रेम और भाईचारे को बनाए हुए है।

परिचय: भारत मेलों और त्योहारों का देश है। हिन्दुओं, मुसलमानों और ईसाईयों के अपने त्योहार हैं। होली हिंदुओं का महत्वपूर्ण त्योहार है। यह खुशी और दोस्ती का त्योहार (festival of friendship) है।

उत्सव का समय: यह मार्च-वसंत के मौसम में मनाया जाता है। वसंत वर्ष के सभी मौसमों में सबसे अच्छा है। यह सर्दियों के अंत और गर्मियों की शुरुआत का प्रतीक है।

इसके पीछे की पौराणिक कथा: यह भक्त प्रह्लाद की याद में मनाया जाता है। उसे ईश्वर पर बहुत भरोसा था। उसके पिता हिरण्यकश्यप ने उसे यातनाएं दीं लेकिन उसने भगवान में अपना विश्वास नहीं छोड़ा। हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका को अपनी बाहों में प्रह्लाद के साथ अग्नि की ज्वाला में बैठने को कहा। होलिका जलकर राख हो गई लेकिन प्रह्लाद ने लपटों से अछूते को हटा दिया।

यह कैसे मनाया जाता है: शहर के कई स्थानों पर रात में होली जलाई जाती है। ढोल पीटा जाता है। लोग नाचते और गाते हैं। वे गुलाल से एक-दूसरे का मुंह रंगीला बना देते हैं। वे खाते हैं, पीते हैं, नाचते हैं और आनंद लेते हैं। वे एक दूसरे को गले लगाते हैं। उन्होंने घर में तैयार मिठाइयों को साझा किया।

निष्कर्ष: वास्तव में, होली रंगों का त्योहार है। अगर हमारे दिल में उमंग और खुशी है।

होली हिंदुओं का लोकप्रिय त्योहार (popular festival) है। यह प्रत्येक वर्ष पूरे भारतवर्ष में बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। यह बहुत ही मनोहर त्यौहार है। एक-दुसरे पर रंग डालने और अपने साथियों के चेहरे को रंगीन बना देने में बड़ा आनंद आता है।

यह त्यौहार सभी के लिए ख़ुशी और मौज-मस्ती का त्यौहार है। होली फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाई जाती है। इस दिन शाम को किसी चौराहे पर लकड़ी आदि जलाते हैं।

इस दिन किसान (farmers) अन्न के नये दाने होलिका की अग्नि में चढ़ा कर नया अन्न खाना शुरू करते हैं। रंग के दिन लोग एक-दुसरे पर गुलाल डालते हैं। इस दिन बड़ा मजा आता है।

बच्चे इस मौके का बेसब्री से इंतजार करते हैं कि कब वो अपने दोस्तों को रंग सके। होली मेल व एकता का पर्व है इसलिए इस मौके पर किसी पर कीचड़ आदि फेंकना या शराब पीना अनुचित है।

केवल प्यार से रंग खेलना चाहिए, मतलब होली का त्यौहार मनाना चाहिए। स्वादिष्ट पकवानों का मिलकर आनंद लेना चाहिए और दुश्मनों को भी दोस्त बना लेना चाहिए। इस त्यौहार की सभी को मुबारकबाद देनी चाहिए।

होली हिन्दू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है जिसे रंगों का त्यौहार भी कहा जाता है। होली हर साल फाल्गुन (मार्च) के महीने में विभिन्न प्रकार के रंगों के साथ मनाई जाती है। होली का त्यौहार पुरे भारत में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है।

इस दिन घरों में तरह-तरह के पकवान बनाए जाते हैं। होली का त्यौहार लोग आपस में गले लगकर और एक दुसरे को रंग लगाकर मनाते हैं। इस दौरान धार्मिक और फाल्गुन गीत (phalgun song) भी गाये जाते हैं। होली से एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है।

होली का त्यौहार मनाने के पीछे एक प्राचीन इतिहास (ancient history) है। प्राचीन समय में हिरनकश्यप नाम का एक असुर था जो भगवान् विष्णु विरोधी था। उसकी एक दुष्ट बहन थी जिसका नाम होलिका था।

कश्यप के पुत्र प्रहलाद भगवान् विष्णु के बहुत बड़े भक्त थे इसी कारण कश्यप ने अपनी बहन होलिका से पुत्र प्रहलाद को जान से मारने के लिए आग में लेकर बैठने को कहा क्योंकि होलिका को आग में न जलने का वरदान प्राप्त था।

उसके बाद होलिका प्रहलाद को लेकर चिता में बैठ जाती है लेकिन प्रहलाद आग में सुरक्षित बच जाते हैं जबकि होलिका आग में चलकर भस्म हो जाती है।

होली हँसी-खुशी का त्यौहार है। यह एकता और भाई -चारे, मिलन और खुशी का प्रतीक है। होली का त्यौहार फाल्गुन महीने की पूर्णमासी को मनाया जाता है। इसमें एक-दुसरे पर रंग डालते हैं। सूखा, गुलाल रंग भी मलते हैं। रंग पानी में घोलकर पिचकारी चलाने से बड़ा आनंद आता है।

सबके मन मस्त हो जाते हैं। लोग नाचते-गाते हैं और विभिन्न प्रकार के स्वांग रचते हैं। आपस में गले मिलते है। कहते हैं कि, प्रहलाद ईश्वर भक्त था। उनके पिता हिरण्यकश्यप कहता था कि “मुझे ईश्वर मानो।” परन्तु उसका पुत्र प्रहलाद ईश्वर भक्त था।

पिता के कहने पर भी प्रहलाद ने भगवान की भक्ति नहीं छोड़ी। हिरण्यकश्यप की बहिन होलिका थी जिसे आग से नहीं जलने का वरदान प्राप्त था। अत्याचारी हिरण्यकश्यप के कहने पर होलिका प्रहलाद को गोद में लेकर आग में बैठ गई थी पर होलिका तो जल गई, प्रहलाद बच गया।

होली उस प्राचीन घटना (ancient event) की भी याद दिलाती है। कई बच्चे और कई बड़े भी मिट्टी उड़ाते हैं, गुब्बारे मारते हैं, कालिख मलते हैं, गालियाँ बकते हैं और भद्दे शब्द (ugly words) बोलते है। इससे कभी-कभी लड़ाई-झगड़ा भी हो जाता है।

कुछ लोग नशा करते हैं। ये बुरी बातें हैं। होली ख़ुशी मनाने का पर्व है। इस दिन पुरानी दुश्मनी भूल जानी चाहिए। रूठे हुए लोगों को मनाना चाहिए और इस तरह प्रेम प्रीति का जीवन (life of love) व्यतीत करने का संकल्प करना चाहिए।

होली एक रंगों का त्योहार है। यह त्योहार वसंत ऋतु के आगमन का संदेश वाहक (संदेशवाहक = संदेश लाने वाला) है। इसके आगमन पर सभी प्राणी (creature) और यहाँ तक कि प्रकृति भी आनंद और उमंग से इठला जाती है। हिन्दू लोग इसे हर वर्ष फाल्गुन मास की पूर्णिमा को बड़ी धूमधाम से मनाते हैं।

यह त्यौहार एकता, मिलन और पवित्र प्रेम का प्रतीक है। इस त्यौहार को किसान लोग बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाते हैं। इन दिनों किसानों की वर्ष भर के परिश्रम (labor) से उगाई गई फसल पक कर तैयार होती है। वे अपनी फसल को लहराई हुई देखकर फुले नहीं समाते हैं।

सभी किसान मिलकर नाचते गाते हैं। इस दिन सभी लोग रात को नए अनाज की बालों को होली की आग में भूनकर उसके दानों को सब में बाँटते हैं और आपसी बैर-भाव को भुलाकर एक दुसरे से गले मिलते हैं। संध्या समय महिलाएं और बच्चे होली की पूजन करते हैं।

होली का अगला दिन दुल्हैंडी का होता है। इस दिन लगभग दोपहर के दो बजे तक रंग और गुलाल से होली खेली जाती है। इस होली के रंग, गुलाल में बच्चे, जवान और बूढ़े पुरुष-महिलाएं सभी हिस्सा लेते हैं। कुछ लोग गुलाल की जगह चंदन का टिका लगाते हैं और आपस में गले मिलते हैं।

गली-मुहल्लों और सड़कों पर अनेक टोलियाँ नाचती-गाती दिखाई पड़ती है। ब्रज की होली बहुत प्रसिद्ध है। इस दिन लोग पकवान बनाते हैं और दुसरे लोगों को मिष्ठान आदि खिलाते है। होली के दिन कुछ लोग तो भांग आदि का भी सेवन करते हैं।

होली रंगों का त्योहार है। यह एक मौसमी त्योहार (seasonal festival) है और हिंदुओं के लिए सबसे सुखद त्योहार है। यह त्योहार पूरे देश में मनाया जाता है। यह मार्च के महीने में चैत के पहले दिन मनाया जाता है। इसकी पृष्ठभूमि में एक कहानी (story) है। प्राचीन काल में हिरण्यकश्यप नाम का एक अत्याचारी राजा (tyrannical king) था। वह ईश्वर में विश्वास नहीं करता था। उसने अपनी प्रजा को भगवान की पूजा करने से प्रतिबंधित कर दिया।

उनका पुत्र प्रह्लाद भगवान का भक्त था। दुष्ट राजा ने अपनी बहन होलिका को प्रह्लाद को आग में जिंदा जलाने का आदेश दिया। एक दिव्य उपहार के अनुसार, होलिका आग में नहीं जल सकती थी, लेकिन भगवान की महिमा अद्भुत है। होलिका जल गई और प्रह्लाद का कुछ नहीं हुआ। होलिका दहन उसी घटना को मनाने के लिए होली से एक रात पहले किया जाता है।

होलिका दहन के बाद का दिन हास्य और रंग का होता है। सभी बच्चे, लड़के और लड़कियां रंगों में खेलते हैं। लोग सड़कों पर और सड़कों पर, ड्रम बजाते हुए, गाने गाते हुए समूहों में हँसते, गाते और नाचते हैं। हास्य विनोद अपनी सीमा तक पहुँचता है।

वे अवीर लेते हैं (लाल, हरा, पीला रंग जिसे लोग होली के दिन माथे पर लगाते हैं, इसे अवीर कहा जाता है।) अपने हाथों में और इसे अपने दोस्तों और परिवारों के माथे पर लगाते हैं। शाम को लोग एक-दूसरे के गले मिलते हैं। होली आनंद देने वाला त्यौहार है।

यह त्योहार लोगों को चिंतामुक्त (tension free) करता है। लोग विभिन्न ढंग से अपनी ख़ुशी व्यक्त करते हैं। कुछ लोग इस अवसर पर कीचड़ और गंदे पानी डालते हैं। यह उचित नहीं है। कुछ लोग नशीली वस्तुओं का सेवन करते हैं। गंदे गाने गाते है और नारियों का अपमान करते हैं।

असामाजिक तत्व इस अवसर को गन्दा बनाते हैं। होली का त्योहार हमें प्रेम की शिक्षा देता है। इसे उचित ढंग से मनाना चाहिए। हम लोगों को सभी नागरिक की तरह व्यवहार करना चाहिए। यह त्यौहार हमें भाईचारे का पाठ पढ़ाता है।

होली हिंदुओं का प्रमुख त्योहार है। यह त्योहार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस समय ग्रीष्म ऋतु (summer season) की शुरुआत हो जाती है। यह दिन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। एक कथा है, प्राचीन काल में हिरनकश्यप नाम का एक असुर राजा हुआ करता था। वह खुद को ईश्वर से भी महान समझता था। उसका पुत्र प्रहलाद परम ईश्वर भक्त था।

हिरनकश्यप ने प्रहलाद को ईश्वर भक्ति छोड़कर अपनी भक्ति करने का आदेश दिया लेकिन प्रहलाद ने अपने पिता का आदेश नहीं माना तो हिरनकश्यप ने अपने बेटे प्रहलाद को मारने का निश्चय किया। हिरनकश्यप की एक बहन भी थी जिसे आग में न जलने का वरदान प्राप्त था जिससे उस पर आग का कोई प्रभाव नहीं पड़ सकता था।

इसलिए असुर राजा ने अपनी बहन को प्रहलाद को लेकर आग में बैठने का आदेश दिया। होलिका अपने भाई का आदेश मानकर प्रहलाद को आग में लेकर बैठ गई। मगर हुआ यूँ कि, प्रहलाद को आग भी नहीं जला सकी, जबकि होलिका आग में न जलने का वरदान प्राप्त होते हुए भी आग में जल गई और प्रहलाद सुरक्षित बच गया।

इस कहानी के आधार पर होली को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक कहा जाता है। इसलिए सभी लोग मिलजुल कर होली का त्यौहार मनाते हैं। होली के दिन रंगों से खेलते हैं, सभी एक-दुसरे पर रंग मलते हैं। बच्चे पिचकारियों में रंग भर कर एक दुसरे पर रंग की पिचकारी मारते हैं।

छोटे-बड़ो की टोलियाँ हर गली-मोहल्लों में गाते -बजाते निकलती हैं और बुरा ना मान होली है, कहकर सब पर रंग छिड़कते हैं। इस दिन सभी कटुता को भूलकर प्रेम के रंग में रंग जाते हैं।

इसलिए होली को मेल-मिलाप का त्यौहार भी कह सकते हैं। होली का त्यौहार हमारे लिए एक संदेश हैं कि, अपने मन की बुराइयों को खत्म करके अच्छाईयों को अपनाओ, यही प्यार भरे जीवन की राह है।

होली रंगों का त्यौहार है जो हर साल फाल्गुन माह की पूर्णिमा को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन, सभी लोग एक-दूसरे को गले लगाते हैं और एक-दूसरे के प्रति अपने प्यार का इजहार करने के लिए रंग और गुलाल लगाते हैं। यह उत्साह और भाईचारे से भरा त्योहार है। इस दिन सभी घरों में गुझिया, पापड़, हलवा आदि बनाया जाता है और आपस में खाते हैं।

इस त्योहार को मनाने के पीछे एक भक्त की कथा है। प्राचीन काल में हिरण्यकश्यप नाम का एक राजा हुआ करता था जो अपनी प्रजा को स्वयं की पूजा करने के लिए कहता था और खुद को दिव्य मानता था। गरीब लोग डर से राजा की पूजा करते थे, लेकिन राजा का पुत्र, जिसका नाम प्रहलाद था, भगवान विष्णु का परम भक्त था।

हिरण्यकश्यप भगवान विष्णु से नफरत करता था और अपने पुत्र को विष्णु की पूजा करने से मना करता था। सभी प्रयासों के बाद, जब प्रह्लाद ने विष्णु की पूजा करना बंद नहीं किया, तो एक दिन हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन के साथ, जिसका नाम होलिका था, भक्त प्रहलाद को आग में जलाने की योजना बनाई।

होलिका को ब्रह्मा से वरदान मिला था कि वह आग से नहीं जलेगी। होलिका प्रहलाद को जलती हुई अग्नि में लेकर बैठ जाती है, लेकिन प्रह्लाद का बाल बांका नहीं हुआ और होलिका उसी अग्नि में अपने बुरे कर्मों से भस्म हो गयी।

इस तरह, भगवान द्वारा भक्त की स्मृति में और सत्य पर असत्य की जीत के प्रतीक के रूप में होली का त्योहार मनाया गया। तब से लेकर आज तक, होली से एक दिन पहले हर कोई होलिका दहन करता है और दूसरे दिन रंगों के साथ होली का त्योहार मनाता है।

त्यौहार जीवन की एकरसता को तोड़ने और उत्सव के द्वारा नई रचनात्मक स्फूर्ति हासिल करने के लिए हुआ करते हैं। संयोग से मेल-मिलाप का अनूठा त्यौहार होने के कारण होली में यह स्फूर्ति हासिल करने और साझेपन की भावना को विस्तार देने के अवसर ज्यादा हैं। देश में मनाए जाने वाले धार्मिक व सामजिक त्योहारों के पीछे कोई न कोई घटना अवश्य जुड़ी हुई है।

शायद ही कोई ऐसी महत्वपूर्ण तिथि हो, जो किसी न किसी त्यौहार या पर्व से संबंधित न हो। दशहरा, रक्षाबंधन, दीपावली, रामनवमी, वैशाखी, बसंत पंचमी, मकर संक्रांति, बुद्ध पूर्णिमा आदि बड़े धार्मिक त्यौहार है। इनके अलावा कई क्षेत्रीय त्यौहार भी है। भारतीय तीज त्यौहार साझा संस्कृति के सबसे बड़े प्रतीक रहे हैं।

रंगों का त्यौहार होली धार्मिक त्यौहार होने के साथ-साथ मनोरंजन का उत्सव (entertainment festival) भी है। यह त्यौहार अपने आप में उल्लास, उमंग और उत्साह लिए होता है। इसे मेल व एकता का पर्व भी कहा जाता है। हंसी ठिठोली के प्रतीक होली का त्यौहार रंगों का त्यौहार कहलाता है।

इस त्यौहार में लोग पुराने बैरभाव त्याग एक दुसरे को गुलाल लगाकर बधाई देते हैं और गले मिलते हैं। इसके पहले दिन पूर्णिमा को होलिका दहन और दुसरे दिन के पर्व को धुलेंडी कहा जाता है। होलिका दहन के दिन गली-मुहल्लों में लकड़ी के ढेर लगा होलिका बनाई जाती है।

शाम के समय महिलाएं-युवतियां उसका पूजन करती हैं। इस अवसर पर महिलाएं श्रंगार आदि कर सजधज के आती है। बृज क्षेत्र में इस त्यौहार का रंग करीब एक पखवाड़े पूर्व चढ़ना शुरू हो जाता है। होली भारत का एक ऐसा पर्व है जिसे देश के सभी निवासी सहर्ष मनाते हैं।

हमारे तीज त्यौहार हमेशा साझा संस्कृति के सबसे बड़े प्रतीक रहे हैं। यह साझापन होली में हमेशा दिखता आया है। मुगल बादशाहों की होली की महफिलें इतिहास में दर्ज होने के साथ यह हकीकत भी बयां करती है कि रंगों के इस अनूठे जश्न में हिन्दुओं के साथ मुसलमान भी बढ़-चढ़कर शामिल होते हैं।

मीर, जफर और नजीर की शायरी में होली की जिस धूम का वर्णन है वह दरअसल लोक परंपरा और सामाजिक बहुलता का ही रंग है।

होली एक ऐसा रंग बिरंगा त्यौहार है जिसे हर धर्म के लोग पुरे उत्साह और मस्ती के साथ मनाते हैं। होली रंगों का एक शानदार उत्सव है जो भारत में हिन्दू धर्म के लोगों द्वारा हर साल बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। ये पर्व हर साल बसंत ऋतू के समय फाल्गुन महीने में आता है। यह हर साल चैत्र महीने के पहले दिन मनाया जाता है। इस दौरान पूरी प्रकृति और वातावरण बहुत सुन्दर और रंगीन नजर आते है।

हिन्दू पौराणिक ग्रंथो के अनुसार हिरण्यकश्यप नाम के एक दुष्ट भाई की एक दुष्ट बहन थी होलिका, जो अपने भाई के पुत्र प्रहलाद को अपनी गोद में बिठाकर आग में जलाना चाहती थी। प्रहलाद भगवान् विष्णु के परम भक्त थे, जिन्होंने होलिका की आग से प्रहलाद को बचाया और आग में होलिका को राख कर दिया। तभी से हिन्दू धर्म के लोग शैतानी शक्ति के खिलाफ अच्छाई की विजय के रूप में हर साल होली का त्यौहार मनाते हैं।

होली रंगों का त्योहार है। होली खेलने के लिए लोग तरह-तरह के रंगों का इस्तेमाल करते हैं। पुराने जमाने के लोग प्राकृतिक रंग का प्रयोग करते थे। जिसकी वजह से उनकी स्किन को कोई नुकसान नहीं पहुंचता। लेकिन अब लोग  रासायनिक आधारित (chemical based) रंग का इस्तेमाल करते हैं। गुलाल का इस्तेमाल करना चाहिए ताकि किसी को कोई नुकसान न पहुंचे। किसी को जबरदस्ती रंग नहीं लगाना चाहिए क्योंकि किसी -किसी की त्वचा संवेदनशील होती है।

केमिकल वाले रंग त्वचा के लिए बहुत हानिकारक होते हैं। होली का ये उत्सव फाल्गुन के अंतिम दिन होलिका दहन की शाम से शुरू होता है। सभी रात में एक जगह इकठ्ठा होकर लकड़ी, घास और गोबर के ढेर को जलाकर उसमें हरी खेजड़ी का एक बड़ा लक्कड़ प्रहलाद के रूप में खड़ा करके होलिका दहन की रिवाज को संपन्न करते हैं।

इसमें महिलाएं रीति से संबंधित गीत गाती है और पुरुष भांग लेकर धमाल गाते है और होली खेलने के लिए सुबह का इंतजार करते हैं। इस दिन सभी लोग सामाजिक विभेद को भुलाकर स्वादिष्ट पकवानों और मिठाइयाँ (sweets) बांटकर खुशी का इजहार करते हैं। होली भारत और भारत में रहने वाले हिन्दुओं का एक प्रमुख त्यौहार है।

लेकिन होली हिन्दू ही नहीं सभी लोग मनाते हैं क्योंकि होली उत्साह, नई आशा और जोश के साथ मनाई जाती है। इस दिन सभी स्कूल, कॉलेज, बैंक, कार्यालय, विश्व विद्यालय और दुसरे सभी संस्थान बंद रहते हैं।

ताकि सभी लोग अपने परिवार के साथ इस रंगीले त्यौहार का लुप्त उठा सके। यह एक ऐसा त्यौहार है जिस दिन लोग अपने बीच के सारे मतभेद को भूल जाते हैं।

होली का पर्व ऋतुराज वसंत के आगमन पर फाल्गुन की पूर्णिमा को आनंद और उल्लास के साथ मनाया जाता है। इन दिनों रबी की फसल पकने की तैयारी में होती है। फाल्गुन पूर्णिमा के दिन लोग गाते-बजाते, हँसते-हँसाते अपने खेतों पर जाते हैं। वहां से वे जौ की सुनहरी बालियाँ तोड़ लाते हैं। जब होली में आग लगती है तब उस अधपके अन्न को उसमें भुनकर एक-दुसरे को बाँटकर गले मिलते हैं।

होलिका दहन के संबंध में कहानी प्रसिद्ध है। हिरण्यकश्यप की बहन होलिका को वरदान प्राप्त था कि आगे उसे जला नहीं सकती। हिरण्यकश्यप ईश्वर को नहीं मानता था। वह खुद को ही बड़ा मानता था। उसका बेटा प्रहलाद उसके पिता के विपरीत ईश्वर पर विश्वास करता था। पिता ने उसे ऐसा करने के लिए बार-बार समझाया, किंतु प्रह्लाद पर कोई असर नहीं हुआ।

इससे हिरण्यकश्यप बहुत क्रूद्ध हुआ। उसने अपने पुत्र को तरह-तरह से त्रास दिए, लेकिन प्रहलाद अपने निश्चय से डिगा नहीं। अंत में हिरनकश्यप ने उसे अपनी बहन होलिका के सुपुर्द कर दिया। होलिका प्रहलाद को गोद में लेकर आग में बैठ गई। होलिका तो जल गई लेकिन भक्त प्रहलाद का कुछ भी नहीं बिगड़ा। इस प्रकार होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की विजय है।

एक कथा के अनुसार, भगवान् श्रीकृष्ण ने इस दिन गोपियों से रासलीला की थी। इसी दिन नंदगाव में सभी लोगों ने रंग और गुलाल के साथ खुशियाँ मनाई थी। नंदगाव और बरसाने की ब्रजभूमि पर इसी दिन बूढ़े और जवान, स्त्री और पुरुष सभी ने एक साथ मिलकर जो रास-रंग मचाया था, होली आज भी उसकी याद ताजा कर जाती है।

पहले प्रतिभोज का आयोजन होता था, गीतों, फागों क उत्सव होते थे, मिठाइयाँ बाँटी जाती थी। बीते वर्षों की कमियों पर विचार होता था। इसके बाद दुसरे दिन होली खेली जाती थी। छोटे-बड़े मिलकर होली खेलते थे। अतिथियों को मिठाइयाँ और तरह-तरह के पकवान खिलाकर तथा गले मिलकर विदा किया जाता था।

लेकिन आज यह पर्व बहुत घिनौना रूप धारण कर चुका है। इसमें शराब और अन्य नशीले पदार्थों का भरपूर सेवन होने लगा है। राह चलते लोगों पर कीचड़ उछाला जाता है। होली की जलती आग में घरों के किवाड़, चौकी, छप्पर आदि जलाकर राख कर दिए जाते हैं। खेत-खलिहानों के अनाज, मवेशियों का चारा तक स्वाहा कर देना अब साधारण सी बात हो गई है।

रंग के बहाने दुश्मनी निकालना, शराब के नशे में मन की भड़ास निकालना आज होली में आम बात हो गई है। यही कारण है कि आज समाज में आपसी प्रेम के बदले दुश्मनी पनप रही है। जोड़ने वाले त्यौहार मनों को तोड़ने लगे हैं।

होली की इन बुराइयों के कारण सभी और समझदार लोगों ने इससे किनारा कर लिया है। रंग और गुलाल से लोग भागने लगे हैं।

भारत मेलों और त्योहारों की भूमि है। शायद ही कोई महीना किसी मेले या त्योहार के बिना गुजरे। होली रंगों का त्योहार है। यह आमतौर पर मार्च के महीने में आता है। यह सर्दियों के अंत और गर्मियों की शुरुआत का प्रतीक है। यह मौज-मस्ती और तुच्छता का त्योहार है। यह उल्लास और उमंग का अवसर है। पुरुष, स्त्रीत्व बच्चे सभी उच्च आत्माओं में हैं।

भारत के विभिन्न राज्यों में इसे अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। लोग एक दूसरे पर रंगीन पानी छिड़कते हैं। वे एक दूसरे के चेहरे रंग रगड़ते हैं, गोल पाउडर रंग एक दूसरे पर फेंकते हैं। दिन व्यावहारिक चुटकुले, मजेदार और हँसी द्वारा चिह्नित है। बच्चे अपने हाथों में रंगीन पानी और पानी पंप की बोतलों के साथ सड़कों पर चले जाते हैं।

ड्रमों को पीटा जाता है और गाने गाए जाते हैं और पूरा वातावरण खुशी के जयकारों के साथ बजता है। पुराने लोगों को भी नहीं बख्शा जाता। जो लोग बचते हैं रंग लगवाने से उन पर रंगीन पानी की बाल्टी डाली जाती है। सभी सिर रंग की धूल से भरे हुए हैं, सभी कपड़े रंगीन पानी से गीले हैं और सभी चेहरे रंगीन और पहचान से परे होते हैं।

पानी और रंग फेंकना दोपहर में समाप्त हो जाता है। लोग खुद को साफ करते हैं और साफ कपड़े पहनते हैं। स्वादिष्ट व्यंजन ‘भांग’ से तैयार किए जाते हैं, यह माना जाता है कि यह भगवान शिव का पसंदीदा पेय है। लोग खाना खाते हैं, डांस करते हैं।

पारंपरिक शैली में मथुरा और बृंदाबन में होली मनाई जाती है। ‘रास-लीलाएँ’ की जाती हैं और भगवान कृष्ण और उनकी गोपियों की यादें एक हज़ार तरीकों से पुनर्जीवित होती हैं।

वहाँ, इसका धार्मिक स्पर्श है और होली के त्योहार में भाग लेने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। कई मिथक और किंवदंतियाँ होली से जुड़ी हुई हैं। ऐसा कहा जाता है कि प्रह्लाद अपने पिता हिरणकश्यप द्वारा यातनाएं देता था, क्योंकि प्रह्लाद को ईश्वर में दृढ़ विश्वास था। महान यातनाओं के बावजूद प्रह्लाद ने ईश्वर में अपना विश्वास नहीं छोड़ा।

तब हिरणकश्यप ने अपनी बहन होलिका को अपनी बाहों में प्रहलाद के साथ दफन चिता में बैठने के लिए कहा। होलिका जलकर राख हो गई लेकिन प्रह्लाद आग की लपटों से अछूता नहीं रहा। इस प्रकार होली प्रह्लाद की भक्ति और उनके पिता हिरणकश्यप की क्रूरता को याद करती है।

हर साल एक अलाव जलाया जाता है और खलनायक के लिए होलिका जलाई जाती है। एक अन्य कथा के अनुसार, इस दिन भगवान कृष्ण ने पूतना नामक दैत्य का वध किया।

होली का अब तक एक और महत्व है। यह एक मौसमी त्योहार है, यह कटाई के मौसम की शुरुआत का प्रतीक है। गेहूं की फसलें खेतों में पकी हुई हैं और होली के तुरंत बाद कटाई शुरू हो जाती है। जो भी होली का महत्व हो सकता है, वह निश्चित रूप से एक रंगीन त्योहार है।

यह हमारे जीवन को मस्ती और आनंद, उल्लास और हंसी के बेहतरीन रंगों से भर देता है, लोग सभी पुरानी दुश्मनी भूल जाते हैं और रंगों के इस त्योहार को मनाते हैं।

हमारे द्वारा यहाँ प्रस्तुत कराए गए होली पर हिन्दी निबंध विद्यार्थियों के लिए बहुत मददगार साबित होंगे। इनकी सहायता से students होली पर उत्कृष्ट निबंध लिख सकते हैं।

और हाँ, होली के खूबसूरत रंगों की तरह आपको और आपके परिवार को बहुत बहुत रंगों भरी उमंग भरी शुभकामनायें। Happy Holi 2024.

यह भी पढ़ें:

  • होली क्यों मनाई जाती है? Why is Holi Celebrated in Hindi

यदि आपको इस आर्टिकल में Holi Essay Hindi पसंद आए तो सोशल मीडिया पर अपने दोस्तों के साथ जरूर साझा करें।

Avatar for Jamshed Khan

About Jamshed Khan

मैं इस ब्लॉग का एडिटर हु और मुझे लिखने का बहुत शौक है। इस ब्लॉग पर मैं एजुकेशन और फेस्टिवल से रिलेटेड आर्टिकल लिखता हूँ।

Related Posts

Maa kavita poem on mother in hindi

Leave a Comment Cancel reply

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

I need help with ...

होली पर निबंध-Holi Essay March 2024

Essay on holi- होली पर निबंध .

रंगों का त्योहार होली , हिन्दुओं के चार बड़े पर्वों में से एक है। यह पर्व फाल्गुनी पूर्णिमा को होलिका दहन के पश्चात् चैत्र कृष्ण प्रतिपदा में धूमधाम से मनाया जाता है। वसन्त ऋतु वैसे भी ऋतुराज के नाम से जानी जाती है। इसी प्रकार फाल्गुन का महीना भी अपने मादक सौन्दर्य तथा वासन्ती पवन से लोगों को हर्षित करता है। हमारा प्रत्येक पर्व किसी-न-किसी प्राचीन घटना से जुड़ा हुआ है। होली के पीछे भी एक ऐसी ही प्राचीन घटना है जो आज से कई लाख वर्ष पहले सत्ययुग (सतयुग) में घटित हुई थी।

उस समय हिरण्यकश्यप नाम का एक दैत्यराजा आर्यावर्त में राज्य करता था। वह स्वयं को परमात्मा कहकर अपनी प्रजा से कहता था कि वह केवल उसी की पूजा करें। निरुपाय प्रजा क्या करती, डर कर उसी की उपासना करती। उसका पुत्र प्रह्लाद, जिसे कभी नारद ने आकर विष्णु का मंत्र जपने की प्रेरणा दी थी, वही अपने पिता की राय न मानकर रामनाम का जप करता था। ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’, उसका प्रिय मंत्र था।

happy holi essay

अपने पुत्र के द्वारा की जाने वाली राजाज्ञा की यह अवहेलना हिरण्यकश्यप से सहन न हुई और वह अपने पुत्र को मरवाने के लिए नाना प्रकार के कुचक्र रचने लगा। कहते हैं जब प्रह्लाद किसी प्रकार भी उसके काबू में नहीं आया तो एक दिन उसकी बहन होलिका, जो आग में जल नहीं सकती थी – अपने भतीजे प्रह्लाद को लेकर जलती आग में कूद गई। किन्तु प्रह्लाद का बाल-बाँका नहीं हुआ और होलिका भयावह आग में जलकर राख हो गई। इस प्रकार होली एक भगवद्भक्त की रक्षा की स्मृति में प्रतिवर्ष मनाई जाने लगी। होली पूजन वस्तुतः अग्निपूजन है जिसके पीछे भावना यह होती है कि हे अग्नि देव! जिस प्रकार आपने निर्दोष प्रह्लाद को कष्टों से उबारा, उसी प्रकार आप, हम सबकी दुष्टों से रक्षा करें, प्रसन्न हों।

होली पूजन का एक रहस्य यह भी है कि फाल्गुन के पश्चात् फसल पक जाती है। और खलिहान में लाकर उसकी मड़ाई-कुटाई की जाती है। इस मौके पर आग लग जाने से कभी-कभी गांव के गांव तथा खलिहान जलकर राख हो जाते हैं। होलिका पूजन के द्वारा किसान अग्नि में विविध पकवान, जौ की बालें, चने के पौधे आदि डालकर उसे प्रसन्न करते रहे हैं कि वह अपने अवांछित ताप से मानव की रक्षा करे। कितना ऊँचा शिव संकल्प था। होली का त्योहार वैसे लगभग पूरे भारत में मनाया जाता है किन्तु ब्रज मण्डल में मनाई जाने वाली होली का अपना अलग ही रंग-ढंग है। बरसाने की लट्ठमार होली देखने के लिए तो देश से क्या, विदेशों से भी लोग आते हैं। इसमें नन्द गांव के होली खेलने वाले पुरुष जिन्हें होरिहार कहते हैं, सिर पर बहुत बड़ा पग्गड़ बांधकर बरसाने से आई लट्ठबन्द गोरियों के आगे सर से रागों में होली गाते हैं और बरसाने की महिलाओं की टोली उनके ऊपर लाठी से प्रहार करती हैं।

पुरुष स्वयं को वारों से बचाते हुए होली गाते हुए आगे बढ़ने का प्रयास करते हैं। एकाध बार भूल से चोट लग जाने के अलावा सारा वातावरण रसमय होता है तथा लोग आपस में प्रेम और स्नेह से मिलकर पकवान खाते हैं। यह सिलसिला काफी समय से चला आ रहा है तथा हर साल इसे देखने के लिए कई हजार स्त्री-पुरुष जमा होते हैं।  ब्रज की होली के अतिरिक्त नाथद्वारा में होली का ठाट-बाट ज्यादा राजसी होता है। मथुरा, वृन्दावन में भी होली का सुन्दर रूप देखने को मिलता है तथा लोग नाचरंग करते हुए होली गाते और आनन्द मनाते हैं।

होली सामाजिक तथा विशद्ध रूप से हिन्दुओं का त्योहार है किन्तु ऐसे प्रमाण मिलते हैं जिनसे पता चलता है कि मुसलमान शासक भी इस रंगांरग त्योहार को धूमधाम से मनाते थे। लखनऊ में वाजिद अली शाह का नाम ऐसे शासकों में अग्रणी माना जाता है। वे कृष्ण पर कविता करते, होली लिखते तथा होली के अवसर पर कैसर बाग में नाच-गाने की व्यवस्था कराते थे। वाजिद अली, हिन्दू-मुसलमानों के बीच स्नेह और प्यार को प्रोत्साहन देने वाले एक बहुत अच्छे शासक थे। होली का शहरों में स्वरूप गांवों से थोड़ा भिन्न होता है। कुछ शहरों में तो होली मनाने का तरीका अभद्रता की सीमा पार कर जाता है जिसे रोका जाना जरूरी है। होली के अवसर पर कुछ लोग ज्यादा मस्ती में आ जाते हैं। वे मादक द्रव्यों का सेवन करके ऐसी हरकतें करते हैं जिनको कोई सभ्य समाज क्षमा नहीं कर सकता।

holi essay in hindi

होली पर पराग्रफ ,Hindi essay on Holi 2024  

होली का पर्व ऋतुराज वसंत के आगमन पर फाल्गुन की पूर्णिमा को आनंद और उल्लास के साथ मनाया जाता है। इन दिनों रबी की फसल पकने की तैयारी में होती है। फाल्गुन पूर्णिमा के दिन लोग गाते-बजाते, हँसते-हँसाते अपने खेतों पर जाते हैं। वहाँ से वे जौ की सुनहरी बालियाँ तोड़ लाते हैं। जब होली में आग लगती है तब उस अधपके अन्न को उसमें भूनकर एक-दूसरे को बाँटकर गले मिलते हैं।

होलिका दहन के संबंध में एक कहानी प्रसिद्ध है-हिरण्यकशिपु की बहन होलिका को वरदान प्राप्त था कि आग उसे जला नहीं सकती। हिरण्यकशिपु ईश्वर को नहीं मानता था। वह अपने को ही सबसे बड़ा मानता था। उसका पुत्र प्रह्लाद अपने पिता के विपरीत ईश्वर पर विश्वास करता था। पिता ने उसे ऐसा करने के लिए बार-बार समझाया, किंतु प्रह्लाद पर कोई असर नहीं हुआ। इस पर हिरण्यकशिपु बहुत क्रुद्ध हुआ। उसने अपने पुत्र को तरह-तरह से त्रास दिए, किंतु प्रह्लाद अपने निश्चय से डिगा नहीं।

अंत में हिरण्यकशिपु ने उसे अपनी बहन होलिका के सुपुर्द कर दिया। होलिका प्रह्लाद को गोद में लेकर आग में बैठ गई। होलिका तो जल गई, किंतु भक्त प्रह्लाद का कुछ भी नहीं बिगड़ा। इस प्रकार होलिका दहन ‘बुराई के ऊपर अच्छाई’ की विजय है। एक अन्य कथा के अनुसार, भगवान् श्रीकृष्ण ने इस दिन गोपियों के साथ रासलीला की थी। इसी दिन नंदगाँव में सभी लोगों ने रंग और गुलाल के साथ खुशियाँ मनाई थीं। नंदगाँव और बरसाने की ब्रजभूमि पर इसी दिन बूढ़े और जवान, स्त्री और पुरुष सभी ने एक साथ मिलकर जो रास-रंग मचाया था, होली आज भी उसकी याद ताजा कर जाती है।

पहले प्रीतिभोज का आयोजन होता था; गीतों, फागों के उत्सव होते थे; मिठाइयाँ बाँटी जाती थीं। बीते वर्षों की कमियों पर विचार होता था। इसके बाद दूसरे दिन होली खेली जाती थी। छोटे-बड़े मिलकर होली खेलते थे। अतिथियों को मिठाइयाँ और तरहतरह के पकवान खिलाकर तथा गले मिलकर विदा किया जाता था। । किंतु आज यह पर्व बहुत घिनौना रूप धारण कर चुका है। इसमें शराब और अन्य नशीले पदार्थों का भरपूर सेवन होने लगा है। राह चलते लोगों पर कीचड़ उछाला जाता है। होली की जलती आग में घरों के किवाड़, चौकी, छप्पर आदि जलाकर राख कर दिए जाते हैं। खेत-खलिहानों के अनाज, मवेशियों का चारा तक स्वाहा कर देना अब साधारण सी बात हो गई है। रंग के बहाने दुश्मनी निकालना, शराब के नशे में मन की भड़ास निकालना आज होली में आम बात हो गई है।

यही कारण है कि आज समाज में आपसी प्रेम के बदले दुश्मनी पनप रही है। जोड़नेवाले त्योहार मनों को तोड़ने लगे हैं। होली की इन बुराइयों के कारण सभ्य और समझदार लोगों ने इससे किनारा कर लिया है। रंग और गुलाल से लोग भागने लगे हैं।

source:-http://www.hindiparagraph.com/festivals/holi/paragraph-on-holi-in-hindi-language/1290

essay on holi in hindi

सम्बंधित:- Hindi Essay, हिंदी निबंध।  

  • रक्षाबंधन पर निबंध
  • होलिका दहन पर निबंध
  • भारतीय त्यौहारों पर निबंध
  • स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध
  • मातृ दिवस पर निबंध
  • ईद पर निबंध
  • क्रिसमस पर निबंध
  • दीपावली पर निबंध
  • दशहरा पर निबंध
  • महान व्यक्तियों पर निबंध
  • पर्यावरण पर निबंध
  • प्राकृतिक आपदाओं पर निबंध
  • सामाजिक मुद्दे पर निबंध
  • स्वास्थ्य पर निबंध
  • महिलाओं पर निबंध

Related Posts

दहेज प्रथा पर निबंध

शिक्षा में चुनौतियों पर निबंध

हर घर तिरंगा पर निबंध -Har Ghar Tiranga par nibandh

आलस्य मनुष्य का शत्रु निबंध, अनुछेद, लेख

मेरा देश भारत पर निबंध | Mera Desh par nibandh

1 thought on “होली पर निबंध-Holi Essay March 2024”

सर आपने होली पर निबंध बहुत ही अच्छे से लिखा

Leave a Comment Cancel reply

Essay on Holi for Students and Children

500+ words essay on holi.

Holi is known as the festival of colours. It is one of the most important festivals in India . Holi is celebrated each year with zeal and enthusiasm in the month of March by followers of the Hindu religion. Those who celebrate this festival, wait for it every year eagerly to play with colours and have delectable dishes.

Essay on Holi

Holi is about celebrating happiness with friends and family. People forget their troubles and indulge in this festival to celebrate brotherhood. In other words, we forget our enmities and get into the festival spirit. Holi is called the festival of colours because people play with colours and apply them to each other’s faces to get coloured in the essence of the festival.

History of Holi

The Hindu religion believes there was a devil king named Hiranyakashyap long ago. He had a son named Prahlad and a sister called Holika. It is believed that the devil king had blessings of Lord Brahma. This blessing meant no man, animal or weapon could kill him. This blessing turned into a curse for him as he became very arrogant. He ordered his kingdom to worship him instead of God, not sparing his own son.

Following this, all the people began worshipping him except for his son, Prahlad. Prahlad refused to worship his father instead of God as he was a true believer of Lord Vishnu. Upon seeing his disobedience, the devil king planned with his sister to kill Prahlad. He made her sit in the fire with his son on the lap, where Holika got burned and Prahlad came out safe. This indicated he was protected by his Lord because of his devotion. Thus, people started celebrating Holi as the victory of good over evil.

Get the huge list of more than 500 Essay Topics and Ideas

The Celebration of Holi

People celebrate Holi with utmost fervour and enthusiasm, especially in North India. One day before Holi, people conduct a ritual called ‘Holika Dahan’. In this ritual, people pile heaps of wood in public areas to burn. It symbolizes the burning of evil powers revising the story of Holika and King Hiranyakashyap. Furthermore, they gather around the Holika to seek blessings and offer their devotion to God.

The next day is probably the most colourful day in India. People get up in the morning and offer pooja to God. Then, they dress up in white clothes and play with colours. They splash water on one another. Children run around splashing water colours using water guns. Similarly, even the adults become children on this day. They rub colour on each other’s faces and immerse themselves in water.

In the evening, they bathe and dress up nicely to visit their friends and family. They dance throughout the day and drink a special drink called the ‘bhaang’. People of all ages relish holi’s special delicacy ‘gujiya’ ardently.

In short, Holi spreads love and brotherhood. It brings harmony and happiness in the country. Holi symbolizes the triumph of good over evil. This colourful festival unites people and removes all sorts of negativity from life.

Customize your course in 30 seconds

Which class are you in.

tutor

  • Travelling Essay
  • Picnic Essay
  • Our Country Essay
  • My Parents Essay
  • Essay on Favourite Personality
  • Essay on Memorable Day of My Life
  • Essay on Knowledge is Power
  • Essay on Gurpurab
  • Essay on My Favourite Season
  • Essay on Types of Sports

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Download the App

Google Play

होली पर निबन्ध | Essay for Kids on Holi in Hindi

hindi essay topic holi

होली पर निबन्ध | Essay for Kids on Holi in Hindi!

होली रंगों का त्योहार (Festival of Colours) है । इस त्योहार को देश के अलग-अलग भागों में भिन्न-भिन्न (Different) प्रकार से मनाया जाता है किन्तु यह चाहे जिस रूप में मनाया जाए वसन्त ऋतु (Spring Season) के इस त्योहार का रंग हर जगह एक-सा लगताहै । पेड़ों पर जन्म लेते नये-नयेपत्तों तथा आनन्ददायक (Pleasant) हवाओं के बीच रंग और गुलाल से प्रकृति (Nature) को और रंगीन बनाने तथा खुले मन से नाचने-गाने का पर्व है होली ।

ADVERTISEMENTS:

होली का त्योहार अपने देश की कुछ पौराणिक कहानियों (Epical Stories) से जुड़ा हुआ है । उनमें से प्रहलाद और होलिका की कहानी तो हर साल होली में दुहराई (Repeat) जाती है । कहा जाता है कि हिरण्यकश्यपु नामक राक्षस राजा अपने पुत्र प्रस्ताद को इसलिए मार डालना चाहता था क्योंकि वह भगवान विष्णु का भक्त था । हिरण्यकश्यपु भगवान विष्णु को अपना शत्रु (Enemy) मानता था ।

उसने प्रस्ताद को मारने के अनेक उपाय किये, लेकिन असफल (Unsuccessful)  रहा । एक बार उसने अपनी बहन होलिका को देवताओं द्वारा दिये गए वस्त्र को पहन कर, प्रस्ताद को गोद में लेकर जलती चिता में बैठने के लिए कहा ।

होलिका ने वैसा ही किया किन्तु भगवान विष्णु की कृपा से प्रस्ताद बच गया और होलिका जलकर मर गई । ऐसा माना जाता है कि तभी से हर वर्ष फाष्टन पूर्णिमा को होलिका दहन और होली मनाने की प्रथा चली ।

होली में पूजा-पाठ के साथ-साथ तरह-तरह के नये वस्त्र पहनने तथा नये-नये प्रकार के भोजन करने का रिवाज है । लोग कई दिन पहले से ही होली मनाने की व्यवस्था करने में लग जाते हैं । होली के दिन होलिका दहन किया जाता है अर्थात् पुराने घास-फूस-झाड़ियाँ टूटी-फूटी चीजें आदि जलाई जाती हैं और लोग नाचते-गाते हैं । लोग दिन निकलते ही तरह-तरह के वस्त्र पहन कर एक दूसरे पर रंग डालते और गुलाल लगाते तथा गले मिलते हैं । बच्चे-बूढ़े, युवक, स्त्री-पुरुष सबके मन में नई आशा और नया उमंग (Joy) लहराने लगता है ।

4. उपसंहार:

होली अपने दुखों को भूलकर भावी जीवन सँवारने, पुरानी दुश्मनी भूलकर नये रिश्ते कायम करने तथा बुराइयों को छोड्‌कर अच्छाई की राह पर चलने के निश्चय का त्योहार है ।

Related Articles:

  • होली पर निबंध | Essay for Kids on Holi in Hindi
  • होली | Holi in Hindi
  • होली पर निबंध | Essay on Holi
  • होली पर लेख | Article on Holi in Hindi

hindi essay topic holi

  • BPSC 70th नोटिफिकेशन 2024
  • यूजीसी नेट के फायदे
  • Career Expert Advice
  • Gandhi Jayanti Essay In Hindi 2nd October Nibandh For School Students In 10 Lines 200 Words

Gandhi Jayanti Nibandh: गांधी जयंती पर निबंध हिंदी में, ऐसे लिखा तो 2 अक्टूबर को सब करेंगे तारीफ!

Gandhi jayanti essay in hindi:  गांधी जयंती, 2 अक्टूबर को मनाई जाती है और यह महात्मा गांधी की जयंती है। इसे अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। आज हम आपके लिए यहां गांधी जयंती पर 200 शब्दों का निबंध लेकर आए हैं।.

gandhi jayanti essay in hindi 2nd october nibandh for school students in 10 lines 200 words

प्रस्तावना: 2 अक्टूबर-गांधी जी का जन्मदिन

प्रस्तावना: 2 अक्टूबर-गांधी जी का जन्मदिन

दो अक्टूबर को हम सब गांधी जयंती के रूप में मनाते हैं। यह दिन महात्मा गांधी का जन्मदिन होता है। गांधी जी भारत के बहुत बड़े नेता थे। वो पूरी दुनिया में शांति और अहिंसा के लिए जाने जाते हैं। यह दिन भारत में बड़े सम्मान से मनाया जाता है। गांधी जी का जन्म 1869 में गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। उन्होंने अंग्रेजों से भारत को आज़ाद कराने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वो हमेशा सच, अहिंसा और सत्याग्रह पर चलते थे। उनका मानना था कि समाज और राजनीति में बदलाव लाने का यही सबसे अच्छा तरीका है। उनके नेतृत्व और अहिंसा के प्रति समर्पण ने लाखों भारतीयों को आज़ादी की लड़ाई में शामिल होने के लिए प्रेरित किया।

गांधी जी का दांडी मार्च आंदोलन

गांधी जी का दांडी मार्च आंदोलन

1930 का दांडी मार्च, गांधी जी से जुड़ी एक बहुत ही प्रसिद्ध घटना है। इसमें गांधी जी और उनके हजारों समर्थक अरब सागर तक 240 मील से ज़्यादा पैदल चले थे। यह मार्च अंग्रेजों द्वारा नमक पर लगाए गए टैक्स के खिलाफ था। इस शांतिपूर्ण विरोध ने दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा और गांधी जी के अहिंसक प्रतिरोध के तरीके को सबके सामने लाया।

2 अक्टूबर यानी छुट्टी का दिन नहीं!

2 अक्टूबर यानी छुट्टी का दिन नहीं!

गांधी जयंती सिर्फ़ छुट्टी का दिन नहीं है। यह दिन उनके बारे में सोचने और खुद को समझने का दिन है। इस दिन स्कूलों में बच्चों को उनके जीवन और शिक्षाओं के बारे में बताया जाता है। लोग प्रार्थना सभाओं में जाते हैं, उनकी मूर्तियों पर फूल चढ़ाते हैं और उनके प्रिय भजन गाते हैं।

अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस: पूरी दुनिया पर बापू का प्रभाव

अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस: पूरी दुनिया पर बापू का प्रभाव

गांधी जी के सिद्धांतों का महत्व पूरी दुनिया में है, इसलिए 2 अक्टूबर को 'अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस' भी मनाया जाता है। उनसे न सिर्फ़ भारत बल्कि पूरी दुनिया के लोग प्रेरित हुए, जैसे कि अमेरिका के मार्टिन लूथर किंग जूनियर और दक्षिण अफ़्रीका के नेल्सन मंडेला।

उपसंहार: गांधी जी के रास्ते पर चलें!

उपसंहार: गांधी जी के रास्ते पर चलें!

अंत में, गांधी जयंती महात्मा गांधी को याद करने और उनके बताए रास्ते पर चलने का दिन है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि अहिंसा, सच्चाई और न्याय से ही एक अच्छी और शांत दुनिया बन सकती है। गांधी जी की सीख आज भी लोगों को शांतिपूर्ण तरीकों से बदलाव लाने की दिशा में प्रेरित करती है।

प्रभाष रावत

रेकमेंडेड खबरें

एक राज्य से दूसरे में नौकरी करना गुनाह! क्यों डोमिसाइल नीति की हो रही चर्चा?

IMAGES

  1. होली पर निबंध । Holi per nibandh । Holi ka nibandh hindi mein

    hindi essay topic holi

  2. Essay On Holi In Hindi

    hindi essay topic holi

  3. Short Essay On My Favourite Festival Holi In Hindi

    hindi essay topic holi

  4. होली पर निबंध: Holi Essay in Hindi- होली पर निबंध हिंदी में

    hindi essay topic holi

  5. होली पर निबंध

    hindi essay topic holi

  6. होली पर निबंध

    hindi essay topic holi

VIDEO

  1. मेरा प्रिय त्योहार : होली पर निबंध

  2. 10 Lines On Holi in Hindi/Holi Par Nibandh/Holi Essay in Hindi/Holi Per Nibandh/होली पर निबंध

  3. 10 lines essay on Holi in hindi|| Content Writer|| YouTube Shorts

  4. 10 lines on Holi in Hindi/होली पर निबंध 10 लाइन/Essay on Holi Festival in Hindi

  5. Holi par nibandh/होली पर निबंध/10 lines on Holi in hindi/Essay on Holi in hindi #shorts

  6. होली पर निबंध

COMMENTS

  1. होली पर निबंध (Essay on Holi in Hindi): इतिहास, महत्व, 200 से 500

    होली एक रंगबिरंगा त्योहार है, जिसे हिन्दू धर्म के लोग पूरे उत्साह और धूम-धाम के साथ मनाते हैं। होली पर निबंध (Essay on Holi) लिखना सीखने के लिए पूरा लेख पढ़ें।

  2. होली पर निबंध (Essay on Holi in Hindi)

    होली पर निबंध (Essay Holi in Hindi) - होली पर निबंध 10 लाइन (holi essay in hindi 10 lines) 1) होली को रंगों का त्योहार कहा जाता है।. 2) होली भारत के सबसे लोकप्रिय त्यौहारों ...

  3. होली पर निबंध

    होली पर निबंध (Holi Essay in Hindi) By लक्ष्मी श्रीवास्तव / January 13, 2017 February 21, 2023 अपडेट किया गया: 20 फरवरी 2023

  4. होली पर निबंध (Holi Essay in Hindi)

    होली पर निबंध हिंदी में (Holi Essay in Hindi) 10 लाइन. होली का त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व है।. हर साल होली फागुन (मार्च) के महीने में मनाई ...

  5. होली पर निबंध

    यहां essay on holi in hindi 150 शब्दों में, होली पर निबंध 200 शब्दों में, होली पर निबंध 250 शब्दों में और 300 व 500 शब्दों में शेयर किया है।

  6. होली पर निबंध (महत्व, कथा, कब है?) Essay on Holi In Hindi

    इस लेख में आप होली पर निबंध (Essay on Holi In Hindi) पढेंगे। इसमें आप होली त्यौहार क्या है, महत्व, तारीख, कैसे मानते हैं, इसकी कहानी जैसी कई जानकारियाँ दी गयी है।

  7. होली पर हिन्दी निबंध

    Holi Essay In Hindi; Written By WD होली पर हिन्दी निबंध . होली एक ऐसा रंगबिरंगा त्योहार है, जिस हर धर्म के लोग पूरे उत्साह और मस्ती के साथ मनाते हैं। प्यार ...

  8. होली पर निबंध

    होली पर निबंध 100 शब्दों में (Essay On Holi 100 Words) होली एक प्रमुख हिंदू त्योहार है, जो हर साल वसंत ऋतु में मनाया जाता है। यह रंगों का त्यौहार है ...

  9. होली पर निबंध (Holi Essay in Hindi)

    Holi par nibandh in Hindi (Essay on Holi in Hindi) - साल भर मनाए जाने वाले विभिन्न त्योहार भारतीय जीवन शैली का एक अभिन्न हिस्सा हैं। हमारे संस्कृति प्रधान देश में कई रंग-बिरंगे और ...

  10. Holi Essay in Hindi

    इस लेख के जरिए होली निबंध हिन्दी (Holi Essay in Hindi) (Holi Par Nibandh) मे इस त्योहार के महत्वपूर्ण पहलुओ पर विशेष तरीके से फोकस किया गया है। मै आशा करता हू ...

  11. होली पर निबंध हिंदी में (Holi Essay in Hindi) होली पर निबंध PDF

    होली पर निबंध PDF | Holi Essay PDF. होली का उत्सव होलिका दहन के साथ शुरू होता है, क्योंकि लोग बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक अलाव जलाकर इस दिन का ...

  12. Holi Essay in Hindi : होली पर निबंध

    Holi Essay In Hindi for Class 1-10, होली पर निबंध 100, 150, 200, 300 Words, Short Notes, Holi Essay In Hindi आदि इस ब्लॉग में दिया गया है। - Infinity Learn (IL)

  13. Holi Essay In Hindi

    The start of Spring- वसंत से आगाज | Holi Essay The Victory of the Good over the Evil- अच्छाई पर बुराई की जीत का पर्व Holi in the pages of history- इतिहास के पन्नों में होली का जिक्र Colorful Country- रंगो से सराबोर देश

  14. होली पर निबंध 10 पंक्तियाँ (Essay On Holi 10 lines in Hindi)

    होली पर निबंध (Holi Essay in Hindi) - होली रंगों का त्योहार है जो न केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व में मनाया जाता है। यह एकता का त्योहार भी है क्योंकि यह लोगों को जाति ...

  15. होली पर निबंध

    होली पर निबंध 200-300 शब्दों में (Short Essay On Holi In Hindi in 200-300 Words) यदि आपका बच्चा होली के अवसर पर एक अच्छा हिंदी शार्ट एस्से लिखना चाहता है तो उसे निबंध ...

  16. Essay on Holi (होली पर निबंध)

    Holi - The Festival of Colors. Holi is the festival of Colors. It is majorly the festival of Hindus, but now everyone indulges in this beautiful culture of sharing love through smearing colors on each other's face. Holi symbolizes "Coloring one another in love". होली रंगों का त्योहार है। यह ...

  17. होली पर हिन्दी निबंध

    होली पर हिन्दी निबंध | Holi Essay in Hindi बुरा ना मानो होली है- रंगो का पर्व होली सभी का सबसे प्रिय त्योहार है। युवा और बच्चे खासकर इस दिन बड़े उत्साह में रहते हैं ...

  18. होली पर निबंध Essay on Holi in Hindi

    होली पर निबंध - Holi Essay in Hindi - In this article, we are giving complete information about Holi. Holi is a subject on which you can be asked to write an essay in any class. You should have full information about the topic of Holi to write an essay on Holi. Only then can you produce an effective essay. You can gain ...

  19. होली पर निबंध 2023

    होली पर निबंध 2023 | Holi Essay in Hindi 300-400 शब्द. होली का पर्व हिन्दुओं के द्वारा मनाये जाने वाले प्रमुख त्योहारों में से एक है। होली पूरे भारत में ...

  20. होली पर निबंध

    Holi Essay in Hindi 2024 (निबंध 1) of 50 Words. होली का त्यौहार बच्चों के लिए विशेष रूप से मजेदार और आनंदमय होता है। होलिका दहन के दिन लकड़ी एकत्र की जाती है ...

  21. होली पर निबंध-Holi Essay March 2024 » हिंदी निबंध, Nibandh

    होली पर पराग्रफ ,Hindi essay on Holi 2024 . होली का पर्व ऋतुराज वसंत के आगमन पर फाल्गुन की पूर्णिमा को आनंद और उल्लास के साथ मनाया जाता है। इन दिनों रबी की फसल पकने की ...

  22. Essay on Holi for Students and Children

    Thus, people started celebrating Holi as the victory of good over evil. Get the huge list of more than 500 Essay Topics and Ideas. The Celebration of Holi. People celebrate Holi with utmost fervour and enthusiasm, especially in North India. One day before Holi, people conduct a ritual called 'Holika Dahan'.

  23. होली पर निबन्ध

    होली पर निबन्ध | Essay for Kids on Holi in Hindi! 1. भूमिका: होली रंगों का त्योहार (Festival of Colours) है । इस त्योहार को देश के अलग-अलग भागों में भिन्न-भिन्न (Different) प्रकार से मनाया जाता है ...

  24. Gandhi Jayanti Nibandh: गांधी ...

    Gandhi Jayanti Essay In Hindi 2nd October Nibandh For School Students In 10 Lines 200 Words Gandhi Jayanti Nibandh: गांधी जयंती पर निबंध हिंदी में, ऐसे लिखा तो 2 अक्टूबर को सब करेंगे तारीफ!